friendship
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दोस्ती दुनिया का सबसे हसीन रिश्ता है। एक सच्चा दोस्त हमारी जिंदगी को नई राह देता है। लेकिन अक्सर हम लोग छोटी-छोटी गलतियों या भूलों की वजह से अपना बेशकीमती दोस्त खो देते हैं। 

सुनना नहीं, सलाह देना

दोस्ती की नींव है बातचीत, लेकिन ध्यान रखें कि इस बातचीत में  जरूरी है उसकी बात सुनना। दोस्त को बिना टोके अपनी बात पूरी करने दें। खुद भी अपने बारे में जो भी बताएं, पूरी ईमानदारी और खुलेपन के साथ।  आपसी बहस को हेल्दी डिबेट तक ही रखें। अपनी बात को साबित करने के लिए दोस्त को हर्ट करने की कोशिश न करें।
बदलने की कोशिश
हम किसी से दोस्ती अक्सर उसकी किसी खासियत से इम्प्रेस होकर करते हैं। ऐसे में हम सिर्फ उसकी पॉजिटिव चीजें देख रहे होते हैं। लेकिन वक्त के साथ उसकी खामियां भी नजर आने लगती हैं। बल्कि कई बार हम उन्हीं पर फोकस करने लगते हैं। जान लें कि दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है। आप भी नहीं। फिर दूसरे से ऐसा होने की उम्मीद क्यों? दोस्ती का तो मतलब ही है कि जैसा है, उसे वैसे ही स्वीकार करें और बदलने की कोशिश न करें। 

सुख दुख में साथ
अगर आप सच्चे दोस्त हैं तो, अपने दोस्त के गम का हिस्सा जरूर बनें। अगर वह तकलीफ में है और आपसे कुछ शेयर करता है तो आप उसे महसूस करें। सिर्फ हमदर्दी के कुछ  बोलकर अपना काम खत्म न समझें, उसकी मदद करें। 
बांध कर रखना
अपने दोस्त को कभी भी बांधने की कोशिश न करें। अपने दोस्त की लिमिटेशन को समझें और सच की कसौटी पर आंकें। मानें कि उसका भी परिवार है, दूसरे दोस्त हैं, ऑफिस है, उन तमाम चीजों के लिए उसे वक्त चाहिए। यह सोचने की बजाय कि उसने बात नहीं कि यहां मैसेज का जवाब नहीं दिया।सोचें कि हो सकता है कि वह वाकई बिजी हो। दोस्ती में सामनेवाले को स्पेस देना बहुत जरूरी है। 
भावनाएं न जताना
किसी भी रिश्ते में इजहार बहुत जरूरी है। दोस्ती पर भी यह बात लागू होती है। इसका मतलब यह नहीं कि आप हर वक्त सामनेवाले को जताते रहें कि आप उसकी कितनी कद करते हैं अगर दोस्त से कोई वादा किया है, तो उसे जरूर पूरा करें। भावनाओं का इजहार करते वक्त भी बैलेंस्ड होना जरूरी है।रिश्ते में एक सेफ फासला भी देना चाहिए। 

अपनी मर्जी चलाना
अक्सर हम दोस्त की पसंद-नापसंद को नजरअंदाज कर देते हैं। दोस्तों के बीच कॉमन इंट्रेस्ट शेयर करना बहुत जरूरी है। उसकी पसंद-नापसंद का भी ध्यान रखें।    उसका अपना दोस्तों का सर्कल है ।लेकिन अपनी दोस्ती की अहमियत उसे बताएं और अपने दम पर रिश्ते को बनाए रखें।   
मतभेद न बने मनभेद 
कॉमन फ्रेंड्स में या किसी से भी अपने दोस्त की बुराई न करें। वरना एक की कही बात पूरे सर्कल में फैल जाएगी है। कॉमन दोस्तों के बीच कही कोई बात अक्सर दोस्ती के लिए दरार साबित होती है। दोस्त को लेकर कोई गलतफहमी हो गई है, तो उसे गांठ न बनाएं। उस मसले पर डिस्कस करके हल कर लें।  किसी भी रिश्ते में ट्रांसपैरंसी बहुत जरूरी है।
वर्चुअल दोस्ती में बिजी
यह सही है कि आजकल हर कोई बिजी है। ऐसे में लंबे वक्त तक लोग सोशल नेटवर्किंग साइट या फोन के जरिए ही दोस्तों के टच में रहते हैं। इसी तरह अगर कोई दोस्त आपसे ज्यादा कॉन्टैक्ट नहीं कर पा रहा तो यह न सोचें कि वह आपसे दोस्ती नहीं रखना चाहता।। यानी मन में खुद से ही कुछ न गढ़ लें। 

नाप-तोल करना
दोस्ती में कभी भी स्वार्थी न बनें। यह न सोचें कि इस दोस्ती से मुझे फलां फायदा होगा।  उसने कॉल नहीं किया तो मैं क्यों करूं? दोस्ती आपने इसलिए की, क्यों कि आपको फलां शख्स पसंद है तो फिर एक कदम आगे बढ़ाने में आपको संकोच क्यों? दोस्त के लिए कुछ करके आपको भी खुशी मिलेगी और दोस्त को भी, फिर नाप-तोल क्यों? इसी तरह अगर कोई दोस्त आपसे ज्यादा कॉन्टैक्ट नहीं कर पा रहा तो यह न सोचें कि वह आपसे दोस्ती नहीं रखना चाहते, यानी मन में खुद ही कुछ न गढ़ लें।

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