जिम में घंटों पसीना बहाने से बेहतर है साइकिलिंग करना: Cycling Benefits for Health
Cycling Benefits for Health

Cycling Benefits for Health: साइकिल आज भले ही हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से दूर होती जा रही है, लेकिन एक समय था जब यह हर घर की जरूरत थी। हालांकि आज भी यह बच्चों की फेवरेट है। हर बच्चा साइकिल चलाना पसंद करता है। हर साल दुनियाभर में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। साल 2018 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को वर्ल्ड बाइसाइकिल डे के रूप में घोषित किया। इसका उद्देश्य था लोगों को साइकिल के सेहत से जुड़े लाभ बताना। साथ ही उन्हें इस बारे में सचेत करना कि यह कितना जरूरी परिवहन साधन है। तो चलिए हम भी जानते हैं कि आखिर क्यों इतनी जरूरी है साइकिल। 

बेस्ट कार्डियो एक्सरसाइज है साइकिलिंग

Cycling Benefits for Health
Cycling improves cardiovascular function and lowers the risk of developing cardiovascular disease.

साइकिलिंग आपको न सिर्फ अच्छी सेहत दे सकती है, बल्कि ये आपका वजन कम करने के साथ ही आपकी मेंटल हेल्थ को भी सुधारती है। अगर आप रोज साइकिलिंग करना शुरू करते हैं तो यह एक अच्छा फैसला हो सकता है। क्योंकि साइकिलिंग के कई फायदे हैं। साइकिल चलाना बेस्ट कार्डियो एक्सरसाइज है। साल 2017 में यूनाइटेड किंगडम में हुई एक स्टडी के अनुसार साइकिल चलाने से कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन में सुधार होता है और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी होने का जोखिम कम होता है। स्टडी में यह भी सामने आया कि जो लोग अक्सर साइकिल चलाते हैं या इसे अपनी शारीरिक गतिविधियों में शामिल करते हैं, वे आमतौर पर उन लोगों की तुलना में ज्यादा फिट होते हैं जो अन्य शारीरिक गतिविधियां करते हैं। साइकिलिंग से शरीर में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है।

फेफड़ों के लिए अच्छा 

एक रिसर्च के अनुसार जो लोग दिन में 30 मिनट साइकिल चलाते हैं, वे कम बीमार पड़ते हैं।
According to a research, people who cycle for 30 minutes a day fall ill less.

एक रिसर्च के अनुसार जो लोग दिन में 30 मिनट साइकिल चलाते हैं, वे कम बीमार पड़ते हैं। दरअसल, नियमित रूप से साइकिल चलाने से आपके फेफड़ों को अधिक कुशलता से काम करने में मदद मिलती है। साइकिलिंग करने के दौरान फेफड़ों को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है, जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं। एक वयस्क साइकिल चलाने के दौरान सामान्य से 10 गुना ज्यादा ऑक्सीजन का उपयोग करता है। ऐसे में फेफड़े और दिल दोनों ही मजबूत होते हैं। 

मेंटल हेल्थ के लिए बेहतर 

साइकिलिंग मेंटल हेल्थ को सुधारने में भी मदद करती है।
Cycling also helps in improving mental health.

साइकिलिंग मेंटल हेल्थ को सुधारने में भी मदद करती है। इतना ही नहीं यह कई गंभीर मेंटल डिसऑर्डर को कम करने में मददगार है। साइकिलिंग कॉर्टिकल क्षेत्रों में कोशिकाओं के बीच नए कनेक्शन के विकास को उत्तेजित करती है। कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स विश्वविद्यालय की रिसर्च के अनुसार साइकिलिंग ब्रेन के लिए बेस्ट एक्सरसाइज है। इससे मस्तिष्क के लिए न्यूरोनल कनेक्शन विकसित करना आसान होता है। जिससे ब्रेन पावर बढ़ती है। इतना ही नहीं यह ब्रेन की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को रिपेयर करने में भी मदद करता है। यह ब्रेन में ब्लड और ऑक्सीजन सर्कुलेशन बढ़ता है। जिससे अल्जाइमर जैसा गंभीर रोग दूर होने में भी मदद मिलती है।  

कम होता है टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 

एक अध्ययन के अनुसार जो लोग सप्ताह में 3.45 घंटे साइकिलिंग करते हैं उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सही रहता है।
According to a study, people who do cycling for 3.45 hours a week, their body mass index remains correct.

