Self Study Tips: हर माता-पिता की यह इच्छा होती है कि उनका बच्चा पढ़ाई में बेहद अच्छा परफॉर्म करे। आज के कॉम्पिटिटिव युग में यह और भी अधिक जरुरी है कि बच्चा सेल्फ स्टडी करे। अगर आप बच्चे को पढ़ने के लिए कहते हैं और वह पढ़ता है तो ऐसे में उसके लिए बेहतर परफॉर्म करना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए पेरेंट्स के लिए यह जरूरी होता है कि वे अपने बच्चे को सेल्फ स्टडी के लिए प्रेरित करें। ऐसा करना मुश्किल नहीं है। बस जरूरी है कि आपकी तकनीक सही हो। तो चलिए आज इस लेख में आपको कुछ ऐसे ही आसान टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप बच्चे को सेल्फ स्टडी के लिए प्रेरित कर सकते हैं-
सेल्फ स्टडी के लिए सेट करें डेली गोल्स

बच्चे को किसी भी काम को लेकर मोटिवेट करने के लिए जरूरी होता है कि आप उनके लिए कुछ गोल्स सेट करें। ऐसा ही पढ़ाई के लिए भी आवश्यक है। कोशिश करें कि आप बच्चे के लिए कुछ डेली गोल्स सेट करें। आप किसी भी सब्जेक्ट में बच्चे को एक चैप्टर का कुछ हिस्सा पढ़ने का टास्क दे सकते हैं। जब आप ऐसा करते हैं तो इससे बच्चे के माइंड में यह सेट होगा कि आज उन्हें क्या करना है और इससे वह पढ़ाई के लिए प्रेरित होंगे। अकसर बच्चों को यह समझ नहीं आता है कि उन्हें क्या पढ़ना है और क्या नहीं। इसलिए वे पढ़ाई ही स्किप कर देते हैं।
सेल्फ स्टडी के लिए दें रिवॉर्ड

यहां आपको यह समझने की आवश्यकता है कि रिवॉर्ड और रिश्वत में अंतर होता है। आप बच्चे को सेल्फ स्टडी के लिए प्रेरित करने के लिए रिवॉर्ड दें, रिश्वत नहीं। जब आप बच्चे को रिश्वत देती हैं तो इससे बच्चा डिमांडिंग हो जाता है। वहीं, जब आप उन्हें रिवॉर्ड देती हैं तो इससे उन्हें मोटिवेशन मिलता है। इसलिए जब आपका बच्चा खुद से पढ़ाई करता है और अच्छा परफॉर्म करता है तो ऐसे में आप उनकी प्रशंसा के तौर पर उसे उसकी पसंदीदा ट्रीट दें।
मनपसंद तरीके से करने दें सेल्फ स्टडी

सेल्फ स्टडी का अर्थ यह कतई नहीं है कि बच्चा सिर्फ किताब लेकर ही बैठे। आज के समय में बच्चों के पास पढ़ाई करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। इसलिए आप पहले बच्चे के रूझान को समझें। अगर आपका बच्चा चीजों को देखकर अच्छी तरह सीखता है तो ऐसे में आप उसे यूट्यूब पर वीडियोज दिखाकर पढ़ने की सलाह दे सकती हैं। इसी तरह आप ऑडियो क्लिप के जरिए भी उसे पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। ध्यान रखें कि जब बच्चा मनपसंद तरीके से पढ़ाई करता है तो इससे उसके लिए अपने चैप्टर को समझना आसान हो जाएगा। वहीं, इससे उसका मन भी पढ़ाई में लगने लगेगा। जिससे वह धीरे-धीरे सेल्फ स्टडी के लिए प्रेरित होगा।
सेल्फ स्टडी के लिए सेट करें टाइम

