रहना चाहते हैं सेहतमंद, तो कुछ देर रोजाना चलाएं साइकिल: World Bicycle Day
World Bicycle Day

World Bicycle Day: आपको जानकर हैरानी होगी कि कनाडा, डेनमार्क जैसे विकसित यूरोपीय देश में तो साइकिल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में चलाई जाती है। इटली में तो साइकिल खरीदने वालों को सरकार 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दे रही है और डेनमार्क के कोपनहेगन शहर में तो 20 प्रतिशत लोग साइकिल से ऑफिस जाते हैं। इन देशों में हर लोकेशन पर सड़क किनारे साइकिल स्टैंड बने हैं। प्रतिमाह का साइकिल-पास बनाकर इन स्टैंड से आप कहीं से भी साइकिल ले सकते हैं। बिना किसी डर के अलग बने साइकलिंग ट्रेक्स पर एक घंटे चलाकर अपने गंतव्य-लोकेशन के साइकिल स्टैंड पर सब्मिट कर सकते हैं। अपनी फिटनेस के प्रति सचेत छोटे-बड़े सभी साइकिल राइड का मजा लेते हैं।

सबसे अहम बात है कि बिना पेट्रोल, डीज़ल या चार्जेबल बैटरी से चलने वाली साइकिल सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ पर्यावरण प्रदूषण से बचाव का भी सशक्त माध्यम है। ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे को देखते हुए 2018 में संयुक्त राज महासभा ने तो 3 जून को ‘विश्व साइकिल दिवस’ के रूप में मनाने की शुरूआत की थी। जिसका मकसद साइकिल चलाने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है, लेकिन कई देशों में इसे अभी भी प्रधानता नहीं दी जाती।

लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि स्वास्थ्य के लिहाज से यह बेहतरीन एक्सरसाइज है। डॉक्टरों की माने तो अगर कोई व्यक्ति रोजाना 30 मिनट साइकिल चलातेे हैं, तो दूसरी किसी तरह की एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं पड़ती। साइकिल चलाने की प्रक्रिया में शरीर के तकरीबन सभी अंग एक्टिव रहते हैं जिससे पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है और व्यक्ति फिट रहता है। आइये साइकिल चलाने से शरीर को पहुंचने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानें-

इम्यून सिस्टम करे मजबूत

बीमारियों से बचने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना जरूरी है। शरीर में मौजूद थाइमस ग्लैंड टी-सेल्स नामक इम्यून सेल्स बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। 20 साल की उम्र के बाद थाइमस सिकुड़ना शुरू हो जाता है और टी-सेल्स का उत्पादन कम होने लगता है। जिससे इम्यून सिस्टम हर साल 2-3 प्रतिशत कमजोर होना शुरू हो जाता है जिससे व्यक्ति मिडल एज तक आते-आते कई बीमारियों का शिकार हो जाता है। लेकिन रेगुलर साइकिल चलाने वाले व्यक्ति में सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा थाइमस ग्लैंड ज्यादा सक्रिय रहता है और टी-सेल्स का उत्पादन ज्यादा होता है। इससे साइकिल चलाने वाला व्यक्ति लंबे समय तक सेहतमंद रह सकता है।

हार्ट को बनाए हेल्दी

कार्डियोवेस्कुलर एक्टिविटी होने के कारण साइकिल चलाना आपके हार्ट को मजबूत और हेल्दी बनाता है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से होता है और ब्रेन से डोपामिन हार्मोन रिलीज होेता है जो हार्ट को मजबूत करती है। ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन के हिसाब से रोजाना 20 मिनट साइकिल चलाने से दिल की बीमारियों को 50 प्रतिशत कम हो जाता है। साइकिल चलाकर दिल की धड़कन मजबूत होती है जिससे हार्टबीट में अनियमितता या अरिद्मिया, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक जैसी दिल की कई बीमारियां होने का खतरा कम होता है।

फेफड़े बनाए मजबूत

Lungs
Lungs

साइकिल चलाने से हालांकि फेफड़ों का काम बढ़ जाता है यानी व्यक्ति अपेक्षाकृत गहरी सांस लेते हैं और ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन लेते हैं। इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है और रेस्पेरेटरी सिस्टम से जुडी बीमारियां दूर करने में मदद करता है। साइकिल चलाने से शरीर को फेफड़ों और एयर-वेज़ से बैक्टीरिया निकालने में मदद मिलती है जिससे सर्दी-जुुकाम होने की सभावना कम हो जाती है।

डायबिटीज के खतरे को करे कम

साइकिल चलाना मसल्स में इंसुलिन सेंसिविटी को इम्प्रूव करता है जिससे ब्लड में शूगर लेवल कंट्रोल में रहता है। रोजाना साइकिल चलाने से आप एक्टिव रहतेे हैं और डायबिटीज के खतरे को 40 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।

