Summary: महिलाओं के प्लेज़र और गिल्ट का सच
समाज, परवरिश और गलत मान्यताओं के कारण बहुत सी महिलाएँ अपनी खुशी और प्लेज़र चाहकर भी अपराधबोध और शर्म में उलझ जाती हैं।
Women Pleasure and Guilt: प्लेजर के प्रति महिलाओं का जो गिल्ट भरा नजरिया है वह उनके प्लेजर की इच्छा को दबा देता है। कई बार महिला के द्वारा इस इच्छा को इतना दबाया जाता है कि यह उनके शर्म और असंतुष्टि का कारण बनता है। पर ऐसा क्यों होता है? क्यों महिला अपने रिश्ते में अपने शरीर से आनंद महसूस करने से डरती है। आईए जानते हैं इस लेख में क्या महिलाओं का प्लेजर चाहना एक अपराध है।
प्लेजर को अपराध समझने का कारण
सामाजिक और सांस्कृतिक सोच: हमारे समाज में आज भी स्त्री की इच्छा को महत्वपूर्ण नहीं समझा जाता है और इस बात को बचपन से ही स्त्री को अलग-अलग ढंग से समझाया जाता है। कई बार इसे सामाजिक रंग में रंगा जाता है तो कभी धार्मिक और सांस्कृतिक रंग में। एक महिला को बचपन से ही अपनी इच्छा दबाने, सहनशील और धैर्यवान बनने, अपने से पहले पति और परिवार के बारे में सोचने के लिए सिखाया जाता है।
स्त्री के अपने शरीर को जानने या छूने को हमारी संस्कृति में घृणित कार्य के रूप में देखा जाता है। बचपन से बनी यही मानसिकता महिला के गिल्ट का कारण बनता है।
वैज्ञानिक कारण: ज्यादातर महिलाओं को संभोग के दौरान आनंद का अनुभव नहीं होता है, पर वह इस बारे में अपने पार्टनर से कहने में शर्म महसूस करती हैं। अगर कह भी दे और साथी द्वारा उनकी बात ना समझी जाए तो उन्हें गिल्ट का अनुभव होता है।

महिला के गिल्ट का उस पर मानसिक असर
जब महिला लगातार अपने रिश्ते में आनंद का अनुभव नहीं करती है या इसके अनुभव के कारण गिल्ट में रहती है तो इसका बुरा असर महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में महिला शारीरिक तौर पर बेशक स्वस्थ नजर आती है परंतु वह अंदर से बीमार होती जाती है। उसके अंदर आत्मसम्मान की कमी आती है। वह लगातार तनाव असंतोष और डर में रहती है। डिप्रेशन और एंजायटी का खतरा बढ़ जाता है।
आज भी समाज में महिला को समझ नहीं आता कि अपनी इस परेशानी के बारे में किसे कहें। क्योंकि समाज में महिला के प्लेजर की इच्छा को गलत नजर से देखा जाता है। महिला इस बारे में बात करने से डरती है। कहीं उसे गलत नजरों से ना देखा जाए। उसके बारे में गलत बात ना की जाए। यही चुप्पी दिन-प्रतिदिन महिला के मानसिक स्वास्थ्य को खराब करता है।
इस गिल्ट को कैसे संभाले महिला
सेक्स एजुकेशन: अज्ञानता के अंधकार को हटाने की रोशनी शिक्षा से ही आती है। यह बात सच है। महिला अपने गिल्ट को कम करने के लिए सेक्स को टैबू की तरह देखने की बजाय वैज्ञानिक तर्क पर भरोसा करें। वह पढ़े मानव शरीर में सेक्स की प्रक्रिया कैसे काम करता है। सेक्स क्यों जरूरी है। महिला और पुरुष में प्लेजर का तरीका और समय अलग क्यों होता है।
महिला सेक्स एजुकेशन की मदद से समझे महिला हो या पुरुष दोनों में प्लेजर की इच्छा रखना सामान्य है। महिला जब खुद को इस तरह शिक्षित करेगी तो वह समझेगी उसका गिल्ट सही नहीं है।
प्लेजर कोई अपराध नहीं है: विज्ञान की भाषा में समझे तो प्लेजर इंसानी जरूरत है। चाहे वह स्त्री हो या पुरुष दोनों में इसकी इच्छा स्वाभाविक है। महिलाओं को अपने गिल्ट से मुक्ति के लिए यह समझना जरूरी है। खुद से प्यार करना, खुद को संतुष्ट करना, पूरी तरह वैज्ञानिक प्रक्रिया है, इसमें कुछ गलत नहीं है, और ना ही यह अपराध है।
काउंसलर की मदद ले: अगर आपका गिल्ट आपकी मानसिक स्वास्थ्य और रिश्ते को प्रभावित करने लगा है तो आप काउंसलर की मदद ले। वह पूरी तरह आपकी मदद करेंगे। आपको खुद को समझने और आपके गिल्ट को दूर करने में।