बहुत कम लोग जानते हैं कि नियमित रूप से साइकिलिंग करने से कई गंभीर बीमारियों को दूर किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार जो लोग सप्ताह में 3.45 घंटे साइकिलिंग करते हैं उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सही रहता है। इतना ही नहीं ये लोग टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापे के खतरों से भी दूर रहते हैं।  विशेषज्ञों के अनुसार साइकिल चलाने से पेट की कई बीमारियां दूर होती हैं। क्योंकि इससे बड़ी आंत के माध्यम से भोजन को स्थानांतरित करने में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिलती है। जिससे आपके शरीर में वापस अवशोषित पानी की मात्रा सीमित हो जाती है और पेट अच्छे से साफ होता है। साइकिल चलाने से आंतों की सूजन भी कम होती है।  

छूमंतर हो जाता है तनाव  

कई शोध बताते हैं कि साइकिलिंग एक बेहतरीन स्ट्रेस-बस्टर हो सकती है।
Many researches show that cycling can be a great stress-buster.

कई शोध बताते हैं कि साइकिलिंग एक बेहतरीन स्ट्रेस-बस्टर हो सकती है। जी हां, साइकिल चलाने से तनाव कम होता है और यह आपको खुश कर सकता है। मेंटल हेल्थ फाउंडेशन के अनुसार जब आप परेशान हों तो कोई भी हल्का या मध्यम व्यायाम आपको नेचुरल तरीके से फील गुड करवाता है। इससे तुरंत आपका तनाव कम होगा और आप अच्छा महसूस करेंगे। इसलिए वीक में करीब साढ़े तीन घंटे साइकिलिंग करना बेस्ट है। 

सेक्स लाइफ को बनाता है बेहतर  

बहुत कम लोग जानते हैं कि साइकिलिंग का सीधा कनेक्शन आपकी सेक्स लाइफ से भी है।
Very few people know that cycling has a direct connection with your sex life as well.

बहुत कम लोग जानते हैं कि साइकिलिंग का सीधा कनेक्शन आपकी सेक्स लाइफ से भी है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय होने से आपके संवहनी स्वास्थ्य में सुधार होता है, जो आपकी सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में मददगार होता है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में किए गए शोध में पाया गया कि 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुष जो सप्ताह में कम से कम तीन घंटे साइकिल चलाते हैं, उनमें नपुंसकता का जोखिम कम व्यायाम करने वालों की तुलना में 30 प्रतिशत कम होता है। साइकिलिंग का महिलाओं पर भी असर होता है। मेनोपॉज के बाद कई महिलाओं की यौन इच्छा प्रभावित होती है, लेकिन साइकिल चलाने से वे बेहतर महसूस करती हैं।  

वजन कम करने में मददगार 

साइकिलिंग वेट लॉस के लिए बेस्ट एक्सरसाइज में से एक है। यह पेट की चर्बी को तेजी से कम करने में भी मददगार है।
Cycling is one of the best exercises for weight loss. It is also helpful in reducing belly fat fast.

साइकिलिंग वेट लॉस के लिए बेस्ट एक्सरसाइज में से एक है। यह पेट की चर्बी को तेजी से कम करने में भी मददगार है। जिम में घंटों साइकिलिंग करने से बेहतर है कि आप खुली हवा में साइकिलिंग करें, इससे कई फायदे मिलेंगे। वेटलॉस भी होगा और मेंटल टेंशन भी कम होगा। शोध बताते हैं कि अगर आप 19 किलोमीटर प्रति घंटे की मध्यम गति से साइकिल चलाते हैं, तो आप एक घंटे में करीब 600 कैलोरी बर्न कर सकते हैं। इससे आपके पैरों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।हालांकि इस दौरान अपनी डाइट पर ध्यान देना भी जरूरी है। क्योंकि वजन घटाने में हेल्दी डाइट का महत्वपूर्ण रोल होता है।

कार्बन फुटप्रिंट को करता है कम 

साइकिलिंग से कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
Cycling reduces carbon footprint.

प्रदूषण न सिर्फ प्रकृति बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक है। यह कई बीमारियों का कारण है। साइकिलिंग से कार्बन फुटप्रिंट कम होता है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया कि बसों, टैक्सियों और कारों में सफर करने वाले लोगों ने साइकिल चालकों और पैदल चलने वालों की तुलना में काफी अधिक प्रदूषण में सांस ली। कारों, टैक्सियों में सफर करने वाले  एक लाख से ज्यादा अल्ट्रा फाइन कणों के संपर्क में आते हैं, जो फेफड़ों में जाकर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।