International Museum Day: गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं और इसी के साथ शुरू हो गया है समर वेकेशन की सीजन। पर्यटकों के लिए जयपुर फेवरेट हॉलिडे डेस्टिनेशन में से एक है। यहां के भव्य किले, ऐतिहासिक इमारतें, टेस्टी फूड, मॉल्स लोगों को बार-बार यहां आने को मजबूर करते हैं। खास बात यह है कि जयपुर में आपको एक नहीं दो शानदार म्यूजियम देखने को मिलेंगे। इन दोनों ही म्यूजियम में ऐसा बहुत कुछ है जिन्हें देखकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे। इंटरनेशनल म्यूजियम डे पर हम बताते हैं आपको इनकी खासियत।
इंटरनेशनल म्यूजियम डे क्यों मनाया जाता है
हर साल 18 मई को इंटरनेशनल म्यूजियम डे मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य हमारी धरोहरों को सहेजने और उनकी महत्ता नई पीढ़ी को समझाने की है। इस दिन की शुरुआत साल 1977 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम (आईकॉम) की ओर से की गई थी। हर साल इस खास दिन की एक थीम आईकॉम की ओर से तय की जाती है। इस साल इसकी थीम रखी गई है ‘संग्रहालय स्थिरता और भलाई’।
136 साल पुराना है म्यूजियम

जयपुर का सबसे बड़ा, खूबसूरत और अनगिनत धरोहरों को अपने में समेटे हुए संग्रहालय है अल्बर्ट हॉल। यह जयपुर की सबसे सुंदर और भव्य इमारतों में से एक है। इसका निर्माण महाराजा रामसिंह ने साल 1876 में करवाया था। प्रिंस ऑफ वेल्स, अल्बर्ट एडवर्ड के जयपुर आगमन के उपलक्ष्य पर इसका निर्माण करवाया गया, इसी कारण इसका नाम अल्बर्ट हॉल रखा गया। साल 1887 में इस इंडो-सरसेनिक शैली में निर्मित भवन का काम पूरा हुआ। इसका अनोखा डिजाइन सैमुअल स्विंटन जैकब द्वारा बनाया गया था। इसी साल इसे संग्रहालय के रूप में जनता के लिए खोल दिया गया था। आज भी यह 136 साल पुरानी इमारत बेहद खूबसूरत लगती है। यहां फोटोशूट करवाने के लिए देश विदेश के पर्यटक उत्साहित रहते हैं।
बहुत कुछ है यहां खास
इस म्यूजियम की इमारत जितनी खूबसूरत है, उतनी ही अनोखी हैं यहां रखीं वस्तुएं। इस म्यूजियम में बेशकीमती पेंटिंग, कलाकृतियां, आभूषण, कालीन, धातु, पत्थर और हाथीदांत की मूर्तियां पर्यटक देख सकते हैं। इसी के साथ यहां सिक्कों का बड़ा कलेक्शन भी देखा जा सकता है। इस म्यूजियम की सबसे खास बात है यहां रखी मिस्र की ममी। बताया जाता है कि यह ममी मिस्र के एक पुजारी परिवार की महिला की है। यह ममी करीब 2400 साल पुरानी बताई जाती है।
पिंकसिटी में देखिए अद्भुत चीजों का खजाना

जयपुर का दूसरा मशहूर संग्रहालय है खजाना महल जेम्स एंड ज्वैलरी म्यूजियम। करीब तीन एकड़ में बने इस म्यूजियम में ऐसी अद्भुत चीजें संग्रहित हैं, जिन्हें देखकर पर्यटक हैरान हो जाते हैं। यहां चार सौ प्रकार के बीस हजार से अधिक जेम स्टोन्स एक ही छत के नीचे देख सकते हैं। इनमें से कई सौ साल पुराने हैं। 39 हिस्सों में बंटे इस म्यूजियम में सेमी प्रेशियस स्टोन से बनी 111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंग भी है। इसी के साथ असली उल्का पिंड का टुकड़ा, शार्क के दांत, डायनासोर की हड्डी, कोहिनूर हीरे की रेप्लिका, नवग्रह से लेकर 21 सीटर हाईटेक मिनी थियेटर जैसे कई अट्रैक्शन यहां मौजूद हैं। यह म्यूजियम सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुलता है।
