डॉक्टरों से जानें शरीर के इन अंगों को कैसे रखें स्वस्थ: National Doctors Day
National Doctors Day


National Doctors Day: आजकल के बदलते दौर में हमारी दिनचर्या, रहन-सहन और खान-पान में बदलाव का असर हमारी सेहत पर पड़ता है। शरीर के सभी अंग प्रभावित होते हैं जिनसे हम कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। स्वस्थ जीवनयापन के लिए जरूरी है कि शरीर के विभिन्न अंगों को स्वस्थ रखने का प्रयास करें। डाॅक्टर्स डे के मौके पर हमने शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के स्वास्थ्य को लेकर स्पेशल डाॅक्टरों से खास बातचीत की, जिस दौरान उन्होंने कई सुझाव दिए। इन सुझावों को आज हम आपके साथ एक लेख के जरिये साझा कर रहे हैं-

किडनी

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Kidney

शरीर के फिल्टर के रूप में किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। डायबिटीज और उच्च रक्तचाप की वजह से किडनी की कई बीमारियां हो जाती हैं। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए डाॅ मनीषा सहाय, एचओडी, नेफ्रोलाॅजी विभाग, (उस्मानिया जनरल अस्पताल, हैदराबाद) ने इन बातों का ध्यान रखने पर ज़ोर दिया-

  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें। ताजे फल-सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। मांसाहारी खाद्य पदार्थ, चीनी और रिफांइड चीजें जैसे मैदा, चीनी, सफेद चावल और ब्रेड अवायड करें।  
  • नमक का सेवन कम करें। रोजाना अधिकतम 5 ग्राम नमक का सेवन काफी है।  अतिरिक्त नमकीन खाद्य पदार्थ यथासंभव न लें।  
  • किडनी की समस्या न हो तो रोजाना कम से कम 6-8 गिलास पानी पिएं।
  • आहार में तेल, मक्खन, मेयोनीज़, चीज़ की मात्रा सीमित रखें। मौटे तौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति प्रतिमाह आधा लिटर से ज्यादा तेल का सेवन न करें।
  • गैर-जरूरी दर्द निवारक दवाइयां न लें।
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट वाॅक, व्यायाम करें।
  • एल्कोहल, स्मोकिंग लेने से बचें।

लिवर

हमारा लिवर कई कारणों से खराब हो सकता है। अगर हम अपने जीवन में कुछ समुचित कदम उठाएं, तो इसे स्वस्थ रखा जा सकता है। डाॅ पवन रावल, गेस्ट्रोएंटरोलाॅजिस्ट, (आर्टेमिस अस्पताल, गुरूग्राम) ने लिवर से जुड़े दिए कुछ सुझावों को साझा किया-

  • मोटापा कंट्रोल में रखें। बाॅडी मास इंडेक्स को 25 से कम रखें। नियमित व्यायाम, एक्सरसाइज, एरोबिक्स या ब्रिस्क वाॅक करें, मनपसंद गेम्स खेलें, स्वीमिंग या साइकलिंग करें।
  • कोलेस्ट्राॅल और ब्लड प्रेशर लेवल कंट्रोल करें।
  • पौष्टिक-संतुलित आहार लें। फाइबर युक्त चीजें जैसे- ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज ज्यादा मात्रा में शामिल करें। कार्बोहाइड्रेट, ऑयली, फास्ट फूड या जंक फूड, शर्करा युक्त चीजें खाने से बचें।
  • एल्कोहल और स्मोकिंग का सेवन कम करें।
  • वायरल हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं।
  • गैर-जरूरी मेडिसिन या स्टेराॅयड खाने से बचें।
  • डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, समय-समय पर लिवर चैकअप जरूर कराएं। 45 साल के बाद साल में एक बार फुल बाॅडी चैकअप जरूर करवाएं।

हार्ट

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Heart

दिनोंदिन हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर के बढ़ते मामलों को देखते डाॅ एस सी मनचंदा, सीनियर कार्डियोलाॅजिस्ट (सरगंगा राम अस्पताल) ने व्यक्ति के सतर्क होने पर ज़ोर दिया। साथ ही उन्होंने नीचे दिए गए कुछ सुझावों को भी ध्यान में रखने को कहा-

  • डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराॅयड, कोलेस्ट्राॅल लेवल जैसे रिस्क फैक्टर्स को कंट्रोल करें।
  • नाश्ता जरूर करें। मुख्य आहार में पौष्टिक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करें।  हाई फाइबर और लो फैट वाली बैलेंस डाइट ले। डेली रूटीन में 5 प्रकार के फल और सब्जियों का सेवन करें। नमकीन सोडियम रिच, शर्करायुक्त, सफेद रिफाइंड चीजों और प्रोसस्ड फूड से परहेज करें।
  • ऑलिव ऑयल, कनोला, तिल  या सरसों का तेल का इस्तेमाल करें।
  • रोजाना नियमित रूप से मार्निंग वाॅक, एक्सरसाइज या योगा करें।
  • तनाव से बचने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करें।
  • एल्कोहल या तंबाकू से परहेज करें।
  • 35-40 साल के बाद नियमित रूप से मेडिकल चेकअप कराएं।  फैमिली हिस्ट्री वाले व्यक्तियों को तो 25 साल  से ही टेस्ट कराने चाहिए।
  • रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।  

फेफड़े

सांस लेने और शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले महत्वपूर्ण अंग फेफडे़ हैं। जिन्हें हेल्दी रखना बहुत जरूरी है-इसपर डाॅ विनी कांतरू, सीनियर पल्मोनोलाॅजिस्ट, (इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, दिल्ली) ने नीचे दिए गए कुछ पॉइंट्स में अपनी बातें साझा की-

