diwali pooja according numerology
diwali pooja according numerology Credit: Istock

Overview:दिवाली 20 अक्‍टूबर की है या 21 की, दूर करें ये कन्फ्यूजन

काशी विद्वत परिषद के आधार पर 20 अक्टूबर को मुख्य दिवाली घोषित की गई है। इस दिन देश में अधिकांश राज्‍यों में दिवाली मनाई जाएगी।

Diwali 2025 Date: सनातन धर्म में दीपावली का पावन पर्व प्रकाश का प्रतीक माना गया है। यह अंधकार पर विजय, बुराई पर अच्छाई की जीत और समृद्धि का संदेश देता है। धन की देवी मां लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की आराधना से जुड़ा यह उत्सव हर वर्ष कार्तिक अमावस्या को धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन 2025 में अमावस्या तिथि दो दिन पड़ जाने के कारण लोगों में असमंजस पैदा हो गया है। क्या दिवाली 20 अक्टूबर को है या 21 को। वहीं गोवर्धन पूजा, धनतेरस से भाई दूज तक की तिथियों को लेकर भी कन्‍फ्यूजन बना हुआ है। लेकिन काशी विद्वत परिषद ने ज्योतिषीय सिद्धांतों और धर्मशास्त्र के आधार पर सभी भ्रम दूर कर दिए हैं। तो चलिए जानते हैं किस दिन होगी मां लक्ष्‍मी और भगवान गणेश की पूजा।

20 अक्टूबर को है दिवाली

Diwali 2025 Date
Diwali is on October 20

वाराणसी की प्रतिष्ठित काशी विद्वत परिषद ने सूर्य सिद्धांत पर आधारित पंचांगों का अध्ययन कर एकमत से निर्णय लिया है कि 20 अक्‍टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। परिषद के अनुसार, 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 2:45 बजे अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है। यह अगले दिन सुबह 4:15 बजे तक चलेगी। प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को ही दीपावली के लिए ग्राह्य माना जाता है, जो 20 अक्टूबर को पूरी तरह लागू हो रही है।

क्‍यों हुआ कन्‍फ्यूजन

कुछ पंचांगों में गलत गणना से दिवाली 21 को दिखाई गई है, जो गणितीय रूप से सही नहीं है। परिषद ने सभी विद्वानों के साथ निर्णय लेने का संकल्प लिया है, ताकि सनातनी भक्तों में कोई संदेह न रहे। दीपावली में चार मुख्य कार्य – लक्ष्मी पूजन, उल्कामुख दर्शन, नक्त व्रत पारणा – प्रदोष में होने चाहिए। 21 को यह संभव नहीं, इसलिए 20 अक्‍टूबर ही सही है। अमावस्या प्रदोष काल में मिलने से लक्ष्मी पूजा का फल पूर्ण होता है। गलत समय और तारीख में पूजा करने से पूूूजा का लाभ नहीं मिलता साथ ही राशियों पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। वैसे तो 20 अक्‍टूबर को दिवाली की पूजा की जाएगी लेकिन कई राज्‍यों में इसे 21 अक्‍टूबर को भी मनाया जाएगा।

पूजन का मुहूर्त

Auspicious time for worship
Auspicious time for worship
  • -अमावस्या 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे समाप्त होगी।
  • -प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद 2 घंटे 24 मिनट) में अमावस्या का होना शुभ है, जो 20 को ही संभव है। लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त शाम 7:08 से 8:18 बजे तक है।
  • -इस आधार पर अधिकांश शहरों जैसे दिल्‍ली, मुंबई, अहमदाबाद और बेंगलुरु में 20 को ही मुख्य उत्सव होगा।

पांच दिवसीय दीपोत्सव का उत्‍सव इस प्रकार है

  • -धनतेरस (18 अक्टूबर 2025): धन की शुरुआत। सोना-चांदी या बर्तन खरीदें, यम की पूजा करें।

-नरक चतुर्दशी / हनुमान जयंती (19 अक्टूबर 2025): नरकासुर वध की स्मृति। उबटन लगाएं, हनुमान चालीसा पढ़ें।

-दिवाली / लक्ष्मी पूजन (20 अक्टूबर 2025): मुख्य दिन। घर सजाएं, दीप जलाएं और मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें।

-अन्नकूट / गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर 2025): भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा। गोबर से पहाड़ी बनाएं, 56 या 108 व्यंजन अर्पित करें।

-भाई दूज / यम द्वितीया (23 अक्टूबर 2025): भाई-बहन का पवित्र त्‍योहार। बहनें भाइयों को तिलक लगाएं और यम राज की पूजा करें।