बच्चे को ज्यादा आज्ञाकारी बनाने से बचें
दरअसल आज के समय में बच्चे को बहुत ज्यादा आज्ञाकारी बना कर आप हर अच्छी और बुरी बात मानने के लिए बच्चे पर प्रेशर बनाने का काम करती हैं, जिसकी वजह से वह गलत चीजों के खिलाफ भी कुछ नहीं कह पाता हैI
Parenting Tips: हर पेरेंट्स अपने बच्चे को अनुशासन और अच्छी आदतें सिखाते हैं, ताकि उनका बच्चा आज्ञाकारी बने और बड़ों की बात मानेंI लेकिन अगर हम आपसे कहें कि बच्चे को बहुत ज्यादा आज्ञाकारी बनाना भी नहीं सही है, तो आपको ऐसा जरूर लगेगा कि आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैंI दरअसल आज के समय में बच्चे को बहुत ज्यादा आज्ञाकारी बना कर आप हर अच्छी और बुरी बात मानने के लिए बच्चे पर प्रेशर बनाने का काम करती हैं, जिसकी वजह से वह गलत चीजों के खिलाफ भी कुछ नहीं कह पाता है और चुपचाप सभी बातों को मानता जाता है, ऐसा करने से उसका आत्मविश्वास भी कम होने लगता हैI
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बच्चे को ना कहना सिखाएं

आप अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देना चाहती हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन इसके साथ ही अपने बच्चे को ना कहना भी सिखाएंI जीवन में कई ऐसी चीजें होती हैं, जिसे अगर मना नहीं किया जाए तो नुकसान होता हैI इसलिए आप बच्चे को अच्छे और बुरे का अंतर समझा कर उसे गलत चीजों पर ना कहना सिखाएं, ताकि आपका बच्चा गलत बात पर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बिना डरे-सहमे मना करने में सक्षम बनेI
बच्चे को आंखें मिलाकर बात करना सिखाएं

किसी से ऑंखें मिलाकर बात करने का यह मतलब बिलकुल नहीं होता है कि बच्चा बदतमीज है या सामने वाले का अपमान कर रहा है, बल्कि यह बताता है कि आपका बच्चा कितना कॉंफिडेंट है और अपनी बात कितनी अच्छी तरह से कह सकता हैI इसलिए आप अपने बच्चे को जरूर सिखाएं कि जब वो किसी से बात करे तो नजरें मिलाकर बात करे और अपनी बात पूरी स्पष्टता के साथ रखेI
मेलजोल करने से डरे नहीं

पेरेंट्स बच्चे को अच्छा बनाने के चक्कर में इतना ज्यादा ओवरपेरेंटिंग करने लगते हैं कि बच्चा किससे बात करेगा, यह भी खुद ही तय करते हैं, जिसकी वजह से बच्चे को दूसरे लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाने में काफी दिक्कतें आती हैंI इसलिए पेरेंट्स को बचपन से ही बच्चे को थोड़ा सोशलाइज बनाना चाहिए, ताकि वह मेलजोल करने से डरें नहीं और आने वाली जिंदगी में सबसे आसानी से दोस्ती कर सकेI
लोगों के बारे में ना सोचे

आप अपने बच्चे को अच्छा बनाएं, साथ ही उसे यह भी सिखाएं कि वह अपने जीवन से जुड़े जरूरी निर्णय कभी भी लोगों के बारे में सोच कर ना लेI उसे अपने लिए जो चीजें सही लगती हैं, वह करेI कभी भी अपने मन में यह बात ना लाएं कि उसके इस निर्णय से लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे या उसे भला-बुरा कहेंगेI ऐसा करने से बच्चा मजबूत बनता है और अपनी बातें अपने पेरेंट्स से कभी भी नहीं छुपाता हैI
नकारात्मक बातों पर परेशान होने के बजाए जवाब देना सिखाएं

आप अपने बच्चे को कभी भी इतना आज्ञाकारी ना बनाएं कि वह नकारात्मक बातों का जवाब देने में भी डरे और उन बातों को अपने ऊपर हावी होने देI उसे बचपन से ही इतना कॉंफिडेंट बनाएं कि वह नकारात्मक बातों पर परेशान होने के बजाए, उसका डटकर सामना करेI
