आरती और पूजा में क्या है अंतर? जानें क्यों की जाती है पूजा के बाद आरती: Importance of Aarti and Pooja
Importance of Aarti and Pooja

Importance of Aarti and Pooja: हर धर्म में अपने नियमों के अनुसार पूजा-पाठ की जाती है। जिसके माध्यम से  हम  सब अपने ईश्वर को याद करते है, उनको सम्मान देते है इसके फलस्वरुप वो हमारी मनोकामनाएं को सुनते है। हर पूजा को  अलग-अलग  दिन के अनुसार किया जाता है। आमतौर पर हम सभी पूजा के बाद आरती करते है ताकि पूजा सफल हो सके लेकिन क्या आप आरती और पूजा के बीच अन्तर जानते हो? जी हां इनके बीच अन्तर होता है। पूजा से अक्सर हम भगवान को अपनी आस्था और श्रद्धा दिखाते है, क्योंकि पूजा में भगवान से आत्मिक संबध बनाना जरूरी है। असल में पूजा की उत्पति ही भगवान को अपनी श्रद्धा-आस्था दिखाने के लिए हुई थी। जिसमें हम फल-फूल, मिठाई, और दैनिक  प्रसाद  से रोज भगवान को याद करते है। जिसके बिना हमें शांति नहीं मिलती है, यह हिन्दू धर्म में अनिवार्य माना गया है।

क्या है पूजा का महत्त्व

Importance of Aarti and Pooja
Importance of Aarti

पूजा विशेष तौर पर एक व्यक्ति या व्यक्ति-समूह द्वारा की जाती है, जिसे प्रत्यक्ष रूप से एक उपासक द्वारा या अप्रत्यक्ष रूप से उपासक की ओर से एक पुजारी द्वारा किया जाता है। यह ज्यादातर मंदिरों में की जाती है। असल में यह हमें मन की शांति देती है, काम में ऊर्जा प्रदान करती है, बाधाओं को दूर करती है,  साथ ही इससे हम  भगवान के साथ एक खास संबध कायम कर सकते है।

क्या है भगवान की आरती

God's Aarti
God’s Aarti

आमतौर पर भारतीय घरों में सुबह-शाम की आरती की  जाती है ,आरती में दिए  की  लौ प्रज्वलित की जाती है और उसे भगवानों के  चारों ओर दिखाया जाता है जिससे मन खुश होता है। असल में  आरती  घर-मंदिर या किसी भी स्थान के अंधकार को दूर करती है,  यह जीवन मे धूप-बत्ती जैसी सुगंध भर देती है। आरती में विशेषकर के ताली -घंटी  बजाई जाती है और  ज़ोर-ज़ोर से आरती गाई जाती है।

पूजा के बाद आरती क्यों है जरूरी

Pooja After Aarti
Pooja After Aarti

पूजा करने के बाद उसका समापन जरूरी होता है, इसलिए आरती की जाती है। यह इस बात का सकेंत देती है कि पूजा फिलहाल समाप्त हो गई है। इससे पूजा का पूर्ण फल मिलता है। आरती को एक हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है जो एक भगवान के प्रति प्रेम दिखाने का एक आसान तरीका माना जाता है।

आरती का महत्व

आरती मनुष्य में आत्म बल, आत्मविश्वास जगाती है। यह मानसिक तनाव को दूर करती है, इससे नेगेटिविटी दूर होती है। आरती में इस्तेमाल हो रहा दिया जीवन मे प्रकाश लाता है, जो हमारे जीवन में सकारात्मकता लाता है। आरती व्यक्ति के आत्म बल को बढ़ाती है। परिवार के बीच एकता लाती है। यह मानसिक तनाव को दूर करती है और वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करती है। आरती के दौरान जब घी को प्रज्वलित किया जाता है तब वातावरण प्रकाशित होता है और सकारात्मक हो जाता है। भगवान को खुश करने के लिए, उनकी दया पाने के लिए पूजा और आरती दोनों की ही जरूरी होती है।