शिशु के पेट में मरोड़ के क्या कारण हो सकते हैं? जानिए इसे दूर करने के घरेलू उपाय: Newborn Tummy Cramps
Newborn Tummy Cramps

शिशु के पेट में मरोड़ हो, तो क्या करें

नवजात शिशु के पेट में अक्सर गैस की वजह से दर्द होता है। लेकिन, पेट में दर्द होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिसके बारे में जानना हर मां के लिए जरूरी है।

Newborn Tummy Cramps: नवजात शिशु का अन्य बच्चों के मुकाबले पाचन तंत्र काफी कमजोर होता है। ऐसे में उन्हें अक्सर पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नवजात शिशु के पेट में अक्सर गैस की वजह से मरोड़ होता है। लेकिन, पेट में दर्द होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिसके बारे में जानना हर मां के लिए जरूरी है। 1 से लेकर 6 महीने तक के बच्चों के पेट में अधिकांश रूप से दर्द होता है और उसे घरेलू उपचार से ठीक भी किया जा सकता है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।

नवजात श‍िशु के पेट में मरोड़ के कारण

नाभि हटने से होता है दर्द

Newborn Tummy Cramps
Umbilical cord

नवजात शिशु के जन्म के तुरंत बाद अगर गर्भनाल, नाभि से पूरी तरह से हट जाए, तो उसके पेट में दर्द या मरोड़ महसूस होने लगता है।

डकार ना दिलवाने के कारण भी होता है मरोड़

Stomach pain
Stomach pain

नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद थोड़े-थोड़े अंतराल पर स्तनपान मां द्वारा करवाया जाता है। लेकिन, अगर आप स्तनपान के तुरंत बाद शिशु को डकार नहीं दिलवाती है, तो उसकी वजह से उनके पेट में मरोड़ हो सकता है और बच्चा रोने लगेगा।

भूखा रहने के कारण भी होता है दर्द

डॉक्टर्स द्वारा मां को सलाह दी जाती है कि बच्चे के जन्म के बाद उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर पर स्तनपान करवाया जाए, लेकिन अगर बच्चा ज्यादा देर तक भूखा रह जाता है, तो उसके पेट में दर्द होने लगता है. ऐसे समय में आपको उसे तुरंत स्तनपान करवाना चाहिए।

अधिक दूध पिलाने के कारण भी होती है मरोड़

Milk feeding
Milk feeding

नवजात शिशु को अगर जरूरत से ज्यादा दूध एक साथ पिला दिया जाए, तो भी उनके पेट में मरोड़ की समस्या होने लगती है। ऐसे में आप थोड़े अंतराल पर ही बच्चों को दूध पिलाया करें।

मोशन सिकनेस

अगर आप बच्चे के साथ कहीं यात्रा कर रही हैं, तो उसे मोशन सिकनेस की समस्या हो सकती है और यह भी उसके पेट के दर्द का कारण बन सकता है। अगर, नवजात शिशु को मोशन सिकनेस की समस्या है, तो आपको अपनी लंबी यात्रा के दौरान थोड़े-थोड़े समय के लिए रूकना चाहिए। इससे शिशु ताजी हवा ले पाता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान दें कि यात्रा से पहले शिशु ने थोड़ा भोजन अवश्य लिया हो।

आंतों में रूकावट

अगर आपके शिशु के पेट में थोड़ी-थोड़ी देर पर दर्द हो रहा है और वह अचानक से रोने लगे, तो यह शिशु की आंतो में रुकावट का लक्षण हो सकता है। इस स्थिति के अन्य संकेतों में शिशु को उल्टी होना और यह लक्षण समय के साथ बढ़ जाते हैं। इस तरह की समस्या होने पर आपको उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

नवजात शिशु के पेट में मरोड़ से छुटकारा दिलाएंगे ये घरेलू नुस्खे

बच्चे को साइक‍िल‍िंंग मोशन में घुमाएं

अगर बच्चे के पेट में लगातार दर्द हो रहा है, तो उसे दूर करने के लिए मां उसे साइकिलिंग मोशन में घुमाना शुरू कर दें। इससे उसके पेट में जमा गैस निकलने लगेगा। साथ ही उसे काफी आराम भी मिलेगा। इसके लिए बच्चे को सबसे पहले बेड पर लिटा कर उसके दोनों पैरों को पकड़कर हल्के हाथ से साइकिलिंग की तरह चलाते हुए घुमाएं। ऐसा करने से बच्चे को दर्द से राहत मिलेगी।

नवजात श‍िशु को डकार द‍िलवाना जरूरी

Stomach pain In kids
Stomach pain In kids

नई मां को बच्चे को स्तनपान करवाने के बाद इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसे बच्चे को डकार जरूर दिलवाना है। डकार ना दिलाने से बच्चे का पिया हुआ दूध ठीक से नहीं पचता हैं। इसके कारण उसके पेट में गैस जमा होने लगती हैं और इसके कारण पेट में मरोड़ व दर्द होने लगता है। ऐसे में उसे डकार जरूर दिलवाएं। डकार दिलवाने के लिए नवजात शिशु को गोद में उल्टा लिटाएं। फिर हल्के हाथ से उसकी पीठ थपथपाएं। इसके अलावा शिशु के सिर को कंधे पर रखकर कुछ देर टहलें। इस प्रक्रिया को करने से नवजात के पेट में जमा गैस डकार के रूप में निकलने लगेगा।

