क्‍या एक्‍यूपंक्‍चर कर सकता है सेक्‍स ड्राइव और प्‍लेजर को बढ़ाने में मदद, जानें इधर: Acupuncture Benefits for Sex Drive
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Acupuncture Benefits for Sex Drive: कामोत्‍तेजना में कमी, नपुंसकता का अहसास या ऑर्गेज्‍म तक पहुंचने में आने वाली परेशानी के लिए केवल सेक्‍सुअल फंक्‍शन और सेक्‍स ऑर्गेन ही जिम्‍मेदार नहीं होते हैं, बल्कि कई बार आपकी मानसिक स्थिति, भावनात्‍मक स्‍तर और इंटरनल हेल्‍थ इश्‍यू भी इसका कारण हो सकते हैं। अपनी मानसिक, भावनात्‍मक और सेक्‍सुअल हेल्‍थ को सुधारने के लिए आजकल युवा वर्ग एक्‍यूपंक्‍चर का सहारा ले रहे हैं। एक्‍यूपंक्‍चर के इस्‍तेमाल से किसी व्‍यक्ति की सेक्‍सुअल हेल्‍थ को भी बेहतर बनाया जा सकता है। ये एक ट्रेडिशनल चाइनीज ट्रीटमेंट है, जिसमें शरीर के ट्रिगर प्‍वॉइंट्स पर बेहद महीन सुइयों को चुभोया जाता है। ये टेक्‍नीक कामोत्‍तेजना में कमी और सेक्‍स इश्‍यू को खत्‍म कर सेक्‍स ड्राइव में सुधार कर सकती है। सेक्‍स ड्राइव और प्‍लेजर को बढ़ाने में एक्‍यूपंक्‍चर वास्‍तव में कितना कारगर है चलिए जानते हैं इसके बारे में।

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क्‍या है एक्‍यूपंक्‍चर

Acupuncture Benefits for Sex Drive
What is acupuncture?

एक्‍यूपंक्‍चर के दौरान छोटी और बेहद बारीक सुईयों को पूरे शरीर में स्थित एक्‍यूपॉइंट्स में डाला जाता है, जो नसों को उत्‍तेजित करने में मदद करती हैं। ट्रेडिशनल चाइनीज ट्रीटमेंट के अनुसार शरीर में क्‍यूई के फ्लो में रुकावट पैदा होने की वजह से सेक्‍स संबंधित समस्‍याओं को बढ़ावा मिलता है। एक्‍यूपंक्‍चर प्‍वॉइंट्स पर दबाव डालने से इन समस्‍याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

कामेच्‍छा कम होने के कारण

शरीर में जब लिबिडो हार्मोन (जो कि कामेच्‍छा को जगाने का काम करता है) की कमी और इसके इमबैलेंस होने के कारण व्‍यक्ति में सेक्‍स करने की इच्‍छा कम हो जाती है। कई स्थिति में व्‍यक्ति सेक्‍स से पूरी तरह से दूरी भी बना लेता है। इसके अलावा बढ़ती उम्र में दवाईयों का अधिक सेवन भी लिबिडो को प्रभावित कर सकता है। 40 फीसदी महिलाओं को मेनोपॉज के कारण सेक्‍स ड्राइव नहीं होता, इसका कारण भी लिबिडो हार्मोन की कमी है।

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कामेच्‍छा के लिए एक्‍यूप्रेशर प्‍वॉइंट्स

Acupressure points
Acupressure points for libido

शरीर में कामेच्‍छा को जगाने के लिए केवल दो ही प्रेशर प्‍वॉइट्स होते हैं, जिसपर दबाव बनाने से व्‍यक्ति को सेक्‍स ड्राइव की अनुभूति हो सकती है।

स्‍टमक प्‍वॉइंट

एक्‍यूपंक्‍चर ब्‍लड फ्लो को बढ़ावा देने में मदद करता है इसलिए जब आप किसी निर्धारित जगह पर सुईयां चुभोते हैं तो वहां का ब्‍लड फ्लो बढ़ जाता है। कामेच्‍छा बढ़ाने के लिए आप स्‍टमक यानी पेट के आसपास के एक्‍यूप्रेशर प्‍वॉइंट्स पर दबाव डाल सकते हैं। इस ट्रीटमेंट के दौरान नाभि की जगह पर बारीक सुईयों को चार से पांच मिनट तक डालना पड़ता है। ऐसा करने से शरीर में रुका हुआ क्‍यूई सुधरता है और कामुक अंगों में दोबारा संवेदनशीलता को बढ़ावा मिलता है। 

किडनी प्‍वॉइंट

लिबिडो हार्मोन को बढ़ाने के लिए किडनी प्‍वॉइंट पर दबाव डालना लाभदायक हो सकता है। किडनी प्‍वॉइंट एंकल बोन में होती है। सुईयों द्वारा एचिल्‍ड टेंडन पर प्रेशर क्रिएट किया जाता है जो कि सीधे तौर पर किडनी से संबंधित होती है। इस प्‍वॉइंट पर प्रेशर डालने से लिबिडो बनने में मदद मिल सकती है।  

स्‍ट्रेस प्‍वॉइंट

कामेच्‍छा का कम होना आपके स्‍ट्रेस लेवल पर भी डिपेंड करता है। यदि व्‍यक्ति को अधिक स्‍ट्रेस है तो वह सेक्‍स करने के बारे में कभी नहीं सोचेगा और न ही सही ढंग से परफॉर्म कर सकेगा। एक्‍यूपंक्‍चर की मदद से शरीर के ऐसे प्‍वॉइंट्स को प्रभावित किया जाता है जिससे स्‍ट्रेस को कम करने में मदद मिल सकती है। ये आपकी ब्‍लॉक एनर्जी को फिर से चार्ज करने का काम कर सकता है, जिसके परिणामस्‍वरूप शरीर में लिबिडो हार्मोन दोबारा बनने लग जाते हैं।