Dahi Handi 2022
Dahi Handi 2022

Dahi Handi 2022: गोपाल कला के नाम से मशहूर दही हांडी उत्सव श्री.कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। दरअसल, गोपाल कला एक विशिष्ट पकवान है। जो गुड़, चावल और दही के मिश्रण से तैयार होता है। कान्हा को जिस प्रकार दही और मलाई बेहद पसंद है। उसी चीज़ का ख्याल रखकर इसे तैयार किया जाता है। दही हांडी का पर्व कृष्ण जन्माष्टमी यानि 18 अगस्त 2022 गुरुवार के अगले दिन 19 अगस्त 2022 को मनाया जायेगा। दही हांडी उत्सव भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप में की गई मनमोहने वाली सुंदर लीलाओं का एक स्वरूप है। इस उत्सव में ठीक उसी प्रकार से युवा एक पिरामिड की शक्ल में एक के उपर एक कंधों पर खड़े होकर दही हांडी को फोड़ने का प्रयास करते हैं, जिस प्रकार बृज में कन्हैया अपने ग्वालों के साथ मटकी फोड़ दही का आनंद उठाते थे। वैसे तो देशभर में दही हांडी उत्सव को मनाया जाता है। मगर गुजरात और महाराष्ट्र में इस उत्सव को बेहद खास तरीके से मनाया जाता है।

दही हांडी परंपरा का पौराणिक महत्व

कन्हैया की बाल लीलाओं का वर्णन आते ही मन असीम श्रृद्धा और प्यास से भर जाता है। नन्हें गोपाल ठुमक ठुमक कर चलते और आस पास के घरों में जाकर अपने नटखट स्वभाव से अपने प्रिय दही और माखन को खा जाते थे। तब भगवान कृष्ण की लीलाओं को समझना बेहद मुश्किल था। कान्हा की इन आदतों के कारण गोपियाँ अपनी मटकियां उंचाई पर टांगने लगीं थी। 

मगर कान्हा कहां रूकने वाले थे, वे अन्य साथियों के साथ मिलकर मटकियां फोड़ते और उसमें रखे घी, माखन और दही का स्वाद चखते और ग्वालों को भी खिलाते थे। कई बार कान्हा अपनी इन लीलाओं में बड़े भाई बलराम या अपने घनिष्ठ मित्र सुदामा की मदद लेते थे। कृष्ण उनके कंधे पर चढ़कर माखन की मटकी तक पहुँचते थे और उसे खाकर ही दम लेते थे। ऐसी मान्यता है कि तभी से दही हांडी की प्रक्रिया की शुरुआत हुई।

कहां-कहां रहती है दही हांडी उत्सव की धूम?

भगवान कृष्ण का जन्म भादों मास की अष्‍टमी तिथि को अर्द्धरात्रि में हुआ था और उनके जन्म की खुशी में गोकुल में हर ओर अगले दिन दही हांडी उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। तभी से ये परंपरा चली आ रही है और अब देशभर में इस उत्सव की धूम है। इस खास दिन पर हर गली, हर चौराहे पर आपको दही और मक्‍खन से भरी मटकियां ऊंचाई पर टंगी हुई नजर आएंगी, जिसे गोविंदा लोग पिरामिड बनाकर एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर इसे फोड़ते हैं। कई जगहों पर इसे बतौर प्रतियोगिता भी मनाया जाता है और जीतने वाले को इनाम के तौर पर धनराशि देने का भी विधान है।

Dahi Handi 2022
In the streets of Mathura, the birth place of Shri Krishna, the preparations for Dahi Handi festival start several days in advance

श्रीकृष्ण के जन्म स्थल मथुरा की गलियों में भी दहीं हांडी उत्सव की तैयारियां कई दिनों पहले से ही होनी शुरू हो जाती है और इस दिन पूरे शहर का नज़ारा भव्य नजर आता है। वहीं मथुरा के अलावा वृन्दावन में भी श्री कृष्ण के भक्त दहीं हांडी के उत्सव के रंग में रंगे हुए नज़र आते हैं। दरअसल, वृंदावन में भी श्रीकृष्ण के कई मंदिर हैं। इन मंदिरों की ओर से लगभग पूरे वृन्दावन में दही हांडी का पर्व आयोजित किया जाता है।

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