तेल माल‍िश

Oil massage
Oil massage

अगर आपके बच्चे के पेट में अक्सर मरोड़ की समस्या होती है, तो आप प्रतिदिन उसके पेट एवं नाभि की सरसों तेल से मसाज किया करें। ऐसा करने के लिए आप तेल को हल्का गर्म करके धीरे-धीरे बच्चे के पेट की मालिश करें और नाभि में दो बूंद तेल की भी डाल दिया करें। ऐसा करने से बच्चे को दर्द एवं मरोड़ की समस्या से आराम मिलेगा।

अजवाइन करें इस्तेमाल

Celery
Celery

यह दादी मां का काफी पुराना नुस्खा है, जिसमें अजवाइन को तवे में भूनकर एक पोटली में डालना होता है। फिर उस पोटली से बच्चे के पेट की सिकाई की जाती है। इससे बच्चे को पेट दर्द एवं मरोड़ जैसी समस्याओं से काफी राहत मिलती है। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली नई मां भी अजवाइन का पानी पी सकती है। इससे उन्हें भी गैस की समस्या से राहत मिलती है।

अपनाएं दादी-नानी का नुस्‍खा

नवजात शिशुओं के जन्म के बाद हींग का नुस्खा तो हर घर में अपनाया जाता है और यह काफी कारगर भी साबित होता है। नवजात शिशु को गैस, पेट में मरोड़, दर्द आदि की समस्या से आराम दिलाने के लिए हींग का लेप लगा सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच हींग को गर्म पानी में मिलाकर घोल बनाएं। तैयार पेस्ट को शिशु की नाभि पर हल्के से मसाज करते हुए लगाएं। ऐसा करने से बच्चों को आराम मिलता है।

1 महीने के बच्चे के पेट में दर्द हो तो क्या करें?

Stomach pain causes
Stomach pain causes

अगर 1 महीने के शिशु के पेट में दर्द और मरोड़ जैसी समस्याएं अक्सर देखने को मिलती है, तो उनकी सरसों के तेल से अच्छी तरह मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से उनकी हड्डियां भी मजबूत होती है और उन्हें गैस जैसी समस्या भी नहीं झेलनी पड़ती है। इसके अलावा 1 माह के बच्चे को थोड़े-थोड़े अंतराल पर दूध पिलाते रहना चाहिए, ताकि उसका पेट ज्यादा देर तक खाली ना रहे और उसके पेट में दर्द भी ना हो।

गैस होने के कारण भी शिशु के पेट में होता है मरोड़, जानिए इसका घरेलू उपाय

बच्चे को पिलाएं ये मिश्रण

आपके शिशु 6 माह से अधिक का है, तो उसे गैस से राहत दिलाने के लिए जीरा, अजवाइन, काला, नमक और हींग के पाउडर से तैयार मिश्रण देना चाहिए। आप मात्र 2 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ दिन में 2 बार लें। ऐसा करने से आपको पेट की गैस को बाहर निकालने में बहुत आराम मिलता है।

गर्म पानी में स्‍नान

Baby bath
Baby bath

अगर रात के समय में आपके बच्चे के पेट में दर्द होने लगे तो, आप एक टब में गुनगुना पानी रखें और बच्चे को पकड़ कर बैठा दें ऐसा करने से उसे पेट में तुरंत आराम मिलेगा। साथ ही उसके मरोड़ की समस्या भी तुरंत ठीक हो जाएगी।

दूध में बुलबुला न होने दें

Milk
Milk

जब आप बोतल या गिलास में दूध भर रही हो तो इस बात का ध्यान रखें कि उसके अंदर हवा नहीं जा रहा हो। इसके अलावा बोतल का निप्‍पल इस तरह रखें कि ना तो अधिक दूध मुंह में जाए और ना ही कम।

बाजार का जूस

अगर आपका बच्चा 6 माह से अधिक का है, तो उसे बाजार के फ्रूट जूस बिल्कुल भी ना दे। इस उम्र में बच्चों को जूस देने की वजह से उनके पेट में गैस बनने लगता है और उन्हें मरोड़ जैसी समस्याएं परेशान करने लगती है।

बोतल गंदा न रखें

Baby Stomach Cramps
शिशु के पेट में मरोड़ के क्या कारण हो सकते हैं? जानिए इसे दूर करने के घरेलू उपाय: Newborn Tummy Cramps 15

एक शोध में पाया गया है कि अगर बच्चे का दूध पीने वाला बोतल गंदा रहता है, तो उसकी वजह से बच्चों को कई तरह के इंफेक्शन भी हो सकते हैं। उनके पेट में दर्द की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में जब भी आप बच्चों को दूध पिलाएं तो उससे पहले बोतल को अच्छी तरह से गर्म पानी में साफ कर लिया करें। ऐसा करने से आपके बच्चे के पेट में दर्द नहीं होगा और ना ही उसे कोई इंफेक्शन परेशान करेगा।

