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Overview: गोल्ड या एसआईपी में से कहां करें इवनेस्ट

गोल्ड व एसआईपी को एक बेहतरीन निवेश ऑप्शन माना जाता है। लेकिन इन दोनों में से क्या सबसे बेस्ट है। जानिए।

Gold Vs SIP: आज के समय में निवेश के ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं, लेकिन महिलाएं अक्सर गोल्ड या एसआईपी मसलन सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में ही निवेश करना पसंद करती हैं। ये दोनों ही बहुत ज्यादा पॉपुलर हैं। हालांकि, कई बार मन में यह कशमकश रहती है कि सबसे बेस्ट रिटर्न के लिए सही इनवेस्टमेंट ऑप्शन कौन सा रहेगा। ऐसे में इनके बारे में विस्तार से समझना जरूरी है ताकि आपका पैसा समझदारी से बढ़े।

यूं तो गोल्ड हमेशा से महिलाओं की पहली पसंद रहा है। अमूमन महिलाएं कई सालों से गोल्ड में ही इनवेस्ट करती आई हैं। चूंकि सोने की कीमतें लगातार बढ़ती ही रहती हैं तो ऐसे में समय के साथ अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं। यह अधिक सुरक्षित भी लगता है, क्योंकि यह हाथ में होता है। इसे गिफ्ट किया जा सकता है, जरूरत पड़ने पर काम आता है, या बस ऐसे ही रखा जाए तो धीरे-धीरे इसकी वैल्यू बढ़ती रहती है। वहीं दूसरी ओर एसआईपी आज के जमाने का पैसा बढ़ाने का एक स्मार्ट तरीका है। इसमें आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं, और समय के साथ ये रकम बड़ी हो जाती है, कंपाउंडिंग के वजह से। पर हां, इसमें कुछ जोखिम भी जरूर है क्योंकि ये शेयर बाज़ार से जुड़ा होता है, लेकिन लंबी अवधि में इससे आपको अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम इन दोनों की तुलना करके यह जानने का प्रयास करेंगे कि महिलाओं के लिए कहां इनवेस्ट करना बेस्ट रहेगा-

Security and Invetment
Security and Invetment

जब भी हम इनवेस्ट करती हैं तो सबसे पहले सिक्योरिटी और रिस्क पर ध्यान देती हैं। गोल्ड को हमेशा ही एक “सुरक्षित निवेश” माना गया है, क्योंकि इसका मूल्य कभी पूरी तरह खत्म नहीं होता। हालांकि, इसकी कीमतें थोड़े समय में ऊपर-नीचे हो सकती हैं। यानी आज खरीदा हुआ सोना अगर आप अगले महीने बेचें, तो जरूरी नहीं कि वही दाम मिले।

वहीं, अगर आप एसआईपी के जरिए आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं। जहां इक्विटी एसआईपी में जोखिम ज्यादा होता है क्योंकि शेयर मार्केट रोज़ ऊपर-नीचे होता है। हालांकि, लेकिन लंबे समय में ये ज्यादा मुनाफा देता है। वहीं डेट एसआईपी थोड़ा सुरक्षित होता है, पर इसका ग्रोथ धीरे होता है।

इस तरह अगर आप एक सुरक्षित निवेश चाहती हैं तो गोल्ड में इनवेस्ट करें। एसआईपी में धैर्य जरूरी है।

निवेश करते समय हम सभी मुनाफे के बारे में भी जरूर सोचते हैं। सोना आमतौर पर हर साल 8-10 प्रतिशत का रिटर्न देता है। आर्थिक अनिश्चितता के समय ये तेजी से बढ़ भी सकता है। लंबे समय के लिए सुरक्षित है, लेकिन इससे आप एकदम से अमीर नहीं हो सकती।

वहीं, इक्विटी एसआईपी लंबे समय तक बने रहने पर 12-15 प्रतिशत या उससे ज्यादा रिटर्न दे सकती है। डेट एसआईपी लगभग 6-8 प्रतिशत रिटर्न देती है।

आप इसे ऐसे भी समझ सकती हैं। गोल्ड कुछ ऐसा है जैसे तकिए के नीचे बचत रखना, क्योंकि यह धीरे बढ़ेगा। वहीं, एसआईपी ऐसा है जैसे बगीचे में बीज बोना। इसे थोड़ा वक्त और देखभाल चाहिए, पर बाद में बड़ा पेड़ बनता है।