कैंसर के खतरे को करे कम

एक्सरसाइज से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। साइकिल चलाने से कैंसर के खतरे को 45 प्रतिशत कम किया जा सकता है। अध्ययनों से साबित हुआ है कि जो लोग मिडल एज तक साइकलिंग जैसी मॉडरेट से हाई फिजीकल एक्टिविटीज करते हैं, उनमें कैंसर का खतरा अपेक्षाकृत कम होता है।

कैलोरी करे बर्न

शरीर को आकर्षक और टोनअप करने के लिए शरीर में जमा एक्सट्रा फैट खत्म करनी जरूरी है। इसके लिए साइकिल चलाना बेस्ट एक्टिविटी है। एक घंटा नॉर्मल स्पीड पर साइकिल चलाने पर शरीर में तकरीबन 600 कैलोरी बर्न हो सकती हैं। साइकिल चलाने से मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया बूस्ट होती है जिससे एक्सट्रा फैट तेजी से कम हो सकता है। वजन घटाने के इच्छुक व्यक्ति को एक्सरसाइज के साथ नियमित रूप से साइकिल चलाते हैं तो 4-5 महीने में तकरीबन 15 प्रतिशत सफलता मिल सकती है।

मसल्स बनाए मजबूत

muscles
muscles

साइकिल चलाने से शरीर की मल्टीपल मसल्स विकसित होती हैं। साइकिल पर संतुलित होने से पेट, बाहों और कंधे की मसल्स टोन होने में मदद मिलती है। विशेषकर पैर की ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग, क्वाड्रिसेप्स और कॉफ मसल्स को मजबूत बनाती है। जिसकी वजह से साइकिल चलाना बैठकर काम करने वालों के बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा लोअर बॉडी मसल्स भी अच्छी तरह टोनअप होती हैं और बॉडी अच्छी शेप में आ जाती है।

शरीर में बढ़ाए लचीलापन

लचीलापन शरीर को फिट रहने और चोट के खतरे को कम करता है। पैरों की मसल्स को छोड़कर साइकिल चलाने से शरीर में लचीलापन बरकरार रखने में मदद करती है। लचीलेपन से शरीर का पॉश्चर और संतुलन में भी सुधार होता है।

एनर्जी लेवल बढ़ाए

साइकिल चलाने से शरीर में माइटोकॉन्ड्रियल क्षमता को बढ़ावा मिलता है जिससे शरीर ज्यादा उर्जावान रहता है। शरीर का स्टेमिना, मसल्स स्ट्रेन्थ और शारीरिक मजबूती बढ़ती है। इससे अगर आप दिन भर थकान महसूस करते हैं या दिन भर नींद सी आती है तो आपको सुबह के समय आधा घंटे साइकिल चलानी फायदेमंद है। एनर्जी लेवल बढ़ेगा और आप दिन भर तरोताजा महसूस करेंगे।

बढ़ाए आत्मविश्वास

साइकिल चलाने पर शरीर से सेरोटोनिन मूड न्यूरोट्रांसमीटर हार्मोन रिलीज होते हैं जिससे शारीरिक-मानसिक-भावनात्मक रूप से आत्मविश्वासपूर्ण रहने में मदद मिलती है। विचारों में सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ता है। कैलोरी बर्न होने से सुडौल शरीर भी मिलता है जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है।

अच्छी होती है मेंटल हेल्थ

mental health
रहना चाहते हैं सेहतमंद, तो कुछ देर रोजाना चलाएं साइकिल: World Bicycle Day 9

नियमित रूप से साइकिल चलाने से तनाव, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती हैं। दिमाग में एंडोर्फिन नाम के फील गुड हार्मोन रिलीज होते हैं जिससे आप अच्छा महसूस करने लगते हैं और आपका दिमाग रिलेक्स हो जाता है। ऑस्ट्रेलिया में हुई रिसर्च के मुताबिक साइकिल चलाने वाले 89 प्रतिशत लोग कार जैसे वाहन चलाने से होने वाली झुंझलाहट से बचते हैं और ज्यादा खुश रहते हैं।

स्किन के लिए फायदेमंद

साइकिल चलाने से फेफड़े ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं। जिससे शरीर में ऑक्सीजन के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से होता है। इसकी वजह से हमारी स्किन को भी पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता है और वह हेल्दी होती है।

अच्छी नींद लाने में सहायक

दिन भर की थकान और शरीर के मसल्स को रिकवरी के लिए नींद की जरूरत होती है। अनिद्रा की वजह से डिमेंशिया, डिप्रेशन, तनाव, अनिद्रा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सेडेंटरी इन्सोमनिया के मरीजों पर हुए अध्ययन से साबित हुआ है कि 20 मिनट साइकल चलाने से उनकी नींद में सुधार होता है। साइकिल चलाने से सूरज की रोशनी मिलती है। इससे सरकेडियम ऋदम में सुधार होता है। नींद के दुश्मन कोर्टिसोल स्ट्रेस हार्मोन में कमी होती है और अच्छी गहरी नींद आती है।

(डॉ एम ए वली, सीनियर फिजीशियन, सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली)