भगवान गणेश जी क्यों कहलाए गजानन? जानिए उनके मनमोहक रूप से जुड़ी पौराणिक कथा: Ganesh Chaturthi 2023
Ganesh Chaturthi 2023

Ganesh Chaturthi 2023: विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा जिस व्यक्ति पर हो जाती है उसके सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। इस साल 19 सितम्बर 2023, मंगलवार को गणेशोत्सव मनाया जायेगा। हम सभी जानते हैं कि भगवान गणेश का रूप अन्य देवताओं से अलग है। अपने असाधारण रूप में भी भगवान गणेश बहुत ही सुंदर, शांत और मुख पर तेज लिए दिखते हैं। गणेश जी का यह रूप भक्तों का ध्यान आकर्षित करता है। कई पौराणिक कथाओं में भगवान गणेश के ऐसे मनमोहक और मंगलमय रूप के रहस्य का उल्लेख मिलता है। आज इस लेख के द्वारा हम जानेंगे कि आखिर भगवान गणेश को ऐसा विचित्र और अनोखा रूप कैसे मिला और गणेश जी के शरीर की ऐसी बनावट का महत्व क्या है। आइए जानते हैं।

इसलिए मिला गजानन का स्वरूप

Ganesh Chaturthi 2023
Ganesh Chaturthi 2023-Katha Kahani

पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, शिव पुराण में बताया गया है कि जब माता पार्वती स्नान करने गई तब उन्होंने बाल गणेश को कैलाश पर्वत पर पहरेदारी करने के लिए कहा। थोड़ी देर बाद वहां भगवान शिव माता पार्वती से मिलने के लिए आए। बाल गणेश ने शिव जी को माता पार्वती से नहीं मिलने दिया। क्रोध में आकर शिव जी ने अपने त्रिशूल से बाल गणेश का सिर उनके धड़ से अलग कर दिया। माता पार्वती से सब पता चलने के बाद भगवान शिव ने गरुड़ राज द्वारा लाया गया हाथी का सिर बाल गणेश के धड़ से जोड़ दिया।

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, गणेश जी के जन्म के बाद सभी देवतागणों ने उन्हें आशीर्वाद दिया लेकिन शनि देव ने गणेश जी की तरफ देखा भी नहीं। इससे माता पार्वती बहुत नाराज हुई और शनि देव से कहा कि वह बाल गणेश को आशीर्वाद क्यों नहीं दे रहे हैं। इस पर शनिदेव ने कहा कि मेरे द्वारा गणेश जी को न देखना ही ज्यादा सही होगा, लेकिन माता पार्वती ने शनिदेव की बात नहीं मानी और उन्हें गणेश जी को देखने की आज्ञा दी। शनिदेव ने माता पार्वती की आज्ञा मानकर गणेश जी को देखा ही था कि शनि देव की वक्री दृष्टि के कारण गणेश जी का सिर उनके धड़ से अलग हो गया। उसी समय गणेश जी को जीवन दान देने के लिए भगवान विष्णु गरुड़ पर सवार होकर हाथी का सिर ले कर आए और उसे गणेश जी के धड़ पर रख दिया। इसी कारण गणेश जी को गजानन कहा जाता है।

गणेश जी के मनमोहक रूप का महत्व

Ganesh Chaturthi 2023
Ganesh Chaturthi Importance

शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान गणेश जी के बड़े मस्तिष्क का अर्थ है कि वह परम ज्ञानी और बुद्धिमान हैं। गणेश जी के लंबे और बड़े पेट में पूरा ब्रह्मांड समाया है। गणेश जी सर्वशक्तिशाली और रिद्धि सिद्धि के दाता हैं। इसलिए उनकी चार भुजाएं ब्रह्मांड की चारों दिशाओं का ज्ञान कराती हैं। गणेश जी के बड़े कानों का अर्थ है कि वह अपने भक्तों सभी प्रार्थनाओं को सुनते हैं। गणेश जी की लंबी सूंड उनके गतिमान होने का संकेत है। गणेश जी की छोटी आंखो का अर्थ है कि वह हर छोटे से छोटे जीव पर भी अपनी दृष्टि बनाएं रखते हैं।

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