Overview:गणेश चतुर्थी 2025 - इस बार मंदिर को सजाएँ नए अंदाज़ में, भक्ति और सुंदरता के साथ
गणेश चतुर्थी 2025 पर घर और मंदिर को सजाना अब आसान और मज़ेदार हो गया है। फूल, रंगोली, लाइट्स, बांस या स्टैंड, इको‑फ्रेंडली सामग्री और ‘बंदर बार’ के साथ आप सजावट कर सकते हैं। पूरे परिवार के साथ मिलकर DIY आइडियाज़ अपनाएँ। इससे मंदिर और प्रवेश द्वार दोनों सुंदर, रंगीन और श्रद्धापूर्ण बनेंगे, और बप्पा का स्वागत यादगार हो जाएगा।
Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 का समय नज़दीक है और हर कोई चाहता है कि इस बार बप्पा का स्वागत खास तरीके से हो। पूजा की तैयारी में सबसे ज़रूरी होता है मंदिर की सजावट। यह सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि हमारी श्रद्धा और प्यार को दिखाने का तरीका भी है।
इस बार आप मंदिर को पारंपरिक अंदाज़ के साथ थोड़ा नया लुक भी दे सकते हैं। फूलों की महक, रंग-बिरंगी लाइटें, bright colour का कपड़ा और छोटी-छोटी DIY चीज़ें—ये सब मिलकर मंदिर को और भी सुंदर और खास बना देते हैं। साथ ही अगर हम सजावट में इको-फ्रेंडली चीज़ें इस्तेमाल करें, तो यह प्रकृति के लिए भी अच्छा है।
इस कहानी में हम आसान और सुंदर तरीके बताएँगे, जिन्हें अपनाकर आप घर के मंदिर को बेहद प्यारा और अलग बना सकते हैं। ये तरीके इतने आसान हैं कि पूरे परिवार के साथ मिलकर इन्हें करना मज़ेदार भी लगेगा और पूजा की तैयारी भी जल्दी हो जाएगी।
फूलों से मंदिर सजाएँ

फूलों से मंदिर हमेशा ताज़ा और खुशबूदार लगता है। गेंदे, गुलाब और चमेली के फूल सबसे अच्छे रहते हैं। आप इनसे माला बनाकर दीवार या पंडाल में टाँग सकते हैं। चाहें तो मंदिर के पास पंखुड़ियों से सुंदर रंगोली भी बना सकते हैं। फूल सजाने का सबसे अच्छा तरीका है कि ताज़ा फूल लें और सुबह-सुबह बदल दें। इससे मंदिर पूरे दिन सुंदर और ताज़ा दिखेगा।
रंगोली से मंदिर और घर सजाएँ

रंगोली बनाना गणेश चतुर्थी की सबसे प्यारी परंपरा है। आप मंदिर के सामने या घर के दरवाज़े पर रंग-बिरंगी रंगोली बना सकते हैं। इसे फूलों की पंखुड़ियों, रंगीन पाउडर से सजाएँ । छोटी-छोटी डिज़ाइन, जैसे फूल, मोर या गणेश जी का प्रतीक, बनाने से मंदिर और घर में खुशियों और उत्साह का माहौल बनता है। रंगोली सजाने से बप्पा का स्वागत और भी खास और सुंदर हो जाता है।
इको-फ्रेंडली सजावट अपनाएँ
आजकल लोग सजावट में थर्मोकोल या प्लास्टिक कम इस्तेमाल करते हैं। इसकी जगह कागज, कपड़ा, बांस और कार्ड board के डिब्बों जैसी चीज़ों से सजावट करना बेहतर होता है। आप रंगीन कागज से फूल बना सकते हैं या रंग बिरंगे कपड़े से पंडाल तैयार कर सकते हैं। इससे न केवल खर्च कम होता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता।
लाइट्स से माहौल बनाएँ
गणपति पूजा में लाइटिंग बहुत मायने रखती है। मंदिर के चारों ओर fairy lights या छोटी-छोटी LED लाइटें लगाएँ। अगर लाइटें हल्के रंग की हों, तो और भी अच्छा लगता है। लाइट्स को फूलों या कपड़े के पीछे लगाकर देखें, इससे मंदिर एकदम चमक उठेगा। शाम की आरती के समय यह सजावट बहुत सुंदर दिखेगी।
अपनी पसंद की थीम चुनें
आप चाहें तो मंदिर को किसी थीम के साथ सजा सकते हैं। जैसे – फूलों की थीम, रंगों की थीम या पारंपरिक गांव जैसा माहौल। इसके लिए बैकग्राउंड में एक रंग का कपड़ा लगाएँ और उसी रंग के फूल या सजावटी चीज़ें इस्तेमाल करें। इससे मंदिर की सजावट एक जैसी और साफ-सुथरी लगेगी।
घर के प्रवेश द्वार को सजाएँ
घर के दरवाज़े पर बप्पा का स्वागत करते समय बंदर बार लगाना एक शुभ तरीका है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है । आप इसे फूलों, पत्तियों और रंगीन कपड़े के साथ सजाएँ। इसके साथ-साथ घर के दरवाज़े के पास छोटे-छोटे पौधे और मिट्टी के दीये रखकर स्वागत और भी खूबसूरत बनाएँ।
कुछ और इको-फ्रेंडली सजावट के आइडिया , जो बिल्कुल नैचुरल चीज़ों से बन सकते हैं
केले के पत्ते से सजावट
- केले के पत्तों का इस्तेमाल मंदिर के बैकड्रॉप के लिए कर सकते हैं।
- इन्हें बाँस की लकड़ी या रस्सी पर बांध दें, इससे सुंदर और हरा-भरा लुक आता है।
नारियल और सुपारी से डेकोर
- मंदिर में नारियल को सजावटी पेंट करके रखा जा सकता है।
- सुपारी को रंगीन कपड़े या फूलों के साथ सजाएँ।
मिट्टी के दीपक और छोटे गमले
- मिट्टी के दीयों को रंगकर मंदिर के चारों ओर रखें।
- छोटे गमलों में मनी प्लांट या तुलसी रखकर मंदिर को सजाएँ।
सूखे फूल और पत्ते की गारलैंड
- गुलाब की सूखी पंखुड़ियाँ या चमेली के सूखे फूल माला में पिरोएँ।
- पत्तों के साथ मिलाकर गारलैंड बनाने से एक देसी लुक मिलेगा।
बांस और लकड़ी के स्टैंड
- मूर्ति रखने के लिए बांस या लकड़ी से छोटा सा प्लेटफॉर्म बनाएं।
- यह मजबूत, सुंदर और बार-बार इस्तेमाल होने वाला रहेगा।
कपड़े और साड़ी का उपयोग
- बैकग्राउंड के लिए रेशमी या सूती साड़ी का इस्तेमाल करें।
- इससे मंदिर पारंपरिक दिखेगा।
परिवार के साथ मिलकर सजाएँ
मंदिर सजाने का असली मज़ा तब आता है जब पूरा परिवार इसमें हिस्सा ले। बच्चे रंगोली बना सकते हैं, बड़े माला पिरो सकते हैं और बुजुर्ग सजावट के आइडिया दे सकते हैं। इस तरह मंदिर सजाना सिर्फ तैयारी नहीं, बल्कि एक खूबसूरत याद बन जाता है।