Liquidity
Liquidity

जीवन में कभी भी कुछ भी हो सकता है। ऐसे में निवेश करते समय लिक्विडिटी पर भी फोकस करना जरूरी है, ताकि जरूरत पड़ने पर पैसे निकालने में आसानी हो।

अगर आपका गोल्ड गहनों या सिक्कों के रूप में है, तो बेचने में समय लग सकता है। लेकिन डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ईटीएफ को लगभग तुरंत बेचा जा सकता है।

वहीं, आप एसआईपी कभी भी निकाल सकते हैं, पर इक्विटी एसआईपी में 5-7 साल तक टिके रहना फायदेमंद होता है क्योंकि कंपाउंडिंग से बड़ा रिटर्न मिलता है।

अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़ सकती है, तो डिजिटल गोल्ड या आसानी से निकाले जा सकने वाले एसआईपी बेहतर ऑप्शन रहेंगे।

अगर बात सुविधा और पहुंच की हो तो भी गोल्ड और एसआईपी में अंतर देखने को मिलता है।

गोल्ड खरीदना आसान है, लेकिन उन्हें सुरक्षित रखना मुश्किल। सिक्के या बार रखने के लिए भी सुरक्षा चाहिए। अक्सर इनके चोरी होने का डर मन में बना ही रहता है। वहीं, डिजिटल गोल्ड बहुत आसान है, आप इसे सिर्फ ₹100 से शुरू कर सकते हैं।

एसआईपी पूरी तरह ऑनलाइन प्रोसेस है। सिर्फ ₹500 महीना से शुरू कर सकते हैं, हर महीने अपने आप निवेश होता रहेगा। इस तरह आपको इन्हें रखने के लिए अलग से चिंता करने की जरूरत नहीं है।

जब भी आप निवेश करें तो यह जरूर देखें कि आपके फ्यूचर गोल्स क्या हैं। उसी के आधार पर आप सही फैसला लेने में सक्षम हो पाएंगी। मसलन-

अगर आपके गोल्स छोटे हैं या फिर आप त्योहार, गिफ्ट, आपातकालीन फंड आदि के अनुसार निवेश करना चाहती हैं तो गोल्ड आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।

वहीं अगर आप लंबे गोल्स जैसे रिटायरमेंट, घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई या आर्थिक आजादी के लिए इनवेस्टमेंट ऑप्शन देख रही हैं तो ऐसे में आप एसआईपी में इनवेस्ट करें। 

Taxation
Taxation

निवेश करने से पहले आपको टैक्सेशन यानी कर के नियमों को भी समझना चाहिए। इसके बारे में सही जानकारी ना होने से अक्सर निवेश में गड़बड़ी हो जाती है

अगर आपने गोल्ड 3 साल से ज्यादा रखा है, तो मुनाफे पर 20 प्रतिशत टैक्स (इंडेक्सेशन के साथ) लगता है। 3 साल से पहले बेचने पर टैक्स आपकी आय के अनुसार लगता है।

वहीं, इक्विटी एसआईपी टैक्स के लिहाज़ से बेहतर हैं। 1 साल से पहले बेचने पर 15 प्रतिशत टैक्स, 1 साल बाद बेचने पर सिर्फ 10 प्रतिशक टैक्स लगता है। हालांकि, डेट एसआईपी में टैक्स थोड़ा ज्यादा होता है।

अब सवाल यह उठता है कि महिलाओं को कहां पर निवेश करना चाहिए। यह पूरी तरह से आपके गोल्स पर निर्भर करेगा। मसलन, महंगाई से बचाव, आपात फंड, गिफ्ट के लिए गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। वहीं, संपत्ति निर्माण, लंबी अवधि की स्वतंत्रता और बेहतर रिटर्न के लिए एसआईपी का ऑप्शन चुनें।

कोशिश करें कि आप निवेश के लिए दोनों का संतुलित मिश्रण रखें। आप 20-30 प्रतिशत सोने में और 70-80 प्रतिशत एसआईपी में इनवेस्ट करने का मन बना सकती हैं। इससे आपको सुरक्षा भी मिलेगी और संपत्ति में बढ़ोतरी भी।

मैं मिताली जैन, स्वतंत्र लेखिका हूं और मुझे 16 वर्षों से लेखन में सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया में 9 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। मैं हेल्थ,फिटनेस, ब्यूटी स्किन केयर, किचन, लाइफस्टाइल आदि विषयों पर लिखती हूं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित...