लड्डू गोपाल को घर में विराजित करने के भी हैं कुछ नियम, जानिए किन बातों का रखें ध्यान: Laddu Gopal Niyam
Laddu Gopal Niyam

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कई बार कुछ भक्त लड्डू गोपाल को विराजित करने में और उनकी सेवा करने में कुछ गलतियां कर बैठते हैं। ऐसे में उन्हें अपने लाडले की सेवा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। ध्यान रखें लड्डू गोपाल को घर में विराजित करना ही काफी नहीं है। बल्कि इस दौरान आपको वास्तु शास्त्र का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।

Laddu Gopal Niyam: सनातन धर्म में भगवान कृष्ण के बाल रूप यानी ‘लड्डू गोपाल’ को घर में विराजित करने का अपना अलग महत्व है। हिंदू परिवारों में लड्डू गोपाल को परिवार के लाड़ले सदस्य के रूप से पूजा जाता है। उनकी सेवा करना सौभाग्य की बात मानी जाती है। लेकिन कई बार कुछ भक्त लड्डू गोपाल को विराजित करने में और उनकी सेवा करने में कुछ गलतियां कर बैठते हैं। ऐसे में उन्हें अपने लाडले की सेवा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। ध्यान रखें लड्डू गोपाल को घर में विराजित करना ही काफी नहीं है। बल्कि इस दौरान आपको वास्तु शास्त्र का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। भगवान कृष्ण के इस बाल रूप को सिंहासन पर बैठाने के दौरान आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। लड्डू गोपाल की सेवा के भी कुछ नियम हैं। क्या हैं ये नियम, आइए जानते हैं।  

Laddu Gopal Niyam-वास्तु शास्त्र के अनुसार लड्डू गोपाल को हमेशा घर की उत्तर-पूर्व दिशा में विराजित करना चाहिए।
According to Vastu Shastra, Laddu Gopal should always be placed in the north-east direction of the house.

आमतौर पर लोग लड्डू गोपाल की प्रतिमा को अपनी सुविधा के अनुसार पूजा घर में विराजित कर लेते हैं। लेकिन असल में इसके भी कुछ नियम हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार लड्डू गोपाल को हमेशा घर की उत्तर-पूर्व दिशा में विराजित करना चाहिए। इस दिशा में कान्हा का स्थान बनाना शुभ माना जाता है। इसे ईशान कोण कहा जाता है। यहां अपने लाडले को विराजित करने से आपके पूरे घर में न सिर्फ आध्यात्मिक ऊर्जा का वास होगा। बल्कि परिवार में सुख, शांति, समृद्धि और वैभव आएगा। जो भक्त संतान प्राप्ति चाहते हैं या बच्चों से अपना संबंध सुधारना चाहते हैं तो, उन्हें घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में लड्डू गोपाल को विराजित करना चाहिए।  

माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन और भक्ति भाव से लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं, उनका हर काम बनता चला जाता है। हालांकि लड्डू गोपाल की सेवा के भी कुछ नियम हैं। कान्हा का यह बाल रूप आपके घर में किसी बच्चे के रूप में विराजित हैं। ऐसे में आपको एक बच्चे की तरह ही इनकी सेवा करनी होगी। लड्डू गोपाल को दिनभर में चार बार भोग लगाना चाहिए।

सबसे पहले आपको सुबह 6 से 7 बजे के बीच अपने लड्डू गोपाल को लयबद्ध तरीके से हल्की ताली बजाकर जगाना चाहिए। इस समय उन्हें केसर दूध या चाय का भोग लगाएं। इसके बाद दूसरे भोग का समय होता है। सबसे पहले आप स्नान करें। फिर लड्डू गोपाल को दूध, दही, शहद, घी और चीनी से बने पंचामृत से स्नान करवाएं। इसके बाद साफ पानी से स्नान करवाकर, उन्हें पोशाक और आभूषण से सजाएं। गाय के घी का दीपक करें। साथ ही लड्डू गोपाल को फल, मिठाई, तुलसी के पत्ते आदि का भोग लगाएं। हो सके तो आप लड्डू गोपाल को रोज माखन मिश्री का भोग लगाएं। क्योंकि यह भोग उन्हें अति प्रिय है। इसके बाद कृष्ण मंत्र का जाप करके, आरती करें। दोपहर के समय आप लड्डू गोपाल को घर में बने भोजन का भोग लगाएं। इस भोग में लहसुन-प्याज न डालें। अगर आपने घर में कुछ नहीं बनाया तो आप मीठे परांठे का भोग लगाएं। शाम को सात से आठ बजे के बीच लड्डू गोपाल को चौथा भोग लगाएं। इसमें सात्विक भोजन का भोग लगाएं। फिर दूध पिलाकर लड्डू गोपाल को सुलाएं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...