Kids Social Etiquette: हम सभी जानते हैं कि नए दोस्त बनाना और दूसरों के साथ नए बंधन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बच्चों के लिए, यह कभी-कभी दुनिया की सबसे कठिन काम की तरह महसूस हो सकता है। क्या आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा सोशलाइज हो तो आज हम इसी पर चर्चा करते वाले हैं।
हर बच्चा अलग होता है। कोई जल्दी घुल मिल जाता है तो किसी को देर लगती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो अन्य बच्चों के मुकाबले कमजोर हैं। अमूमन बच्चों में ये देखा गया है कि वो सोशलाइज होने में झिझकते हैं।
कभी-कभी, हमें पता नहीं चलता है कि इसकी शुरुआत कहां से करें। अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कि इससे कैसे ठीक किया जा सकता है। आइए शुरू करते हैं।
आई कॉनेक्ट को बढ़ावा दें

कई बार हमने देखा है कि बच्चे बात करते समय कुछ और काम भी कर रहे होते हैं। आंखें चुराकर बात करते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा ही करता है तो उसे आंखों में देखकर बात करने के लिए प्रेरित करें।
यह टिप्स आपके बच्चे के सामाजिक कौशल को बेहतर बनाने में मदद करेगी। आंखों का संपर्क सुनने में बहुत साधारण सी बात लगती है लेकिन यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कौशल है। इससे पता चलता है कि सामने वाला ध्यान से आपकी बात को सुन और समझ रहा है।
लोगों से बात करते समय, अपने बच्चों को आंखों से संपर्क बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करें और दूसरों की आंखों में देखकर बात करने का अभ्यास करें। यह उन्हें और अधिक आत्मविश्वास और सुनने का अनुभव कराएगा।
प्रश्न पूछना सिखाएं
प्रश्न सीखने का सबसे अच्छा तरीका है। अपने बच्चे को खुद से और दूसरों से सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। आप घर के अन्य मेंबर्स से उन्हें बात करने को कहें। जब भी रिश्तेदारों का फोन आए तो उनसे बात कराएं और हाल चाल पूछने को कहें।
किसी के साथ बातचीत करने और उनसे सवाल पूछने से बच्चे को नए प्रकार के अनुभव और कनेक्शन मिलते हैं। बातचीत को बढ़ावा देने के लिए उन्हें ऐसी चीजों के बारे में बताएं जिनमें बच्चों की रूचि होती है।
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उन्हें भावनाएं सिखाएं

अक्सर बच्चों में ये नोटिस किया गया है कि वो अपने मन की बात नहीं बोलते हैं। दरअसल उन्हें समझ नहीं आता है कि वो मन में चल रही बातों को किस तरह बताएं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों से अपने मन की बात शेयर करनी चाहिए। इससे बच्चे बात कहना सीखते हैं। साथ ही उन्हें टीजर को भी इस बात की जानकारी दें ताकि वो भी बच्चों के अपनी बातों को कहना सीखा सके।
रोल प्लेइंग के साथ अभ्यास करें

बच्चे खेलना पसंद करते हैं, तो क्यों न खेलने के समय थोड़ा सा सामाजिक कौशल का अभ्यास किया जाए? जब बच्चे रोल प्ले करते हैं तो आस पास के लोगों की नकल करते हैं। उन्हें ऐसा करने दें। इससे उन्हें खुलने में मदद मिलेगी।
अपने बच्चे की लिमिट्स जानें

हर बच्चा अलग तरीके से समाजीकरण करता है। कुछ बच्चे इंट्रोवर्ट होते हैं वहीं कुछ बच्चे एक्सट्रोवर्ड। अपने बच्चे को उन सामाजिक कामों के लिए बाध्य न करें जिनमें वे सहज नहीं हैं। वो जैसे हैं उन्हें वैसे ही सीखाएं। इंट्रोवर्ट होने का ये मतलब नहीं है कि बच्चा दब के रहता है। वो केवल उन लोगों से बात करता है जिनके साथ वो सहज महसूस करता है।
इन तरीकों को अपनाकर आप बच्चे को सोशलाइज करने में मदद कर सकते हैं।