घंटों पूजा करती हैं आप? किस लिए? अपनी इच्छापूर्ति के लिए? अगर हां, तो अब घंटों पूजा करने से अच्छा है कि आप पूजा-पाठ से जुड़े कुछ नियम जरूर याद कर लें। ये वो नियम हैं, जो आपकी पूजा को बिलकुल सार्थक कर देंगे। वैसे तो आपकी पूजा-पाठ करने की भावना अच्छी होगी तो फल भी मिलेगा लेकिन इन टिप्स को भूल गईं तो फल बिलकुल वैसा नहीं मिलेगा जैसा मिलना चाहिए। इसलिए पूजा कीजिए भले 5 मिनट लेकिन इन बातों को ध्यान रखिए और गलतियां बिलकुल न कीजिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूजा-पाठ के भी कुछ नियम होते हैं। जिनको आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं और अनजाने में ही कई गलतियां करते जाते हैं। इन बातों को ध्यान करके आप आपनी पूजा को पूर्ण कर पाएंगी, ये बात पक्की है-
जैसे भगवान, वैसा चढ़ावा–
पूजा-पाठ के नियम कई हैं, इन्हीं में से एक नियम ये है कि भगवान का चढ़ावा भी अलग-अलग होता है। आप एक ही चढ़ावा किसी भी मूर्ति पर नहीं चढ़ाना चाहिए। शिव जी को बेल पत्र चढ़ाए जाते हैं, ये तो आप जानती ही होंगी। लेकिन ये भी जान लीजिए कि विष्णु जी को तुलसी, गणेश जी को हरी दूर्वा, मां दुर्गा को लौंग, सूर्य भगवान को कनेर चढ़ा कर इच्छापूर्ति की कामना की जा सकती है। कुछ चीजें नहीं चढ़ाने का भी नियम है जैसे भगवान विष्णु को चावल, सूर्य को बिल्व पत्र और देवी को दूर्वा नहीं चढ़ाना चाहिए।
ईशान कोण का ध्यान–
घर में मंदिर अपनी सुविधानुसार अगर बनाया है तो आपको दिशा का ध्यान भी करना होगा। दरअसल पूजा घर हमेशा ईशान कोण में ही होना चाहिए। इसके अलावा किसी भी दिशा में पूजा घर होना भरपूर फल बिलकुल नहीं देगा।
मूर्तियां कितनी–
हां, ये बात सही है कि आप मंदिर में कितनी भी मूर्तियां रखें, इसमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन एक ही भगवान की कई मूर्ति होना दिक्कत है। पूजा-पाठ का ये भी नियम हैं कि मंदिर में एक ही भगवान की एक से ज्यादा मूर्ति नहीं होनी चाहिए।
पूजा में बैठे कैसे–
पूजा करते हुए ऐसे बैठना चाहिए कि आपका मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो। इसके साथ ही आपकी पीठ कभी पूजा घर की ओर नहीं होनी चाहिए।
दीपक की दिशा–
पूजा घर में दीपक की दिशा भी तय होती है। माना जाता है कि घी का दीपक दाईं ओर और तेल का दिया बाईं ओर रखने से ही पूजा पूरी होती है। इनकी दिशाएं बदलने का नुकसान ही होता है। इसलिए दिया रखते समय इनकी दिशा जरूर सुनिश्चित कर लें। दिए के साथ धूप रखने की जगह भी निश्चित है। धूप हमेशा पूजा घर में बाईं ओर रखी जानी चाहिए।
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