Household Spending India: भारत सरकार द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में भारत के परिवारों के खर्च का रुख चौंकाने वाला है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा खर्च शराब, तंबाकू और दवाओं पर किया गया। शराब और तंबाकू पर खर्च 15.7% बढ़ा, जबकि एक साल पहले यह मात्र 1.6% था। स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च में भी 17.4% की उछाल आई, जिसमें दवाइयां, अस्पताल और डॉक्टर की फीस शामिल हैं। यह इशारा करता है कि महामारी के बाद लोग अपनी सेहत को लेकर अधिक सतर्क हुए हैं। दूसरी ओर, खाने-पीने, की चीजों पर खर्च लगभग स्थिर रहा और मनोरंजन गतिविधियों में गिरावट आई है। चलिए जानते हैं रिपोर्ट में सामने आईं खास बातें-
शराब और तंबाकू पर रिकॉर्ड तोड़ खर्च
वित्त वर्ष 2024 में भारतीय परिवारों ने शराब और तंबाकू पर 15.7% अधिक खर्च किया, जो कि 2012 के बाद सबसे तेज वृद्धि है। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले साल इस कैटेगरी में केवल 1.6% की मामूली वृद्धि देखी गई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, महामारी के बाद तनाव और आर्थिक अनिश्चितता से उबरने के दौरान लोगों ने इन उत्पादों की ओर रुख किया।
स्वास्थ्य पर खर्च में 17.4% की उछाल
शराब और तंबाकू से भी अधिक तेज वृद्धि स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में देखी गई। वित्त वर्ष 2024 में भारतीय परिवारों ने स्वास्थ्य सेवाओं पर 17.4% अधिक खर्च किया, जो 2017 के बाद से सबसे ज्यादा वृद्धि है। स्वास्थ्य खर्च में डॉक्टर की फीस, अस्पताल का बिल, दवाइयों की लागत शामिल हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविड-19 महामारी के अनुभव ने लोगों की स्वास्थ्य-जागरूकता बढ़ा दी है, जिससे अब वे पहले की तुलना में मेडिकल खर्च को प्राथमिकता देने लगे हैं।
खाने-पीने की चीजों पर खर्च लगभग स्थिर
दिलचस्प बात यह है कि जहां दवा और दारू जैसे उत्पादों पर खर्च बढ़ा, वहीं खाद्य और गैर-मादक पेय पदार्थों पर केवल 0.5% की वृद्धि दर्ज की गई। यह इस ओर इशारा करता है कि मध्यम वर्ग और ऊपर के परिवार अब जरूरतों के बजाय विशेष सेवाओं पर खर्च करना अधिक पसंद कर रहे हैं। पहले की तरह अब लोग कपड़ों और जूतों पर ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं।
मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गिरावट
जहां कुछ कैटेगरीज में खर्च में तेजी देखी गई, वहीं मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर खर्च में 4.1% की गिरावट हुई है। इसका अर्थ है कि लोग अभी भी थिएटर, सिनेमा, लाइव शो जैसे आयोजनों में खर्च करने से हिचकिचा रहे हैं। इसकी मुख्य वजहें OTT प्लेटफॉर्म्स का बढ़ता उपयोग, टियर-2 और टियर-3 शहरों में सीमित मनोरंजन विकल्प, महंगाई के चलते गैर-जरूरी खर्चों में कटौती हो सकती हैं।
भारत में घरेलू खर्च के रुझानों से साफ है कि देश के लोग अब खाने और कपड़े जैसे बुनियादी खर्चों से हटकर स्वास्थ्य और जीवनशैली संबंधित क्षेत्रों में अधिक खर्च कर रहे हैं। लोग अब हेल्थ को लेकर ज्यादा सचेत हो गए हैं। हालांकि, शराब और तंबाकू जैसे उत्पादों पर बढ़ता खर्च एक चिंता का विषय भी है।
