Kumkum rice Tilak

जानें क्यों कुमकुम के तिलक पर लगाया जाता है चावल

आप भी हमेशा कुमकुम तिलक पर चावल जरूर लगाती होंगी, पर क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है कि क्यों कुमकुम के तिलक पर चावल लगाया जाता है और इसका क्या महत्व है?

Kumkum Rice Tilak: हिन्दू धर्म की सबसे खास और खूबसूरत बात यह है कि इसमें कई अलग-अलग तरह की परंपराएँ होती हैं और उन सभी परंपराओं का अपना विशेष महत्व भी होता है। उन्हीं परम्पराओं में से एक परंपरा है माथे पर कुमकुम का तिलक लगा कर उसके ऊपर अक्षत यानी चावल लगाना। पूजा-पाठ हो या त्योहार, यहाँ तक की शादी समारोह और जन्मदिवस जैसे आयोजनों में भी तिलक के ऊपर चावल लगाया जाता है। वैसे तो आप भी हमेशा कुमकुम तिलक पर चावल जरूर लगाती होंगी, पर क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है कि क्यों कुमकुम के तिलक पर चावल लगाया जाता है और इसका क्या महत्व है?

यह सवाल शायद ही आपके दिमाग में पहले कभी आया हो, इसलिए आज हम आपको इसके पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारणों के बारे में बता रहे हैं, ताकि आपको इसके बारे में जानकारी रहे।

Kumkum Rice Tilak
Rice is a symbol of success

हिन्दू धर्म में चावल को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। चावल को अक्षत कहा जाता है, इसका अर्थ होता है जिसका कभी नाश नहीं हो सकता। यह पूजा-पाठ में चढ़ाया जाने वाला सबसे शुद्ध अन्न माना जाता है। हर काम की सफलता की शुरुआत के लिए चावल का इस्तेमाल किया जाता है।

Kumkum Tilak
Why rice is applied on Kumkum Tilak

दरअसल मस्तिष्क के जिस स्थान पर कुमकुम का तिलक लगाया जाता है, उसे आज्ञाचक्र कहा जाता है। शरीर शास्त्र के अनुसार इस स्थान पर पीनियल ग्रंथि मौजूद होती है। जब कुमकुम का तिलक लगाया जाता है तो यह पीनियल ग्रंथी को उत्तेजित बनाए रखती है, जिससे मस्तिष्क के अंदर दिव्य प्रकाश का एहसास होता है। कुमकुम तिलक पर चावल इसलिए लगाया जाता है क्योंकि चावल को शुद्धता और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसे लगाने से दिमाग शांत रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। इसकी वजह से तिलक के बाद चावल के कुछ दाने भी सिर के ऊपर फेंका जाता है ताकि नकारात्मक ऊर्जा हमें छू भी ना सके।

religious aspect
What is its religious aspect

हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ मेंतिलक लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। तिलक के साथ हमेशा अक्षत यानी चावल का प्रयोग भी किया जाता है। बिना चावल के तिलक अधूरा होता है। दरअसल चावल को धन-धान्य का प्रतीक माना जाता है। जब तिलक के साथ चावल का उपयोग किया जाता है तो इसका मतलब यह है कि घर में कभी भी अन्न की कमी नही होगीं और आप पर हमेशा ही माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। साथ ही कुमकुम तिलक के साथ चावल लगाने से व्यक्ति को शक्ति, साहस और दिव्य आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

कुमकुम के तिलक पर चावल लगाने के वैज्ञानिक पहलू पर बात की जाए तो माथे पर इसे लगाने से दिमाग शांत होता है और शरीर में शीतलता बनी रहती है। इसके अलावा चावल व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति के अन्दर एक नया जोश बना रहता है।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...