आषाढ़ का महीना पूजा-पाठ के मायनों में खास होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस माह से ही वर्षा ऋतु का आगमन होता है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को पितृकर्म की दृष्टि से काफी शुभ माना जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिये इस दिन गंगा-स्नान का भी विशेष महत्व है।  

बहुत खास है आषाढ़ की अमावस्या

इस आषाढ़ की अमावस्या दो दिनों तक रहेगी। जो 12 जुलाई की दोपहर 12.01 से शुरू होकर 13 जुलाई की सुबह 08.17 तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ की अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए किये गए कार्य शुभकारी होते हैं। 13 जुलाई को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने से भी उस दिन अमावस्या तिथि रहेगी। वहीं इस अमावस्या पर वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण भी लगेगा हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।

आषाढ़ अमावस्या तिथि व मुहूर्त

अमावस्या तिथि – 12-13 जुलाई 2018

अमावस्या तिथि आरंभ – 12:01 बजे से (12 जुलाई 2018)

अमावस्या तिथि समाप्त – 8:17 बजे तक (13 जुलाई 2018)

 

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