Hybrid Mutual Funds 
Hybrid Mutual Funds Meaning  

Alpha and Beta in Mutual Fund: अगर आप कमाते हैं तो उसका एक तय अमाउंट बचाना और उसको सही जगह सही जगह निवेश करना भी ज़रूरी है जिससे आपको उस पर अच्छा रिटर्न मिल सके। निवेश का एक तरीक़ा जो लगभग हर कोई पसंद करता है वह है म्यूचुअल फंड। म्यूचुअल फंड में जब आप किसी फंड को चुनते हैं तो उसके अल्फा, बीटा, आर स्क्वेयर्ड, स्डान्डर्ड डेविएशन और शार्प रेशियो पांच इंडिकेटर्स होते हैं। इनमें सबसे ज़रूरी हैं अल्फा और बीटा। तो, अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको इसके अल्फा और बीटा के बारे में जानना ज़रूरी है, जिससे आपको इसमें निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल सके।

क्या है अल्फा?

Alpha and Beta in Mutual Fund-Money Tips
Check Alpha value before investing in mutual funds

अल्फा किसी म्यूचुअल फंड की परफॉरमेंस को बताता है। इससे यह पता चलता है। की कि फंड ने बेंचमार्क इंडेक्स से कितना ज्यादा या कम रिटर्न दिया है। जैसे आपने किसी ऐसे फंड में निवेश किया है जिसका बेंचमार्क  20% है और उस फंड ने 25% रिटर्न दिया है तो इसका अर्थ यह है कि  इसका अल्फा यानी परर्फोमन्स 5% ज्यादा है। इसके विपरीत अगर बेंचमार्क 20% है और फंड का रिटर्न 15% है तो इसका मतलब फंड ने अपनी उम्मीद  से 5% कम रिटर्न दिया है। इसलिए जब भी इंवेस्ट करें तो यह जरूर देख लें कि उस फंड का अल्फा अधिक हो। अल्फा जितना नेगेटिव रहेगा वह उस फंड की ख़राब स्थिति को बताएगा और जितना ज्यादा रहेगा उसकी स्थिति उतनी अच्छी होगी। अल्फा प्लस में होना बताता है कि उसके फंड मैनेजर ने अच्छा परफॉर्म किया है। तो, आप पॉजिटिव अल्फा देखकर किसी भी फंड को चुन सकते हैं।

क्या है बीटा?

Aggressive Mutual Funds
Mutual Funds

बीटा से किसी म्यूचुअल फंड की वलैटिलिटी पता चलती है। बीटा से यह भी पता चलता है म्यूचुअल फंड मार्केट मूवमेंट से कितना सेंसिटिव है। यानी वो मार्केट के साथ कितना उपर या नीचे जा सकता है। अगर बीटा वैल्यू माइनस में है तो वोलैटालिटी कम होती है और अगर यह पोजिटिव है तो वॉलैटिलिटी ज्यादा होती है। म्यूचुअल फंड में बीटा का बेंचमार्क एक को माना जाता है। जैसे बीटा का बेंचमार्क एक से अधिक है तो ज्यादा वॉलेटाइल है और एक से कम है तो कम वॉलेटाइल है, रिस्क कम है। अगर वॉलैटिलिटी ज्यादा होती है तो फंड के साथ नुकसान के चांसेज ज्यादा होते हैं, लेकिन इसके साथ रिटर्न के चांस भी बढ़ जाते हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय देख लें कि इसकी बीटा वैल्यू एक से अधिक तो नहीं है।अगर बीटा एक से कम है तो आप उस म्यूचुअल फंड में आराम से निवेश कर सकते हें। इसमें भले ही रिटर्न जरूर थोड़ा कम मिलता है, लेकिन कोई जोखिम नहीं रहता है।

तो, आप भी अगर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो निवेश से पहले उसका अल्फा और बीटा ज़रूर देख लें, जिससे आपको आपके निवेश किए हुए पैसों पर रिटर्न भी अच्छा मिल जाये और मार्केट का जोखिम भी नहीं रहे।

अभिलाषा सक्सेना चक्रवर्ती पिछले 15 वर्षों से प्रिंट और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं। हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में दक्षता रखने वाली अभिलाषा ने करियर की शुरुआत हिंदुस्तान टाइम्स, भोपाल से की थी। डीएनए, नईदुनिया, फर्स्ट इंडिया,...