नए दौर की नई सोच वाली नारी: New Era Women
Woman of the New Era

New Era Women : इस अंक में हम आपका परिचय अलग-अलग क्षेत्रों की उन महिलाओं से करवाएंगे जिन्होंने अपने कड़ी मेहनत के दम पर एक मुकाम हासिल किया है। आज वह क्षेत्र में शीर्ष पर हैं और बहुत से लोगों के लिए आदर्श बन चुकी हैं।

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कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

33 साल की उम्र में एक कंपनी की सीईओ बन जाना इतना आसान नहीं होता, लेकिन राधिका गुप्ता ने अपने हौसले के दम पर यह कर दिखाया। राधिका एक भारतीय बिजनेस एग्जीक्यूटिव हैं जो कि एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड की सीईओ हैं। इसके अलावा वह एक पब्ल्कि स्पीकर हैं। वह आज जिस मुकाम पर हैं उस मुकाम तक पहुंचना उतना आसान नहीं था। अगर आप उनके अपीरियंस की बात करें तो एक बार उनके चेहरे पर नजर पड़ने के बाद आप उन्हें दोबारा जरूर देखेंगे। उनकी शारीरिक कमी यह है कि उनकी गर्दन थोड़ी सी टेढ़ी है। लेकिन अपनी काबलियत से राधिका ने कॉरपोरेट वर्ल्ड में वो डंका बजाया है जिसके साथ वो अपनी झुकी गर्दन के साथ सिर ऊंचा करके खड़ी हैं। वो स्वयं कहती हैं कि मेरी टूटी गर्दन मेरी खूबसूरती को कम जरूर कर सकती है लेकिन मेरी काबलियत को नहीं। वह स्टार्टअप रियलिटी शो शार्क टैंक में बतौर जज नजर आ चुकी हैं। इतना ही नहीं उनका यू ट्यूब विडियो ‘द गर्ल विद् ब्रोकन नेक’ 110,000 बार देखा जा चुका है। पैनेलस्वेनिया स्कूल से मैनेजमेंट की डिग्री लेने के साथ उन्होंने अर्थशास्त्र और कम्प्यूटर साइंस में भी मास्टर्स की है।

इंवेस्टमेंट की वो महारथी हैं और मानती हैं कि एक महिला का सीईओं के मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं होता लेकिन वह कहती हैं चुनौतियों को जीतना मुझे पसंद है। लेकिन पहले ऐसा नहीं था। बचपन में लोग मेरी गर्दन की वजह से मेरा मजाक उड़ाते थे। मुझे लगता था पता नहीं मुझमें ऐसी क्या कमी है। कॉलेज के बाद भी चुनौती कम नहीं। लगभग 7 इंटरव्यू में मेरा चयन नहीं हुआ। जाहिर है इंसान हूं इतने तनाव में चली गई थी कि लग रहा था कि अपने जीवन को खत्म कर लूं। लेकिन दोस्तो ने बचा लिया और यहीं से मुझे मिली एक नई जिंदगी और एक नई उम्मीद। जॉब मिली और इसके बाद अपनी कंपनी खोली और फिर जीवन की किताब में अपनी कामयाबी की कहानी लिखती चली गई।

राधिका की बात करें तो बैंकर होने के साथ वो बेशक इंवेस्ट को बेहतर जानती हैं लेकिन अपने लुक्स को लेकर भी वो सतर्क हैं। उन्हें साड़ी पहनना अच्छा लगता है। वे अक्सर हैंडलूम की साड़ी पहनना पसंद करती हैं और कहती हैं हैंडलूम की यह साड़ियां अपने आप में एक कहानी कहती हैं। वो एक मां हैं और सबसे बड़ी बात उनमें सकारात्मकता कूट-कूट कर भरी है। वो कहती हैं जब मैं मां बनी थी तब मेरी मां ने एक बात कही थी कि मां चाहे कोई भी हो वो कभी गलत नहीं होती है और हर मां अपने बच्चे की बेहतरीन परवरिश करती हैं।

अपने शौक को बनाया करियर

Kamya
Kamya

अगर आप रील्स देखने के शौकीन हैं तो आपने फिल्मी सितारों के साथ काम्या जानी की रील जरूरी देखी होगी। जहां पर काम्या जानी किसी रेस्त्रां में किसी सेलिब्रेटी से मिलती हैं और उसके साथ 59 सेकंड बिताती हैं। इस छोटे से वक्त में सेलिब्रेटी के पसंदीदी खाने से लेकर उसके बहुत सी बातें जान लेती हैं। यह अपनी तरह का एक अलग कॉन्सेप्ट है और इस नएपन की वजह से लोग इसे पसंद कर रहे हैं। इस कॉन्सेप्ट को काम्या जानी लेकर आई हैं। वे मुंबई से हैं और एक यूटूयूबर हैं। उन्होंने छह साल पहले अपना निजी व्लॉग ‘कर्ली टेल्स शुरू किया था। लेकिन समय के साथ यह एक ऑनलाइन वेंचर के तौर पर स्थापित हो चुका है। आज कर्ली टेल्स के पूरे भारत में रेस्त्रां हैं और इसका अपना एक ऐप है।

