Hindu Belief
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Hindu Belief : हिन्दू धर्म में तिलक लगाने की परंपरा का विशेष महत्व है। यह न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि मन को शांति और सकारात्मकता भी प्रदान करता है। महिलाओं को हनुमान जी का तिलक माथे की बजाय गली पर लगाने की सलाह दी जाती है, लेकिन ऐसा क्यों होता है क्या आप जानते हैं? इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण। चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से समझते हैं, कि हनुमान जी के पास का तिलक महिलाएँ गले में क्यों लगाती है।

तिलक लगाना हिंदू धर्म में न सिर्फ़ एक धार्मिक प्रथा है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने का भी एक साधन है। तिलक लगाने से माथे या गले पर एक विशेष बिंदु पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर की ऊर्जा केंद्रित होती है और मन शांत रहता है।

यह प्रक्रिया हमें नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखने में मदद करती है साथ ही साथ सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। बहन पूजा अनुष्ठानों में अलग अलग चीज़ें जैसे कुमकुम, चंदन, हल्दी या विभूति से तिलक लगाया जाता है। हर एक तिलक को लेकर अपनी अपनी मान्यताएं हैं, जैसे चंदन का तिलक मन को शीतलता प्रदान करता है, कुमकुम सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस तरह तिलक न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी हमारे लिए फ़ायदेमंद है।

महिलाएं तिलक गले में क्यों लगाती हैं?

हनुमान जी को शक्ति, साहस और भागती का प्रतीक माना जाता है। उनका तिलक लगाने से व्यक्ति को आंतरिक बल और आत्मविश्वास मिलता है। हालाँकि, महिलाओं को हनुमान जी का तिलक माथे पर लगाने की बजाय गले में लगाने की सलाह दी जाती है, धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी है और उनकी तेजस्वी ऊर्जा को सीधे माथे पर लगाना महिलाओं के लिए उचित नहीं माना जाता।

वहीं गले में तिलक लगाने से मन शांत रहता है और आवाज़ में भी मधुरता आती है, इसके अलावा गले में तिलक लगाने से मंगल दोषों से मुक्ति मिलती है और मंगल ग्रह मज़बूत होता है। यही कारण है कि महिलाएँ भगवान हनुमान का तिलक गले में लगाकर कृपा प्राप्त करती है और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

तिलक लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान

तिलक लगाने की प्रक्रिया को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। तिलक लगाने से पहले स्नान और ध्यान करना चाहिए क्योंकि इससे शरीर और मन शुद्ध हो जाते हैं।

सबसे पहले भगवान को तिलक लगाना चाहिए, क्योंकि यह उनके प्रति सम्मान और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, इसके बाद ही माथे या गले पर तिलक लगाना चाहिए।

तिलक लगाते समय भगवान के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए, जैसे ओम् नमः शिवाय या फिर श्री राम जय राम जय जय राम। इससे तिलक का महत्व और प्रभाव बढ़ जाता है।

तिलक लगाने के बाद भी भगवान का ध्यान करना चाहिए, क्योंकि इससे मन शांत और एकाग्र रहता है, तिलक को लगाने के बाद तुरंत साफ़ नहीं करना चाहिए जिसमें लगा रहने देना चाहिए।

माथे पर तिलक लगाते समय हमेशा अनामिका उंगली या अंगूठे का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि इन उंगलियों को ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। इस तरह तिलक लगाने से आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ मिलता है।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...