बौद्ध पर्यटन स्थलों की ख़ास बात
बौद्ध पर्यटन स्थलों की ख़ास बात यह है कि ये सभी शांति प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। यह सभी आग, पानी, हवा, ज्ञान और पृथ्वी के तमाम तत्वों के साथ बनाए गए हैं।
हमारे देश में तरह-तरह के पर्यटन स्थल हैं। यह सभी किसी न किसी रूप में विशेष हैं। यही वजह है कि इसे विविधताओं का देश कहा जाता है। यह विविधताएँ और सांस्कृतिक बहुलताएँ ही हैं जो भारत को ख़ास बनाती है। ऐसे में जब बौद्ध से जुड़े पर्यटन स्थलों की बात आती है तो कई ऐसी जगहें हैं जो स्मृति में उभर आती हैं। बौद्ध पर्यटन स्थलों की ख़ास बात यह है कि ये सभी शांति प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। यह सभी आग, पानी, हवा, ज्ञान और पृथ्वी के तमाम तत्वों के साथ बनाए गए हैं। यही वजह है कि देश विदेश से आए सैलानियों को अपनी टफ आकर्षित करते हैं।
इन तमाम स्थलों पर आपको बौद्ध प्रतिमा के अलावा बौद्ध स्मारक और कई बौद्ध मंदिर भी देखने को मिल जाते हैं। इस जगह पर आने वाले सैलानियों अथवा आगंतुकों को स्मारिका ताबीज तथा अन्य प्रसाद दिए जाते हैं।यह जगहें उन लोगों को ज़्यादा पसंद आती हैं जो लोग पुरानी वास्तुकला आदि में विशेष रुचि रखते हैं। इन सभी बौद्ध धर्म से जुड़ी जगहों का अपना एक बहुत ही समृद्ध इतिहास है लेकिन कुछ जगहें जहां पर जाकर आपको अच्छा लगेगा, जहां सकून का अनुभव होगा इस लेख में हम उनके बारे में आपको जानकारी देने वाले हैं।
बोधगया, बिहार

बोधगया बिहार के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। इस जगह पर वैसे तो घूमने और देखने के लिए काफ़ी कुछ है लेकिन सबसे ज़्यादा महाबोधि मंदिर की वजह से जाना जाता है। महाबोधि मंदिर गया में स्थित वह स्थान है जहां पर भगवान बुद्ध ने एक बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर आत्मज्ञान प्राप्त किया था। जिसकी वजह से यह जगह हिंदुओं और बौद्धों के लिए पवित्र मानी जाती है। कुशीनगर, सारनाथ और लुम्बिनी के बाद बोधगया चौथा तीर्थ स्थल है, जो बुद्ध के जीवन से संबंधित है। यह जगह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में आती है जिसकी वजह से इसका वैश्विक महत्व है।
कपिलवस्तु, उत्तर प्रदेश

कपिलवस्तु को देश के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना है। इस जगह पर आकर भगवान बुद्ध के प्रारंभिक जीवन को समझ जा सकता है। इसी जगह से राजकुमार गौतम ने अपने जीवन की प्रारंभिक शुरुआत की और लगभग 29 वर्ष बिताये थे। लेकिन आत्मज्ञान की खोज में एक राजा होते हुए भी विलासी जीवन का त्याग कर दिया। अपना घर परिवार और जगह छोड़ने के 12 साल बाद उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई। इस जगह पर आपको बुद्ध से जुड़े तमाम तरह की चीज़ें और निशान देखने को मिलेगा।
राजगीर, बिहार

नालंदा जिले में स्थित राजगीर जितना प्राचीन है उतना ही नवीन भी। यही वजह है कि यह देश दुनिया में काफ़ी लोकपिय पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यह वह जगह है जहां पर भगवान बुद्ध ने अपने विश्वासों को वापस हासिल किया था। इस जगह पर पर्यटन भरपूर है जिसकी वजह से देश के कोने कोने से लोग आते हैं। राजगीर का सबसे बड़ा और मुख्य आकर्षण विश्व शांति स्तूप है, जोकि सफेद पत्थर से बना हुआ है।
अमरावती, आंध्र प्रदेश

कृष्णा नदी के तट पर स्थित अमरावती स्तूप बौद्ध धर्म से जुड़े पर्यटन स्थलों में बहुत ही ख़ास माना जाता है। इस स्तूप को तीसरी शताब्दी के आसपास कई चरणों में बनाया गया था। यह जगह काफ़ी महत्वपूर्ण है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में इसका रख रखाव किया जाता है। सैलानियों के लिए सबसे बड़े आकर्षण के तौर पर शहर में ही ध्यान बुद्ध की प्रतिमा है, जोकि 125 फीट ऊंची है।
