Ganesh Chaturthi
Ganesh Chaturthi Celebration Credit: Istock

Overview: गणेश चतुर्थी पर बप्पा की सूंड, रंग और स्टाइल का रखें ध्‍यान, मनोकामना होगी पूरी

गणेश चतुर्थी पर मूर्ति की दिशा, सूंड, रंग और मुद्रा के महत्व के साथ-साथ मूषक और मोदक जैसे प्रतीकों पर ध्यान देने जरूरी है।

Ganesh Chaturthi Preparation: गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश की भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष 27 अगस्‍त से बप्‍पा अपने भक्‍तों के घर और पंडालों की शोभा बढ़ाएंगे। इस अवसर पर लोग गणपति की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर उनके आशीर्वाद से सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बप्‍पा की मूर्ति स्थापित करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है? वास्तु शास्त्र के अनुसार मूर्ति की दिशा, सूंड, रंग और मुद्रा का विशेष महत्व होता है। यदि आप इस बार बप्‍पा की मूर्ति को अपने घर में स्‍थान देना चाहते हैं तो मूर्ति चुनते और स्‍थापित करते समय इन बातों का ध्‍यान रखें। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

मूर्ति की सही दिशा

गणेश चतुर्थी पर रखें इन बातों का ध्‍यान
The correct direction of the idol

वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति को पश्चिम, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे उत्तम माना गया है। चाहे आप घर, कार्यालय या बगीचे में गणेश मूर्ति स्थापित कर रहे हों, इन दिशाओं को प्राथमिकता दें। उत्तर दिशा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है, क्योंकि यह भगवान शिव की दिशा होती है। इसके साथ ही दक्षिण दिशा में मूर्ति स्थापित करने से बचें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।

सूंड की दिशा का महत्व

बप्‍पा की सूंड की दिशा का भी विशेष महत्व होता है। वास्तु के अनुसार, बाईं ओर झुकी सूंड वाली मूर्ति सुख और समृद्धि का प्रतीक है। यह घर और कार्यालय के लिए आदर्श मानी जाती है। वहीं, दाईं ओर झुकी सूंड वाली मूर्ति मनोकामनाएं पूरी करने में प्रभावी होती है, लेकिन इसे प्रसन्न करना कठिन माना जाता है। ऐसी मूर्ति सूर्य की शक्ति का प्रतीक है और इसके लिए विशेष पूजा-अर्चना की जरूरत होती है।

मूर्ति की मुद्रा

बप्‍पा की मूर्ति की मुद्रा भी महत्वपूर्ण होती है। घर के लिए बैठी हुई मुद्रा वाली गणेश मूर्ति सबसे उपयुक्त मानी जाती है, क्योंकि यह घर में शांत और सौम्य वातावरण बनाती है। यदि आप धन, वैभव और सुख की कामना करते हैं, तो लेटी हुई मुद्रा वाली मूर्ति का चुनाव कर सकते हैं। मार्केट में कई तरह की मुद्राओं वाली मूर्ति आती हैं लेकिन आप मुद्रा का चुनाव करें। जिससे मनवांछित फल प्राप्‍त हो।

मूर्ति का रंग

गणेश चतुर्थी पर रखें इन बातों का ध्‍यान
Color of the statue

बप्‍पा की मूर्ति का रंग कैसा होना चाहिए ये भी महत्‍व रखता है। सफेद संगमरमर से बनी मूर्ति शुद्धता का प्रतीक है, जबकि गुलाबी या हल्के रंग की मूर्ति के लिए बलुआ पत्थर का चयन किया जा सकता है। विशेष रूप से, सिंदूरी या गेरुआ रंग की मूर्ति अत्यंत शुभ मानी जाती है।

छोटी-छोटी बातों पर दें ध्यान

  • -मूर्ति में मूषक (गणेश जी का वाहन) और मोदक जैसे प्रतीक जरूर होने चाहिए। मूषक -सर्वव्यापकता का प्रतीक है, जबकि मोदक भक्तों के लिए प्रसाद का रूप है।
  • -सूंड में मोदक लिए हुए गणेश की अत्यंत शुभ माने जाते हैं, क्योंकि यह संतुष्ट और प्रसन्न गणपति का प्रतीक है।
  • -कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां गणेश मूर्ति रखना वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है। इनमें शयनकक्ष, गैरेज, शौचालय के पास, कपड़े धोने का कमरा, सीढ़ियों के नीचे और बाथरूम शामिल हैं।