Eco-Friendly Lifestyle: इस पीढ़ी की एक अच्छी बात है कि वो देर से ही सही लेकिन पर्यावरण के प्रति जागरुक हुई है। अगर आप भी उनमें से हैं जो कि एक इकोफ्रैंडली लाइफ स्टाइल जीना चाहते हैं तो आप अपनी जिंदगी में बहुत-बहुत छोटे-छोटे बदलाव कर ऐसा कर सकते हैं। बस इन सभी के बीच में सबसे बड़ी बात है आपका सचेत रहना। आप अपने खाने में, जो चीजें आप इस्तेमाल करते हैं उनमें और जो एनर्जी आप उपयोग करते हैं उनमें आसानी से एक इकोफ्रैंडली जिंदगी गुजर-बसर कर सकते हैं।
अपने कार्बन फुटप्रिंट को करें कम

ये बहुत छोटी सी शुरुआत है लेकिन एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। सबसे आप पहले आप जो पानी और बिजली का इस्तेमाल करते हैं उसकी खपत को कम करने की कोशिश करें। अगर आप अपने घर में सोलर पैनल लगवा सकते हैं तो लगवाएं। नहाते वक्त बहुत अधिक पानी का इस्तेमाल न करें। जब जरुरत न हो तो कम वॉल्टेज वाले बल्ब का उपयोग करें। एनर्जी एफिशिएंट अप्लाइंसेज का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें। अपने घर में काम आने वाली चीजों की रीसाइक्लिंग करें। कोशिश करें कि आप अपने निजी पेट्रोल और डीजल से संचालित वाहनों का उपयोग कम से कम करें। ऑफिस जाने के लिए आप कार पूलिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं घर के आस-पास जाने के लिए पैदल या साइकिल का उपयोग कर सकते हैं।
जागरुक खरीदार बनें

आपका बेवजह की खरीदारी करना, आपके पैसे और पर्यावरयण दोनों के लिए सही नहीं है। कहीं ऐसा न हो कि हमारा ट्रेंडिंग फैशन सेंस हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सजा बन जाए। जितना आपसे संभव हो सकता है आप स्थानीय स्तर पर खरीदारी करें। इसका मतलब दुकानों, किसानों के बाजारों और दूसरे लोकल वेंडर्स से खरीदारी करना है। इससे लोकल इकोनॉमी को सपोर्ट मिलेगा और छोटे व्यवसायों को चालू रखने में मदद मिलेगी। आप इस तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें जो कि ऑर्गेनिक हों। इस बात को भी अपने दिमाग में बिठा लें कि ऑर्गेनिक का मतलब सिर्फ महंगा होना नहीं होता आपको यह भी देखना होगा कि इन प्रोडक्ट्स को बनाने वाले लोग कीटनाशकों और दूसरे खतरनाक कैमिकल्स का इस्तेमाल तो अपने उत्पादों में नहीं कर रहे। आप बहुत से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट घर में भी बना सकते हैं जैसे कि बादाम का काजल, बीटरुट से लिप बाम आदि।
अपना भोजन स्वयं उगाएं

जिस तरह से हम अपना भोजन बनाते हैं उसी तरह हम अपना भोजन उगा भी सकते हैं। अगर आपके घर में थोड़ी सी जगह है तो आप कुछ बेसिक सब्जियां और फल आसानी से उगा सकते हैं। आलू, हरी मिर्च, टमाटर, हरा धनिया, नारंग, अमरुद ऐसे चीजें है जो बहुत ही आसानी से घर में उगती हैं। आपको ऑर्गेनिक सब्जियां घर में मिल जाएंगी। जब आप घर में सब्जी उगाएंगे तो आप प्रकृति और पर्यावरण से खुद को कनेक्ट कर पाएंगे। इसके अलावा आप यह भी सीख पाएंगे कि बचे हुए खाद्य पदार्थों से खाद कैसे बना सकते हैं। हमें यह सब बातें दूर से बहुत मुश्किल लगती हैं लेकिन जब हम इस प्रोसेस में आते हें तो इन्हें अपनाना हमारे लिए आसान हो जाता है।
वेस्ट कम से कम करें

हमें यह चीज अब दोबारा से सीखनी पड़ रही है जबकि यह हमारी संस्कृति की पहचान रही है। हम जितना कम वेस्ट करेंगे हम उतनी ही पर्यावरण के प्रति जागरुक होते जाएंगे। इसका छोटा सा उदाहरण कपड़े ही हैं। पहले हमारे घरों में रफ कपड़ों के आने का चलन नहीं था। पुराने कपड़े ही रफ कपड़े बन जाया करते थे। आज हम दोबारा से वैसा क्यों नहीं कर सकते? आखिर उनमें कोई बुराई तो होती नहीं है। यहां तक कि हम उन पुराने कपड़ों को भरकर नीचे बैठने का भी आसन बना सकते हैं। इसके अलावा हम अपने कांच के सामान में भी देख सकते हैं, कभी कोई ढक्कन टूटता है तो हम फेंक देते हैं। इन बोतलों में मनी प्लांट जैसे दूसरे पौधे उगा सकते हैं।
सोशल मीडिया से लें मदद

यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस चीज को कैसे इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया को देख लें, इस पर आप पसंद के ग्रुप को जॉइन करें जो कि पर्यावरण के संदर्भ में बना हो। आप जब ऐसे लोगों के साथ जुड़ेंगे तो आपको भी बहुत आइडिया मिलेंगे और आइडिया देंगे भी। ऐसी ही एक छोटी सी बात जा मैंने सीखी थी शॉपिंग के लिए घर से अपने साथ कपड़े का थैला लेकर जाना, प्लास्टिक की स्ट्रॉ का उपयोग नहीं करना, वुड के डिस्पोजेबल छुरी कांटे का इस्तेमाल करना। माना कि यह बहुत छोटा बदलाव आपके दिमाग में आएगा कि मेरे अकेले के करने से क्या हो जाएगा। लेकिन आप यह सोचिए कि पर्यावरण को बचाने में आप तो कोशिश कर रहे हैं। खुद को बदलकर अपने आस-पास भी बदलाव लाने की कोशिश करें।
