प्रवाह के साथ चलना एक कला है आइए जानते हैं: Go With Flow
Go With Flow

प्रवाह के साथ चलना एक कला है आइए जीने की इस कला को अपने जीवन में अपनाए

प्रवाह के साथ जीवन में आगे बढ़ो” इसका मतलब है कि क्रोधित और हताश,निराश हुए बिना परिवर्तन को स्वीकार करना l जो जीवन आपको देता जाए आप उसको खुश हो कर लेते जाओ बजाय इसके कि आप इस बात में अपनी उर्जा खपाते रहो कि आपका जीवन ठीक वैसा ही चले जैसा कि आप चाहते हैं

लाओ त्जू के द्वारा

Flow with your life

“ जीवन प्राकृतिक और सहज़ परिवर्तनों की एक श्रृंखला है l उनका विरोध मत करो – वह केवल दुख पैदा करता है l हकीकत को हकीकत ही रहने दो l चीजों को स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ने दें " -लाओ त्जू

बहता पानी इस बात का एक बड़ा उदाहरण है

A river cuts through rock ,not because of its power but because of its persistence

अगर हम बहते पानी या नदी को गौर से देखे तो पाएंगे की उसका जल बिना रुके सदा आगे बहता जाता है और यदि कोई पत्थर या चट्टान उसका रास्ता रोकता भी है तब भी वो अपने आगे बढ़ने का रास्ता बना ही लेता है लेकिन किसी भी परिस्थिति में कभी रुकता नहीं है |

लियो बबौटा द्वारा

हम अपने जीवन में कितनी भी योजनाएं बना ले पर यूनिवर्स की हमारे लिए अपनी योजनाए होती हैं और इस बात को हम कभी भी झुटला नहीं सकते हैं l हम सभी ने अपने जीवन में छोटी-छोटी घटनाओं के रूप में इस बात का अनुभव भी किया होगा उदाहरण के लिए अगर आपने सोचा कल से मैं सैर के लिए जाऊंगी, सुबह उठ भी गए, आपने पूरी तैयारी भी कर ली और देखा अचानक बारिश हो गई और अगले 2 दिन भी ऐसा ही हुआ पर क्योंकि यह बात प्रकृति से आई थी तो आप फिर भी स्वीकार कर लेते हैं लेकिन अगर इसकी वजह कोई और रही हो जैसे घर के कामों में अचानक आपको व्यस्त होना पड़ा हो तो आपको बहुत गुस्सा आएगा और आपका शेष दिन निराशा में ही बीतेगा l

यहाँ पर हमने सैर पर जाने का उदाहरण लिया है पर ऐसी भी कोई चीज हो सकती है जिसके लिए आप बहुत उत्साहित हैं और तहे दिल से उसे करना चाहते हैं, आपने पूरा मन भी बना लिया है पर अचानक वह हो नहीं पाता है l ऐसे में आपके अंदर,क्रोध और तनाव का होना स्वभाविक है l
इस क्रोध से बचने का आसान तरीका यही है कि हम प्रवाह के साथ जीना सीखें क्योंकि जीवन में कोई न कोई ऐसी चीजें होगी जिन्हे हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं l

“ जो हो रहा है उसके साथ बहो और अपने दिमाग को मुक्त होने दो l आप जो कुछ भी कर रहे हैं उसे स्वीकार करके केंद्रित रहें l यह परम है -चुआंग त्जू
जीवन कभी निष्पक्ष और कभी अनुचित महसूस होता है लेकिन बजाय शिकायतें करने के हम यह देखें कि हम उस परिस्थिति में क्या परिवर्तन कर सकते हैं या अपने सोचने के तरीके में क्या परिवर्तन कर सकते हैं जो हम दुखी ना हों और अपने जीवन के हर पल को खुशी और आनंद के साथ जी सकें l आइए जानते हैं अपनी सोच को ठीक रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें

हर परिस्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकते

Accept the situations as they are

यह हम सब जानते हैं कि हम कोशिश कर सकते हैं पर ब्रह्मांड को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं पर फिर भी हम चाहते हैं कि हम ऐसा कर सके और यह इच्छा ही हमारे दुख का कारण है l आज आपका प्रोग्राम बना कि आप अगले महीने अपनी पसंदीदा जगह पर जाने वाले हैं और जाने के एक दिन पहले ही आप अपने घर में ही गिर पड़े और आपको ऐसी चोट लगी कि आप नहीं जा सके l हमारे अंदर हर बदलती चीज लिए स्वीकार भाव होना चाहिए नहीं तो हम लगातार निराश ही रहेंगे l

