एग्रेसिव म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर जानकारी
इस समय इसमें निवेश करना सबसे बेस्ट है क्योंकि शेयर मार्केट में अच्छा लाभ मिल रहा है।
Aggressive Mutual Funds: कम जोखिम के साथ सेविंग के लिए अधिकांश लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर विकल्प मानते हैं। लेकिन अगर आप सेविंग पर ज्यादा अच्छा रिटर्न चाहते हैं और थोड़ा जोखिम ले सकते हैं तो आप एग्रेसिव म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इस समय इसमें निवेश करना सबसे बेस्ट है क्योंकि शेयर मार्केट में अच्छा लाभ मिल रहा है। अगर आप भी अपनी सेविंग से कम समय में बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं, तो आप एग्रेसिव म्यूचुअल फण्ड में निवेश कर सकते हैं।
क्या है एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअलफंड

पहली बार इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अच्छे हैं क्योंकि इन फंड्स में थोड़ा सा डेब्ट एक्सपोजर भी होता है। चूंकि इन फंडों का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी में रखा गया है, इसलिए ये फंड अन्य फंडों की तुलना में अपने निवेशकों को अधिक रिटर्न देने में सक्षम हैं। इसमें 65-80% इक्विटी में और शेष डेब्ट में निवेश किया जाता है। शेष 20-35% को डेट और अन्य फिक्स्ड-ब्याज प्रतिभूतियों में निवेश किया जा सकता है।
3-5 साल के लिए करें निवेश
अगर आपको अपने निवेश के ऊपर अच्छा रिटर्न चाहिये तो कम से कम तीन से पाँच साल के लिए निवेश करें। इन फण्ड का एक बड़ा भाग शेयर बाज़ार यानी इक्विटी में होता है इसलिए अच्छे रिटर्न के लिए आपको निवेश करने के लिए कम से कम तीन साल तक इंतज़ार करना होता है।

एग्रेसिव हाइब्रिड फंड पर टैक्सेशन क्या है ?
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन एक साल से पहले रिडेम्पशन पर जमा होता है और 15% पर टैक्स लगता है। एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन लागू होते हैं, और बिना इंडेक्सेशन लाभ के 10% की एक फ्लैट दर पर कर लगाया जाता है।
Also Read: सोने में निवेश कर रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ़ है बेस्ट: Invest in Gold ETF
निवेश सीमा
अगर आप ज्यादा निवेश नहीं करना चाहते हैं तो आप इन फंड्स में निवेश कर सकते हैं। इसमें आप कम से कम 500 रुपए से निवेश की शुरुआत कर सके हैं। निवेशक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी कि एसआईपी का विकल्प चुन सकते हैं और कम से कम 100 रुपये प्रति माह से शुरू कर सकते हैं।

क्यों है बेहतर
अलग-अलग जगह पैसा लगाने की वजह से इस फण्ड में जोखिम की संभावना थोड़ी कम है। कई बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है। अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश के कारण इसमें निवेश से डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है। अगर इक्विटी में लगा पैसा कम होता है या बाजार के हिसाब से गिरावट आती है तो डेट और सोने में लगे पैसे के जरिए फंड बैलेंस हो जाता है। अगर सोने में रिटर्न कम होता है तो डेट और इक्विटी के जरिए बैलेंस हो जाता है।
आप भी अगर अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न हासिल करना चाहते हैं तो एग्रेसिव म्यूचुअल फंड में निवेश को चुन सकते हैं।
