जन्माष्टमी के बाद अब बहार है गणेश चतुर्थी के त्यौहार की।  गणेश चतुर्थी हिंदुओं  का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है लेकिन  महाराष्ट्र में इसका एक अलग ही महत्त्व है। यह त्यौहार महाराष्ट्र में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश जी  का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू धर्म के लोग  भगवान गणपति की पूजा करते हैं। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नौ दिनों तक पूजन किया जाता है और बड़ी संख्या में लोग गणपति के  दर्शन करने पहुंचते हैं । नौ दिनों के बाद पूरे धूम-धाम के साथ गणेश प्रतिमा का समुद्र ,नदी या तालाब में विसर्जन कर दिया जाता है। बहुत से लोग गणपति की स्थापना अपने घर में भी करते हैं। यदि आप भी घर में गणपति स्थापना कर रहे हैं तो रखें इन बातों का ध्यान –
 
दिशा का ध्यान रखें 
घर में गणपति लाने से पहले  इस बात का ध्यान ज़रूर रखें कि गणेश स्थापना के लिए कौन सी दिशा शुभ रहेगी। गणपति स्थापना घर में कुशलता और मंगल बनाए रखने के लिए होती है ऐसे में वास्तु की मानें तो गणपति जी की मूर्ति घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना शुभ होता है। 
 
किस ओर हो श्री गणेश प्रतिमा की सूंड
 
गणेश जी की मूर्ति की स्थापना के समय इस बात का ध्यान रखें की उनकी सूंड बाएं हाथ की ओर घूमी  हुई हो।  दाएं हाथ की ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेश जी हठी माने जाते हैं। 
 
मूर्ति में ये चीज़ें भी ज़रूर हों 
 
गणपति की प्रतिमा स्थापित करने से पहले ये देख लें कि प्रतिमा में गणेश जी के हाथों में एक दांत,अंकुश और मोदक अवश्य होना चाहिए। साथ ही एक हाथ वरदान की मुद्रा में हो और मूषक भी हो। 
 
संतान सुख प्राप्ति के लिए करें बाल गणेश की स्थापना 
 
यदि आप संतान सुख की कामना रखते हैं तो घर में बाल गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसकी नियमित पूजा करने से संतान प्राप्ति के साथ संतान का स्वास्थ्य अच्छा होगा और  संतान संबंधित सभी बाधाएं भी दूर होंगी।       
 
नाचते हुए गणेश जी की प्रतिमा है शुभ 
गणपति स्थापना के समय ये बात ध्यान में रखना ज़रूरी है कि कैसी प्रतिमा स्थापित की जाए। ऐसा माना जाता है कि नाचते हुए गणेश जी की प्रतिमा लगाने से घर में आनंद, उत्साह और उन्नति होती है।