कई बार ऐसा होता है कि बच्चे अपनी पढ़ाई का रूटीन इसलिए भी तोड़ देते हैं, क्योंकि उनके पास समय नहीं होता है या यूं कहें कि उनके टाइम मैनेजमेंट में गड़बड़ होती है। ऐसे में वे अकसर कई दिनों तक सेल्फ स्टडीज नहीं करते हैं या फिर यह उन्हें काफी बोझिल लगता है। ऐसे में बच्चे की इस मुश्किल को आसान करने के लिए आप उसके लिए दिन का एक समय तय करें, जिसमें बच्चा सिर्फ सेल्फ स्टडी ही करेगा। इतना ही नहीं, आप उसके लिए एक छोटा गोल ही रखें, जिससे सेल्फ स्टडी बच्चे के लिए बोझिल ना हो। छोटे-छोटे टुकड़ों में बच्चा बड़े गोल्स को आसानी से पूरा कर पाएगा।
मुश्किलों को करें हल

भले ही आप बच्चे को सेल्फ स्टडी के लिए मोटिवेट कर रही हैं, लेकिन फिर भी बच्चे को समय-समय पर आपकी गाइडेंस की जरूरत हो सकती है। हो सकता है कि किसी चैप्टर या चैप्टर के किसी भाग को समझने में उन्हें परेशानी हो। ऐसे में जरूरी है कि आप उस हिस्से को बच्चे को सरल तरीके से समझाने का प्रयास करें। दरअसल, अगर बच्चा अपनी मुश्किलों का हल नहीं खोज पाता है तो इससे उसका पढ़ाई से मन हटता है। बच्चे के साथ ऐसा ना हो, इसलिए आप समय-समय पर उसकी मुश्किलों का हल अवश्य करें।
करें वीकली चेक

अगर आपके बच्चे ने अभी-अभी सेल्फ स्टडी करनी शुरू की है तो यह आवश्यक है कि आप उसका वीकली चेक अवश्य करती रहें। दरअसल, शुरूआत में बच्चे पढ़ाई से जी चुराते हैं। वे कई बार किताब लेकर बैठते तो हैं, लेकिन पढ़ते नहीं है। ऐसे में आप अगर हर संडे उनका वीकली चेक लेते हैं तो इससे उन्हें पढ़ने के लिए एक मोटिवेशन मिलता है। साथ ही, उनके मन में यह भी रहता है कि उन्हें अपने समय में पढ़ाई करना आवश्यक है।
परसेंटेज का ना डालें दबाव

कई बार बच्चे अच्छा परफॉर्म करने या फिर अच्छे नंबर लाने के चक्कर में इतने दबाव में आ जाते हैं कि फिर उनका मन पढ़ाई में लगता ही नहीं है। इसलिए, अगर आप सच में चाहती हैं कि आपके बच्चे का पढ़ाई में रूझान बना रहे तो ऐसे में आप उस पर परसेंटेज का दबाव ना डालें। ताकि वह रिलैक्स होकर पढ़ाई में अपना मन लगा सके।
सिर्फ कोर्स की किताबों तक सीमित ना हो स्टडी

कई बार पैरेंट्स बच्चों को पढ़ाई के टाइम पर सिर्फ कोर्स की किताबें ही पढ़ने के लिए कहते हैं। लेकिन ऐसा करने से भी बच्चे का मन पढ़ाई से हट सकता है, क्योंकि वे पहले ही स्कूल व ट्यूशन में अपनी स्कूली किताबी पढ़ाई करते हैं। ऐसे में जब वे सेल्फ स्टडी करते हैं, तो आप कुछ वक्त के लिए उन्हें उन किताबों को पढ़ने की भी आजादी दें, जिन्हें पढ़ना बच्चों को पसंद है। मसलन, अपने पसंदीदा शख्स पर लिखी बॉयोग्राफी या फिर कोई कार्टून बुक या फिर स्टोरी बुक या फिर कोई और पसंदीदा किताब। इससे बच्चे के मन को काफी अच्छा लगता है।