मां-बेटे के रिश्ते को स्ट्रांग बनाने के लिए फॉलो करें ये 4 तरीके, रिश्तों में बढ़ेगी मिठास: Mother and Son Relationships
Mother and Son Relationships

Mother and Son Relationships: मां बेटे का रिश्ता इस धरती पर सबसे पवित्र और अनमोल रिश्ता है। इस रिश्ते को शब्दों में परिभाषित करना नामुमकिन है। मां के लिए उसका बेटा सबसे प्यारा होता है और उसके लिए उनका प्यार कभी कम नहीं होता। जिस तरह बेटियों को पापा की परी माना जाता है। ठीक उसी तरह हर बेटा मां लाडला होता है और मां अपने लाडले की हर डिमांड को जरूर पूरी करती है। इसीलिए तो बेटे अपनी बीवी में अपनी मां के गुण ढूंढते हैं। लेकिन कई बार समय के साथ-साथ मां और बेटे के रिश्ते में भी दूरियां बढ़ने लगती है, जिसे समय रहते हैं ठीक कर लेना चाहिए। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जो मां और बेटे दोनों के रिश्ते को मजबूत बनाकर रिश्ते को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इन छोटे-छोटे बदलाव को अपनी जिंदगी में जरूर शामिल करें।

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Tips On How To Build A Strong Mother-Son Bond

सबसे महत्वपूर्ण है बच्चे को यह समझना कि एक स्वतंत्र जीवन जीने के लिए उसे क्या-क्या सीखने की जरूरत है। आप अपने बेटे को कभी-कभी अपने साथ घर के कामों में भी शामिल करें, जिससे वह खाना बनाना, सफाई करना ,छोटी-छोटी चीजों में आपकी मदद करेगा। ऐसा करने से न सिर्फ आप आप दोनों अनोखे रूप से जुड़ पाएंगे बल्कि आपके बेटे को सेल्फ कॉन्फिडेंस और सेल्फ इंडिपेंडेंट रहने के लिए भी मदद मिलेगी। साथ ही साथ उसको ये भी दिखाएं कि जो भी अच्छी बातें आप उसे सीखाना चाहती हैं उसे आप भी फॉलो करती हैं। वहींं उसे आप यह बताएं कि उसे किसी तरह अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना चाहिए।

आपका अपने बेटे के साथ रिश्ता उसके जीवन में भावनात्मक विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सम्मान और विश्वास सीखाकर आप अपने बेटे को दूसरों का सम्मान करने के साथ-साथ खुद का सम्मान करना भी सिखा सकती हैं। मां-बेटे के रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि आप एक दूसरे को समझें और पूरा सम्मान दें।

Good Parenting Tips How to Raise a Good Son
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भले ही मां बेटे का रिश्ता दुनिया में सबसे अनोखा रिश्ता होता है लेकिन जब बच्चे बड़े होने लगते हैं तो वह बाहरी बातों में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि माता-पिता से उनकी दूरी बनने लग जाती है। ऐसे में आप हमेशा अपने बेटे का अच्छा दोस्त बनकर रहें। इससे वह अपनी सारी बातें आपसे शेयर कर पाएगा और अपनी लाइफ की हर दिक्कत-परेशानी तो आपके सामने खुलकर रख पाएगा। आप भी अपने बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्थितियों के बारे में जान पाएंगी और बेटा भी यह समझ पाएगा कि उसके माता-पिता जो भी सलाह दे रहे हैं। वह उसके लिए सही और बेहतर है।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि घर में बेटियों के परवरिश और निगरानी पर ज्यादा समय खर्च किया जाता है लेकिन अगर आप अपने बेटे का सही भविष्य चाहते हैं और अपने रिश्ते की ममता को खाने नहीं देना चाहते तो आपको थोड़ा बहुत निगरानी अपने बेटे पर भी रखना चाहिए, जिससे आप यह देख पाएंगे कि वह किसी गलत रास्ते पर तो नहीं जा रहा है। इसके अलावा उसे जब-जब जरूरत हो आप उसके साथ खड़े रहें।

प्रतिमा 'गृहलक्ष्मी’ टीम में लेखक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। डिजिटल मीडिया में 10 सालों से अधिक का अनुभव है, जिसने 2013 में काशी विद्यापीठ, वाराणसी से MJMC (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की। बीते वर्षों...