अपने बदलते ख्यालों के जानकार बने

Watch your thoughts and give them the right direction

आप अपने ख्यालों को कभी नहीं बदल सकते जब तक आप उसे जानेंगे नहीं l जाने कि आप अपसेट हो रहे हैं अपने ख्यालों में और उसके लिए कुछ करें l एक उत्साहित करने वाले ख्याल से उस अपसेट करने वाले ख्याल को बदलें l

लंबी गहरी सांस लें

Cool down , Relax and mantain balance

जब आप अपने अंदर गुस्सा और निराशपाई महसूस करें तो लंबी गहरी सांस लें और आप देखेंगे कि आप शांत होते जा रहे हैं l ठंडे दिमाग से सोचे कि आज यह चीज मेरे लिए इतना महत्व रख रही है अब से 1 हफ्ते या 1 साल बाद इस घटना की मुझे कोई परवाह नहीं होगी तो इससे परेशान क्यों होये l बस इसे जाने दें l थोड़े टाइम बाद यह मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं होगी l

निरंतर अभ्यास करें

Practise regularly and go with the flow

हर पात के निरंतर अभ्यास से ही हमें कौशल हासिल होता है l जब पहली बार हम प्रवाह के साथ चलना सीखते हैं तो शुरू में हम से नहीं होगा l यह सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा है l बस अभ्यास करते रहें एक दिन अवश्य होगा l

हम दूसरों को भी नियंत्रित नहीं कर सकते हैं

Accept the person as they are

यह भी देखें-आखिर क्यों गाय को डाली जाती है पहली रोटी, जानें क्या कहता है शास्त्र: First Roti To Cow
हम अपने जीवन में अपने आसपास के लोगों से भी निराश हो जाते हैं क्योंकि वह वैसा व्यवहार नहीं करते जैसा हम चाहते हैं कि वह करें लेकिन हमें यह समझना होगा कि हर कोई अपने व्यक्तित्व, अपने स्वभाव,संस्कार के अनुसार ही कार्य करता है और हमें स्वीकार करना होगा lस्वीकार करें कि हम उन्हें नियंत्रित नहीं कर सकते l यह आसान नहीं

Go With Flow: “प्रवाह के साथ जीवन में आगे बढ़ो” इसका मतलब है कि क्रोधित और हताश,निराश हुए बिना परिवर्तन को स्वीकार करना l जो जीवन आपको देता जाए आप उसको खुश हो कर लेते जाओ बजाय इसके कि आप इस बात में अपनी उर्जा खपाते रहो कि आपका जीवन ठीक वैसा ही चले जैसा कि आप चाहते हैं

लाओ त्जू के द्वारा

Go With Flow
Flow with your life


“ जीवन प्राकृतिक और सहज़ परिवर्तनों की एक श्रृंखला है l उनका विरोध मत करो – वह केवल दुख पैदा करता है l हकीकत को हकीकत ही रहने दो l चीजों को स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ने दें ” -लाओ त्जू

बहता पानी इस बात का एक बड़ा उदाहरण है

Be like a river. Be open. .Flow
A river cuts through rock ,not because of its power but because of its persistence

अगर हम बहते पानी या नदी को गौर से देखें तो पाएंगी, उसका जल बिना रुके सदा आगे बहता जाता है और यदि कोई पत्थर या चट्टान उसका रास्ता रोकता भी है तब भी वो अपने आगे बढ़ने का रास्ता बना ही लेता है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में कभी रुकता नहीं है |

लियो बबौटा द्वारा

हम अपने जीवन में कितनी भी योजनाएं बना लें पर यूनिवर्स की हमारे लिए अपनी योजनाए होती हैं और इस बात को हम कभी भी झुटला नहीं सकती हैं l हम सभी ने अपने जीवन में छोटी-छोटी घटनाओं के रूप में इस बात का अनुभव भी किया होगाl उदाहरण के लिए अगर आपने सोचा कल से मैं सैर के लिए जाऊंगी, सुबह उठ भी गईं, आपने पूरी तैयारी भी कर ली और देखा अचानक बारिश हो गई और अगले 2 दिन भी ऐसा ही हुआl पर क्योंकि यह बात प्रकृति से आई थी, तो आप फिर भी स्वीकार कर लेती हैंl लेकिन अगर इसकी वजह कोई और रही हो जैसे घर के कामों में अचानक आपको व्यस्त होना पड़ा हो तो आपको बहुत गुस्सा आएगा और आपका शेष दिन निराशा में ही बीतेगा l