एक व्लॉगर से आंत्रप्रेन्योर बनने का सफर बहुत चुनौती और संघर्ष से भरा रहा है। लेकिन अपनी मेहनत के बल पर आज काम्या अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रही हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्हें बेस्ट ट्रेवल क्रिएटर का अवॉर्ड भी मिला है। अपने व्लॉग में उन्होंने लिखा जब मैं हफ्ते के सातों दिन लगातार 14 घंटे काम करती थी तो कभी-कभी मन में सवाल आता था कि मैं ऐसा क्यों कर रही हूं। आज सफलता के इस मोड़ पर मुझे इसका जवाब मिल चुका है। आज पता चलता है कि ऊपर वाला मेहनत करने के लिए खास लोगों को चुनता है। इस छह साल के सफर में मैंने बहुत कुछ सीखा।

काम्या अपने आपको एक विजुअल कहानीकार कहती हैं। उन्हें खाने और यात्रा करने का शौक है। ऐसे में आप जब उनके चैनल कर्ली टेल्स पर जाएंगे तो आपको खाने की मनमोहक कहानियां मिलेंगी। इस चैनल पर आप सिर्फ एंटरटेन नहीं होते बल्कि आपका ज्ञान का स्तर भी बढ़ता है। एक न्यूज प्रजेंटर से सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर बनने के पीछे जो सबसे बड़ी बात है वो है जोखिम लेने की हिम्मत और कुछ नया करने की चाह। वह मानती हैं कि वो उन खुशकिस्मत लोगों में से एक हैं जो अपने शौक को न केवल समय दे पा रहे हैं बल्कि वो काम ही ऐसा करती हैं जहां पर उन्हें अपनी रुचि के लिए समय निकालने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका काम ही उनका शौक है।

सपने सच होते हैं

अगर आप सच में कुछ मन से चाहते हो तो आपको वह मिल ही जाता है। तमिलनाडू के एक छोटे से गांव से आई कीर्तिका को ही देख लें। इतिहास की गलियों में वो आपको ऐसे रोचक तरीके से लेकर जाती हैं कि आपको लगता ही नहीं है कि यही वही विषय है जो आपको बचपन से ही बुरा लगता था। कीर्तिका को कीर्ती हिस्ट्री के नाम से जाना जाता है वह एक ऑनलाइन स्टोरी टेलर हैं। सोशल मीडिया पर उनका चैनल कीर्ती हिस्ट्री है। वह एक ऑकलॉजिस्ट बनना चाहती थीं लेकिन उनके राज्य में इससे संबंधित कोई कोर्स नहीं था ऐसे में उन्होंने हिस्ट्री में अपना ग्रेजुएशन किया। लेकिन कोर्स करने के बाद उन पर शादी का दबाव बनाया जाने लगा। लेकिन वह अपने लिए मजबूती से खड़ी रहीं। साल 2022 में अपना चैनल शुरू किया। साल 2024 में जब वो पहली बार बेस्ट स्टोरी टेलर का अवॉर्ड लेने दिल्ली आई तो वह पहला मौका था जब वो हवाई जहाज में बैठ रही थीं। उन्हें भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मानित किया था। इसमें अलग-अलग श्रेणी के 23 लोग थे।

कीर्ती की बात करें तो उनका यह सफर बहुत अलग है। वह उस परिवार से आती हैं जहां बाजार तक जाने की इजाजत नहीं थी। अगर उन्हें कोई चीज चाहिए होती थी तो उन्हें अपने भाइयों को कहना होता था। लेकिन अपनी आंखों में बहुत से सपने भरे कीर्ती को यह मंजूर नहीं था। उनके गांव वाले उनसे नाराज रहते थे। वह कहती हैं बहुत लोगों के लिए बहुत चीजें आसान होती हैं लेकिन मेरे लिए जीवन ने संघर्ष को चुन रखा था। खुद को मजबूत करने के लिए जो कर सकती थी वो किया। एक सैकंड लैपटॉप खरीदना भी मेरे लिए आसान नहीं था। उसे खरीदने के लिए डेढ़ साल से ज्यादा का समय लग गया। वह कहने लगी मैं सिर्फ पढ़ना चाहती थी और कुछ करना चाहती थी। लेकिन मेरे लिए सपने देखना भी एक पाप था। मैं अपने माता-पिता को गलत नहीं कहूंगी क्योंकि मैं जिस माहौल से आती हूं वो बहुत अलग है।

खैर आज कीर्ती बहुत से लोगों के लिए उदाहरण बन चुकी हैं। वह कहती हैं मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा हासिल वो था जब मेरे माता-पिता प्रधानमंत्री से मुझे अवॉर्ड लेते हुए देख रहे थे। सपने सच होते हैं यह मैंने अपने जीवन की कहानी से सीख लिया। मेरे लिए अब बस यही काफी है कि अब मेरे माता-पिता मुझ पर गर्व करते हैं। कीॢतका का मकसद हमेशा से समाज को एक अच्छा कंटेंट देना है, जिस पर पूरी शिद्दïत से काम कर रही हैं।