Self Dependent Tips For Kids- आजकल पेरेंट्स बच्चों को काफी पैम्पर करते हैं। उनके सारे काम भी खुद ही करते हैं। ऐसे में बच्चा लंबे समय तक पेरेंट्स पर निर्भर रहने लगता है। वह किसी भी काम को करने से डरने लगता है, साथ ही उसका आत्मविश्वास भी कमजोर हो जाता है। पेरेंट्स जिंदगीभर बच्चे के साथ नहीं रह सकते और न ही बच्चा हमेशा उनके पास रहेगा। बच्चे को एक उम्र में आकर अपने फैसले खुद ही लेने पड़ेंगे। तो क्यों न बच्चे को बचपन से ही आत्मनिर्भर बनाया जाए ताकि उसे बड़े होकर पेरेंट्स के सहारे और साथ की आवश्यकता न पड़े। इसकी शुरुआत आप छोटी-छोटी चीजों से कर सकते हैं जैसे- बच्चे को क्या खाना है, यह खुद डिसाइड करने दें या उसे स्कूल के लिए खुद से तैयार होने दें। कहने को तो ये काम बहुत मामूली लगते हैं लेकिन इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने और जिम्मेदार बनने में मदद मिल सकती है। घर के छोटे-मोटे काम में बच्चे को इंवॉल्व करके उन्हें काफी कुछ सिखाया जा सकता है। बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ मजेदार ट्रिक्स का सहारा लिया जा सकता है, चलिए जानते हैं इनके बारे में।
अपना काम खुद करने दें

हमारे देश में बच्चे अधिक समय तक पेरेंट्स पर डिपेंड रहते हैं। फिर चाहे फिजिकली हो, मेंटली हो या फिर फाइनेंशियली। बच्चे को बचपन से ही आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरूरी है कि उसे अपने काम खुद से करने दें। जैसे- बच्चे को अपनी खाने की प्लेट खुद लगाने दें, स्कूल के लिए तैयार होने दें या होम वर्क खुद से करने दें। ऐसा करने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा। साथ ही बच्चा किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार होगा।
कुकिंग में लें मदद

आज नहीं तो कल बच्चे को घर से बाहर निकलना ही है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे को बेसिक कुकिंग आनी चाहिए। लड़कियों को ही नहीं बल्कि लड़कों को भी कुकिंग करनी आनी चाहिए। बच्चे को कुकिंग सिखाने के लिए पेरेंट्स उन्हें कटिंग या चॉपिंग का काम दे सकते हैं। इसके अलावा यदि बच्चा 10-12 साल बड़ा है तो उसे चाय बनाना या कॉफी बनाना भी सिखा सकते हैं। घर में पेरेंट्स के न होने पर बच्चे बाहर जाकर खाना पसंद करते हैं जिससे उन्हें कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि पेरेंट्स के बिना भी बच्चे खाना बना सकें।
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जिम्मेदार बनाएं

बच्चों को बचपन से जिम्मेदार बनाएं। उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के बारे में बताएं। उनके लिए क्या सही है और क्या गलत है इसके बारे में समझाएं। काम को पूरा करने में यदि किसी तरह की मुश्किल आती है तो उससे घबराएं नहीं और तब तक कोशिश करें जब तक कि वे सफल न हों। बच्चे पर छोटी-छोटी जिम्मेदारियां डालें ताकि बच्चा उन कामों में इंवॉल्व हो सके।
गार्डन की जिम्मेदारी दें

बच्चों का मन क्रिएटिव कामों में अधिक लगता है। खासकर मिट्टी और पौधों के साथ बच्चे अधिक कंफर्टेबल फील करते हैं। बच्चों को खुद की जिम्मेदारी उठाने के साथ गार्डन की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। जैसे पौधों को समय-समय पर पानी देना, गुड़ाई करना, या पौधों की कटिंग करने जैसे छोटे-छोटे काम बच्चे आसानी से और खुशी-खुशी कर सकते हैं। ऐसा काम करके बच्चे आत्मनिर्भर तो बनते ही हैं साथ ही उन्हें नेचर से जुड़ने का मौका भी मिल जाता है। खाना कहां से और कैसे उगाया जाता है इसकी जानकारी भी हासिल कर सकते हैं।
पैसों की कीमत समझाएं

पैसा भी व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है। आज के समय में पैसे के बिना जीवन का गुजारा असंभव है। इसलिए बच्चों को पैसे की कीमत समझाएं। पैसों की सही जानकारी होने पर वह उसे खर्च करने से पहले सही डिसीजन ले पाएगा। इससे बच्चे की कैलकुलेशन भी बेहतर होगी।
