बच्चा कतराता है होमवर्क से, जानें इसके पीछे छुपी 5 वजह
बच्चों के मन में क्या चल रहा है ये समझना थोड़ा चुनौती भरा है, लेकिन जब आपका बच्चा होमवर्क से कतराने लगे तो इसके पीछे बहुत सी वजह शामिल हो सकती हैं। थोड़े धैर्य के साथ उन्हें समझें और हर बात का महत्व बताएँ।
Parenting Tips: बहुत से बच्चों को होमवर्क करने में जरा भी दिलचस्पी नहीं होती है। नतीजा ये होता है की माता पिता को जबरदस्ती होम वर्क करने के लिए बच्चों के साथ सख्ती करनी पड़ती है। मजेदार बात ये है की हम सब बच्चों को होमवर्क करने के लिए समझाते हैं, डांटते हैं कभी कभी उनसे नाराज़ भी हो जाते हैं, पर कभी ये जानने और समझने की कोशिश नहीं करते की होमवर्क न करने के पीछे बच्चों के मन में क्या वजह छुपी है। होमवर्क कराने के लिए उन्हें किस तरह प्यार से मनाएं ये सोचने की जगह हम उन पर बरस पड़ते हैं।
आइये जानते हैं होमवर्क समय पर ना करने के पीछे छुपी वजह और इनसे उबरने के उपाय ।
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धैर्य रखना सीखें और सिखाएं

हर माता पिता के लिए बच्चे की परवरिश में धैर्य रखना सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बच्चा अगर किसी जिद पर अड़ा है तो धैर्य रखें उसके साथ प्यार और समझदारी से पेश आएं, इसके विपरीत उन पर अपना गुस्सा ना निकालें। बच्चे के साथ जिद करने पर भी वो होमवर्क से जी चुराने लगते हैं। मात पिता को चाहिए धैर्य बनाएं रखें इस तरह आप बहुत जल्दी उसे आसानी से होमवर्क करने के लिए मना लेंगे।
साथ बना रहे

होमवर्क समझा कर अपना काम करने ना निकल जाएँ, बच्चे के साथ बैठे उसका उत्साहवर्धन करें। उनको प्रोत्साहित करने के लिए अपना काम उनके साथ बैठ कर करें। आपको मन से अपना काम करता देख कर उन्हें अच्छा महसूस होगा। बच्चे समझ जाएंगे जिस तरह माता पिता के लिए उनका काम जरुरी है उसी तरह उनके लिए होमवर्क जरुरी है। इस तरह आप कुछ वक़्त भी साथ में बिता पाएंगे।
खेल से सिखाएं

बच्चों को होमवर्क करना बोरिंग लगता है। इसके लिए माता पिता होमवर्क को खेल के रूप में करवाएं तो बच्चे मन से इसे पूरा भी करेंगे और उनके मन में होमवर्क को ले कर जो दर है वो भी निकल जाएगा। उन्हें कुछ ट्रिक्स बताएं जिस से होमवर्क उनके लिए खेल बन जाए।
समय का महत्त्व समझें

जिस तरह स्कूल में बच्चों के लिए हर विषय का समय तय होता है उसी तरह घर पर भी उनका यही रूटीन बनाएं रखें। इस तरह बच्चा समय का महत्त्व समझेगा और अपना काम समय पे खत्म कर आराम से कुछ समय खेल पायेगा और आप भी बच्चे के साथ कुछ समय बिता पाएंगे। इसे बच्चों पर आजमाने से पहले हम बड़ों को समय का ख्याल रखना होगा, बच्चों के सामने हमेशा सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करें।
जगह बदल कर देखें

उम्र के इस दौर से हम भी गुज़र चुके हैं ये बात कभी ना भूलें, बच्चों के मन को समझने के लिए माता पिता नाना नानी दादा दादी से बातें साझा करें। बच्चों के मन को समझने की कोशिश करें। उनकी जगह खुद को रख कर देखें तब शायद हम समझ पाएंगे बच्चों के मन में क्या चल रहा है। इस तरह की परवरिश से बच्चे काफी खुलापन महसूस करते हैं, माता पिता की बात आसानी से समझने लगते हैं। बच्चों के मन की बात समझने की कोशिश करें और अपने मन की बात भी साझा करें।
