Overview: गलती से दिख जाए गणेश चतुर्थी का चांद तो क्या करें
गणेश चतुर्थी के चंद दर्शन वर्जित होता है। मान्यता है कि इससे झूठे आरोप लगते हैं। लेकिन गलती चांद दिख जाए तो इसके लिए उपाय भी बताए गए हैं।
Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ पूरे देशभर में मनाया जाता है, जिसमें पूरे 10 दिनों तक भक्त भगवान गणेश की भक्ति में डूबे रहते हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसलिए यह त्योहार विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है, जिसके साथ ही पर्व का समापन हो जाता है। इस साल बुधवार 27 अगस्त 2025 से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रही है।
गणेश चतुर्थी का दिन पूजा-पाठ और व्रत-उपवास आदि के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन लोग बप्पा की मूर्ति घर पर लाते हैं और विधि विधान व शुभ मुहूर्त पर स्थापित करते हैं। पूजा पंडाल और मंदिरों में भी बप्पा की भव्य मूर्ति की स्थापना की जाती है और पूरे 10 दिनों तक रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा का सिलसिला जारी रहता है। वैसे तो धार्मिक दृष्टिकोण से गणेश चतुर्थी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन इस दिन विशेषरूप से चंद्रमा दर्शन यानी चांद को देखने की मनाही होती है। इसका कारण यह है ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन कोई चंद्रमा को देख ले तो उस पर झूठ कलंक या आरोप लग सकता है। आइये जानते हैं क्या सच में ऐसा होता है?
गणेश चतुर्थी का चांद देखना क्यों वर्जित

भगवान गणेश से जुड़े पर्व ऐसे भी हैं, जो चंद्रमा दर्शन के बिना पूर्ण नहीं होते, जिसमें संकष्टी चतुर्थी भी एक है। लेकिन गणेश चतुर्थी ऐसा पर्व है जिसमें चांद को देखना वर्जित होता है। इससे जुड़ी कई धार्मिक कथाएं हैं और शास्त्रों में भी इसका उल्लेख मिलता है। इससे जुड़ी सबसे प्रसिद्ध कथा के मुताबिक, एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषकराज की सवारी करते हुए खेल रहे थे, तभी अचानक किसी चीज से मूषक टकरा गए, जिससे गणेश जी का संतुलन बिगड़ गया और वे गिर पड़े। गणेश जी के गिरते ही चंद्रमा जोर-जोर से हंसने लगे।
भगवान गणेश को चंद्रमा का यह व्यवहार ठीक नहीं लगा और उन्होंने क्रोधित होकर चंद्रमा को या श्राप दे दिया कि चतुर्थी के दिन जो भी चंद्रमा को देखेगा उसे झूठे आरोप या कलंक का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने भी चतुर्थी का चांद देख लिया था इसके बाद उनपर स्यामंतक मणि के चोरी का आरोप लगा था। इसका उल्लेख श्रीमद् भागवत कथा में भी मिलता है।
गलती से दिख जाए गणेश चतुर्थी का चांद तो क्या करें

यदि आपने भूलवश गणेश चतुर्थी के दिन चांद देख लिया तो सबसे पहले आप इस मंत्र को पढ़ें-
मंत्र- ‘सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमंतकः।’
ऐसी मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि के चोरी झूठा आरोप लगा था, तब इसी मंत्र के प्रभाव से उन्हें इस झूठे कलंक से मुक्ति मिली थी।
अगर गणेश चतुर्थी पर गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाए तो झूठे कलंक से बचने के लिए भगवान गणेश की विधिवत पूजा करे और क्षमा याचना करें और इस मंत्रों का जप करना चाहिए-
मंत्र ‘ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्’