पान का रस

अगर नवजात के पेट में लगातार दर्द हो रहा है, तो पान के रस में एक लौंग के चूर्ण को गुड़ के साथ मिक्स करें। इसे दिन में तीन बार मां के दूध में मिक्स करके बच्चों को पिलाएं। ऐसा करने से शिशु को राहत मिलेगी।

जायफल

Nutmeg
Nutmeg

नवजात शिशु के पेट में दर्द हो रहा है, तो जायफल इससे निजात दिला सकता है। इसके लिए जायफल को घिसकर पानी या मां के दूध में मिक्स करें। इसे 1/8 चम्मच दिन में दो बार पिलाया जा सकता है।

शिशु को पेट दर्द में डॉक्टर के पास कब ले जाएं?

Stomach pain in Hindi
Stomach pain in Hindi

शिशु के पेट में घरेलू उपाय आसमानी के बाद भी लगातार दर्द हो रहा है तो उसे अपने नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाएं। इसके अलावा अगर दर्द होने के कारण शिशु के मल और उल्टी में खून आने लगे, तो भी उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। क्योंकि, कई बार किसी संक्रमण, चोट या अन्य कारण के चलते शिशु के पेट में तरल इकट्ठा हो सकता है, जिसकी वजह से शिशु के पेट में दर्द होने लगता है।

नवजात शिशु को पेट दर्द में क्या आहार दें?

Baby food
Baby food

नवजात शिशु को अगर पेट में दर्द होता है, तो वह अक्सर घरेलू उपाय से ठीक हो जाता है। लेकिन, अगर बच्चा 6 माह से अधिक का है और फिर भी उसके पेट में मरोड़ जैसी समस्या होने लगे, तो उसे पर्याप्त मात्रा में मां का दूध देना चाहिए। क्योंकि, ये उसके आंतो के लिए काफी फायदेमंद है और इससे उसकी पाचन क्रिया भी मजबूत होती है। इसके अलावा बच्चों को आप पेट दर्द में फलों का रस दे सकती हैं, लेकिन आप फलों के रस में पानी मिलाकर ही शिशु को दें। पानी मिला जूस शिशु आसानी से पचा पाते हैं।

FAQ | क्या आप जानते हैं

नवजात के पेट में ऐंठन हो तो क्या करें?

नई मां दादी और नानी के नुस्खे को अपनाकर नवजात शिशु के पेट दर्द को दूर करने के लिए गुनगुने सरसों के तेल की नाभि में मालिश भी करती हैं। इसके अलावा आप छोटे रुमाल में गर्म अजवायन की पोटली बना कर उससे बच्चे के पेट की सिकाई कर सकती है।

1 महीने के बच्चे के पेट में गैस बन जाए तो क्या करें?

बोतल से दूध पिलाने के दौरान नवजात शिशु का सिर पेट से थोड़ा ऊपर की तरफ रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार बच्चा बोतल से दूध पीते समय तेजी से दूध खींचता है, जिसकी वजह से उसके पेट में हवा चली जाती है।

कैसे पता करें कि बच्चा ठीक से दूध पी रहा है?

अगर स्‍तनपान के दौरान मां को नवजात श‍िशु के दूध का घूंट भरने की आवाज सुनाई दे, तो समझ जाएं क‍ि वो दूध पी रहा है।

1 महीने के बच्चे को कितनी देर में दूध पिलाना चाहिए?

डॉक्टर्स द्वारा एक से दो महीने के होने पर शिशु को दिन में 7 से 9 बार दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। पहले कुछ हफ्तों में आपको शिशु को भूख लगने यानि हर डेढ़ से 3 घंटे में दूध पिलाना चाहिए।

आपको कैसे पता चलेगा कि बच्चे को पेट का दर्द है?

अगर आपका बच्चा बिना किसी कारण के दिन में लगातार रोते जा रहा है, तो उसे पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। ऐसे समय में या तो आप उसे तुरंत डॉक्टर से दिखाए या फिर घरेलू नुस्खे अपनाकर उसका इलाज करें।

1 महीने के बच्चे को ग्राइप वाटर दे सकते हैं क्या?

ग्राइप वॉटर शिशु के लिए सुरक्षित होता है। लेकिन, एक महीने से कम उम्र के शिशु को डॉक्टर्स द्वारा इसकी सलाह नहीं दी जाती है। क्योंकि, ऐसे समय में शिशु के पाचन तंत्र का विकास हो रहा होता है।

बच्चे को दूध पिलाने के बाद उल्टी क्यों होती है?

जन्म के तुरंत बाद शिशु की भोजन नली पूरी तरह से मैच्योर नहीं होती है। इसलिए कभी-कभी दूध पीने के बाद दूध वापस भोजन नली में आ जाता है और बच्चों के नाक और मुंह से निकलने लगता है।