Sign of Fake Friendship: दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जो हम खुद से बनाते हैं। वरना बाकी सभी रिश्ते तो भगवान बनाकर ही भेजते हैं। हमारे जीवन में दोस्तों का बहुत महत्व होता है। किसी को सच्चा और अच्छा दोस्त मिल जाए तो उससे भाग्यशाली और कोई नहीं। सच्चे दोस्त हमेशा मुश्किल के समय आपके साथ खड़े होते हैं। वैसे तो हमारे काफी दोस्त होते हैं लेकिन सच्चे दोस्त तो गिने चुने और खास होते हैं। क्योंकि दोस्ती में फायदा और नुकसान के बारे में नहीं सोचा जाता ना ही अपना पराया के बारे में। लेकिन सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि कौन सच्चा दोस्त है और कौन झूठा,, यह कैसे पता लगाया जाए क्योंकि दुनिया तो बेईमान और झूठे लोगों से भरी हुई है। जो नकली दोस्त होते हैं वह अक्सर केवल दोस्त होने का दिखावा करते हैं। वास्तव में उन्हें आपके किसी भी भावना या दुख की परवाह नहीं होती है।
जब हम किसी को अपना अच्छा और सच्चा दोस्त मानते हैं तो उनसे हमें काफी लगाव हो जाता है और उम्मीदें भी जुड़ जाती हैं लेकिन अगर आपका दोस्त झूठा है तो आपको बदले में उससे ऐसी कोई चीज कभी नहीं मिलेंगी। हम मानते हैं कि आप किसी के अंदर घुसकर उसे पहचान नहीं सकते लेकिन कुछ ऐसे संकेत होते हैं, जिन्हें पहचान कर हम यह पता लगा सकते हैं कि कौन आपका सच्चा दोस्त है और कौन झूठा।आईए जानते हैं उन संकेतों के बारे में।
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हमेशा डिमोटीवेट करना

हमारे दोस्त हमारी अच्छाई-बुराई दोनों के बारे में बताता है लेकिन अगर आपका कोई दोस्त सिर्फ आपकी बुराइयों के बारे में बताएं, आपकी कमियों को बार-बार जाहिर करें और आपके आत्मविश्वास को कमजोर महसूस करवाए तो वह आपका सच्चा दोस्त कभी नहीं हो सकता। सच्चे दोस्त अक्सर आपको अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ना कि हतोत्साहित। सच्चाई बताना एक अलग बात है लेकिन डिमोटिवेट करना सच्चे दोस्तों का काम नहीं। अगर आपका दोस्त आपसे हमेशा नेगेटिव बातें करता है।पॉजिटिविटी देने के बजाए आपको डिमोटिवेट करता है तो आपका सच्चा दोस्त नहीं है।हो सकता सच्चे दोस्त हमेशा आपके हारने पर हौसला देंगे।
हमेशा कंपटीशन की भावना रखता हो
जिंदगी में अच्छा करने के लिए कंपटीशन जरूरी है। अगर आपका दोस्त कॉम्पिटेटिव फीलिंग रखता है तो एक लिमिट तक ही है। यह सही है लेकिन अगर आपका दोस्त हमेशा प्रतिस्पर्धा की भावना रखें तो वह आपका सच्चा दोस्त नहीं है। अगर आप अपनी जिंदगी में सफल हो रहे हैं। बड़े-बड़े सफलताएं हासिल कर रहे हैं और आपका दोस्त आपसे खुश ना होकर प्रतिस्पर्धा करने में लगा हुआ है तो यह नकली दोस्त के संकेत हैं। सच्चे दोस्त कभी भी दूसरे की उन्नति से दुखी नहीं होते। वह हमेशा अपने दोस्तों की उपलब्धियों से खुश होते हैं।
बातें शेयर ना करना

दोस्त आपस में हर बात एक दूसरे से शेयर करते हैं। यह सब यह दोस्ती का सबसे बड़ा सच है। ऐसी बहुत सी बातें होती हैं, जो अपने परिवार वालों को भी नहीं बता सकते। लेकिन अपने दोस्त को जरूर बताते हैं। हमें ऐसा लगता है कि किसी भी परिस्थिति में हमारा दोस्त हमारे साथ खड़ा होगा। लेकिन अगर आपका कोई दोस्त आपसे बातें शेयर करने में कतराता हो या आपकी बातें सुनकर अपनी बातें छुपाता हो तो आपका सच्चा दोस्त नहीं हो सकता। सच्चे दोस्त एक दूसरे पर पूरा भरोसा करते हैं ना कि सोच समझकर अपनी बातें बताते हैं। ऐसे लोगों पर विश्वास करने से बचें, जो आपके लिए जजमेंटल हो। सच्चे दोस्त एक दूसरे की मानसिकता और परिस्थितियों को समझते हैं ना कि एक दूसरे को जज करते हैं। अगर आपका कोई ऐसा दोस्त है जो हमेशा आपको जज करता है, आपकी प्रॉब्लम्स को समझने और सॉल्व करने की जगह वह आपकी कमी ही निकाले तो वह आपका सच्चा दोस्त नहीं है।
जरूरत के समय बहाने देना
कहा जाता है कि मुसीबत में सच्चा दोस्त ही हमारे काम आता है लेकिन अगर आप किसी परेशानी में और आपका दोस्त आपकी मदद करने की बजाय बहाने बनाए तो आपको यह समझ जाना चाहिए कि वह आपकी दोस्ती के लायक नहीं है। दोस्त हमेशा एक दूसरे की सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे लोगों से तुरंत दोस्ती खत्म कर लेनी चाहिए।