  • स्मोकिंग करना बिल्कुल बंद करें।
  • प्रदूषण, धूल-मिट्टी से बचने के लिए बाहर मास्क और घर में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें।
  • घर में साफ-सफाई और एयर वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें।
  • रोजाना 10-15 मिनट ब्रीदिंग एक्सरसइज, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम योगासन करें।
  • वजन को नियंत्रित रखें। क्योंकि मोटापे से सांस की बीमारी बढ़ती है। रोजाना वाॅक, व्यायाम, और एक्सरसाइज करें।
  • संतुलित आहार लें। आहार में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें जैसे-हरी सब्जियां, विटामिन सी से भरपूर मौसमी फल, ड्राई फ्रूट्स। इनके नियमित सेवन से शरीर में इंफ्लेमेशन और इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
  • फेफड़ों को हाइड्रेटिड बनाए रखने के लिए 8-10 गिलास पानी पिएं।
  • फेफड़ों को नेचुरली साफ रखने के लिए दिन में कम से कम एक बार स्टीम लें।
  • घर और आसपास स्नेक प्लांट, पाम जैसे प्रदूषण प्रतिरोधी पौधे लगाएं।

हड्डियां

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हड्डियों के ढांचे पर टिका हमारा शरीर तभी तक फिट रहता है जब तक हमारी हड्डियां मजबूत और स्वस्थ हों। हड्डियों को हेल्दी बनाने के लिए डाॅ गौरव सचदेव, कंसल्टेंट आर्थोपेडिक्स, (हरियाणा अस्पताल, करनाल) के इन उपायों पर अमल करना चाहिए-

  • नियमित व्यायाम और एक्सरसाइज़ करें। वाॅकिंग, जाॅगिंग, वेट लिफ्टिंग, सीढ़ियां चढ़ना जैसी एक्सरसाइज करें। रोज आधा घंटा और सप्ताह में कम से कम 3 दिन व्यायाम जरूर करें।
  • पौष्टिक और संतुलित आहार लें। आहार में कैल्शियम, आयरन और विटामिन डी समुचित मात्रा में लें। वजन कंट्रोल में रखने के लिए ऑयली या जंक फूड का सेवन से परहेज करें।
  • धूप विटामिन डी का नेचुरल स्रोत है। रोजाना कम से कम 1/2 घंटा धूप जरूर सेंके।
  • बच्चों, मेनोपाॅज के बाद महिलाओं और 60 साल के बाद पुरुषों को नियमित रूप से कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट जरूर लेनी चाहिए। 15-45 साल तक की रिप्रोडक्टिव एज ग्रुप की महिलाएं आयरन सप्लीमेंट भी लें।
  • धूम्रपान और मद्यपान का निषेध करें।
  • चाय-काॅफी जैसे कैफीनयुक्त पेय कम पिएं।

पैंक्रियाज

पेट में मौजूद पैंक्रियाज में गड़बड़ी होने से डायबिटीज का खतरा रहता है। पैंक्रियाज को लंबे समय तक स्वस्थ रखने के लिए डाॅ संजय कालरा, एंडोक्रोनोलाॅजिस्ट (एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया, दिल्ली) की बातों का ध्यान रखना जरूरी है-

  • पौष्टिक और संतुलित आहार लें जिसमें कार्बोहाइड्रेट के बजाय प्रोटीन, मिनरल्स  और गुड फैट अच्छी मात्रा में लें। यथासंभव ऑयली , शर्करायुक्त और मसालेदार भोजन का सेवन सीमित मात्रा में करें।
  • 3+3 मील पैटर्न अपनाएं यानी दिन में 3 मुख्य आहार- नाश्ता, लंच और डिनर के साथ 3 ब्रंच या छोटे आहार लें।
  • खाने कुछ इस तरह खाएं-खाने से पहले सूप, लस्सी और सलाद जरूर लें ताकि पेट काफी भर जाए। फिर दाल, सब्जी  चने, राजमाह, पनीर, अंडा या मांसाहारी पदार्थ जैसे प्रोटीन रिच खाद्य पदार्थ ज्यादा लें। साथ में जरूरतानुसार चपाती या चावल जैसे कार्बोहाइड्रेट लें। कोशिश करें कि इन्हें सीमित मात्रा में ही लें।  
  • मुख्य आहार में खाना सही मात्रा में खाएं। पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए भरपेट या ठूंसकर खाने के बजाय अपनी भूख का 80 फीसदी ही खाएं।
  • स्ट्रेस को कम करें और वजन को कंट्रोल करें।

थायरॉयड

Doctors Day
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गले में छोटी-सी ग्रंथि से थायराॅयड हार्मोन का स्राव होता है। जो पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। थायराॅयड ग्रंथि को तंदरुस्त रखने के लिए डाॅ संजय कालरा, एंडोक्रोनोलाॅजिस्ट, (एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया, दिल्ली) की कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस समस्या से बच सकते हैं-

  • आयोडीनयुक्त नमक का सेेवन समुचित मात्रा में करें।
  • थायराॅयड ग्लैंड पर कम दवाब पड़ें, इसके लिए जरूरी है वजन को कंट्रोल में रखें। फिजिकली एक्टिव रहें, दिन में  कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरूर करें। 
  • यथासंभव स्ट्रेस को मैनेज करें।  
  • प्रेगनेंट महिलाओं, नवजात शिशु, थायराॅयड की फैमिली हिस्ट्री हो तो थायराॅयड स्क्रीनिंग जरूर करवाएं।