यहाँ पर हमने सैर पर जाने का उदाहरण लिया है, पर ऐसी भी कोई चीज हो सकती है जिसके लिए आप बहुत उत्साहित हैं और तहे दिल से उसे करना चाहती हैं l आपने पूरा मन भी बना लिया है पर अचानक वह हो नहीं पाता है l ऐसे में आपके अंदर,क्रोध और तनाव का होना स्वभाविक है l
इस क्रोध से बचने का आसान तरीका यही है कि हम प्रवाह के साथ जीना सीखें क्योंकि जीवन में कोई न कोई ऐसी चीजें होगी जिन्हें नियंत्रित नहीं कर सकती हैं l
“ जो हो रहा है उसके साथ बहो और अपने दिमाग को मुक्त होने दो l आप जो कुछ भी कर रहे हैं उसे स्वीकार करके केंद्रित रहें l यह परम है” -चुआंग त्जू
जीवन कभी निष्पक्ष और कभी अनुचित महसूस होता है लेकिन बजाय शिकायतें करने के हम यह देखें कि हम उस परिस्थिति में क्या परिवर्तन कर सकती हैं या अपने सोचने के तरीके में क्या परिवर्तन कर सकती हैं, जो हम दुखी ना हों और अपने जीवन के हर पल को खुशी और आनंद के साथ जी सकें l आइए जानते हैं अपनी सोच को ठीक रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें-

हर परिस्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकती

We can't control the situations but we can find our way
Accept the situations as they are

यह हम सब जानती हैं कि हम कोशिश कर सकती हैं पर ब्रह्मांड को नियंत्रित नहीं कर सकतीं, पर फिर भी चाहतीं हैं कि ऐसा कर सकें और यह इच्छा ही हमारे दुख का कारण है l आज आपका प्रोग्राम बना कि आप अगले महीने अपनी पसंदीदा जगह पर जाने वाली हैं और जाने के एक दिन पहले ही आप अपने घर में ही गिर पड़ीं और आपको ऐसी चोट लगी कि आप नहीं जा सकीं l हमारे अंदर हर बदलती चीज लिए स्वीकार भाव होना चाहिए नहीं तो हम लगातार निराश ही रहेंगी l

अपने बदलते ख्यालों के जानकार बने

You are the master of your thoughts ,know and learn
Watch your thoughts and give them the right direction


आप अपने ख्यालों को कभी नहीं बदल सकतींl जब तक आप उसे जानेंगी नहीं l जानें कि आप अपसेट हो रही हैं अपने ख्यालों में और उसके लिए कुछ करें l एक उत्साहित करने वाले ख्याल से उस अपसेट करने वाले ख्याल को बदलें l


लंबी गहरी सांस लें

Balance your mind , you have the power
Cool down , Relax and maintain balance

जब आप अपने अंदर गुस्सा और निराशपाई महसूस करें तो लंबी गहरी सांस लें और आप देखेंगे कि आप शांत होती जा रही हैं l ठंडे दिमाग से सोचे कि आज यह चीज मेरे लिए इतना महत्व रख रही है अब से 1 हफ्ते या 1 साल बाद इस घटना की मुझे कोई परवाह नहीं होगी, तो इससे परेशान क्यों होयें l बस इसे जाने दें l थोड़े टाइम बाद यह मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं होगी l

निरंतर अभ्यास करें

Practice regularly to move with the flow
Practise regularly and go with the flow

हर पात के निरंतर अभ्यास से ही हमें कौशल हासिल होता है l जब पहली बार हम प्रवाह के साथ चलना सीखते हैं तो शुरू में हम से नहीं होगा l यह सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा है l बस अभ्यास करते रहें एक दिन अवश्य होगा l

हम दूसरों को भी नियंत्रित नहीं कर सकते हैं

Don't miss what the universe sends your way
Accept the person as they are

यह भी देखें-आखिर क्यों गाय को डाली जाती है पहली रोटी, जानें क्या कहता है शास्त्र: First Roti To Cow
हम अपने जीवन में अपने आसपास के लोगों से भी निराश हो जाते हैं क्योंकि वह वैसा व्यवहार नहीं करते जैसा हम चाहते हैं कि वह करेंl लेकिन हमें यह समझना होगा कि हर कोई अपने व्यक्तित्व, अपने स्वभाव,संस्कार के अनुसार ही कार्य करता है और हमें स्वीकार करना होगा lस्वीकार करें कि हम उन्हें नियंत्रित नहीं कर सकते l यह आसान नहीं है पर अभ्यास से मुमकिन है I

मेरा नाम वामिका है, और मैं पिछले पाँच वर्षों से हिंदी डिजिटल मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर सक्रिय हूं। विशेष रूप से महिला स्वास्थ्य, रिश्तों की जटिलताएं, बच्चों की परवरिश, और सामाजिक बदलाव जैसे विषयों पर लेखन का अनुभव है। मेरी लेखनी...