Parenting Tips
Aggresive Kids Credit: Istock

Parenting Tips: क्‍या आपका बच्‍चा छोटी-छोटी बातों पर दूसरे बच्‍चों को मारता, पीटता या काटता है, क्‍या वह गुस्‍से में आपसे भी लड़ जाता है, यदि हां, तो आपके बच्‍चे को एंगर इशू हो सकते हैं। बच्‍चों का हिंसक व्‍यवहार न केवल दूसरों के लिए खतरनाक होता है बल्कि स्‍वयं के लिए नुकसानदायक हो सकता है। गुस्‍से में कई बार बच्‍चे चीजों को फेंककर मारते हैं या खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश करते हैं। स्थिति को कंट्रोल करने के लिए पेरेंट्स को न चाहते हुए भी उनपर हाथ उठाना पड़ता है या सजा देनी पड़ती है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं आपके मारने या पीटने से बच्‍चे पर उल्‍टा प्रभाव पड़ सकता है। इससे बच्‍चे और अधिक एग्रेसिव हो सकते हैं, खुद को चोट पहुंचा सकते हैं या घर से दूर जा सकते हैं। इसलिए पेरेंट्स को ऐसे बच्‍चे को संभालने के लिए सब्र से काम लेना चाहिए और उन्‍हें मैनेज करने का कोई आसान व इफेक्टिव तरीका अपनाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

बच्‍चे की हिंसक प्रवृति का कारण

Parenting Tips-हिंसक बच्‍चों को ऐसे करें डील
Reason for child’s violent tendencies

एंग्‍जाइटी: कई बार बच्‍चा तनाव और एंग्‍जाइटी की वजह से हिंसक हो सकता है। स्‍कूल या घर पर डाला जाने वाला दबाव उन्‍हें हिंसक बना देता है।

बुरा व्‍यवहार: पेरेंट्स, रिश्‍तेदार, दोस्‍त या टीचर्स का रूखा व्‍यवहार बच्‍चे को हिंसक बना देता है। ऐसी स्थिति में बच्‍चा उनसे चिढ़ सकता है।

संवेदनात्‍मक समस्‍याएं: कुछ बच्‍चों को शोर, भीड़ और लोगों से परेशानी होती है। ये संवेदनात्‍मक समस्‍याएं होती हैं जिसे बच्‍चे मैनेज नहीं कर पाते।

ऑटिज्‍म: ऑटिज्‍म ऐसी स्थिति है जिसमें बच्‍चे चीजों को आसानी से जज नहीं कर पाते और काम पूरा न होने के कारण वह हिंसक हो जाते हैं। वह अन्‍य बच्‍चों को अपना दुश्‍मन मानने लगते हैं और उनसे मारपीट करते हैं।

बच्‍चों से ऐसे करें डील

हिंसक बच्‍चों को ऐसे करें डील
Deal with children like this

शांत रहें

एक उग्र और हिंसक बच्‍चे का सामना करते समय, उसपर चिल्‍लाना या हाथ उठाना आसान होता है। लेकिन जब पेरेंट्स बच्‍चे पर चिल्‍लाते हैं तो बच्‍चा अधिक आक्रमक और विद्रोही हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपका शांत रहना बेहद कारगर साबित हो सकता है। जब बच्‍चा शांत हो जाए तब उससे बात करें और उसकी परेशानी को हल करने का प्रयास करें।

उचित व्‍यवहार की करें प्रशंसा

बच्‍चे को हर वक्‍त टोकना या चिल्‍लाना ठीक नहीं होता। यदि पेरेंट्स बच्‍चे के साथ हमेशा रूड व्‍यवहार करेंगे तो बच्‍चा उनसे दूरी बनाने लगेगा और उसका एंगर इशू भी बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि बच्‍चे के उचित व्‍यवहार और कार्य के लिए उसकी प्रशंसा करें। सही वक्‍त पर बच्‍चे की भावनाओं को समझने से उसके एंगर इशू को कम किया जा सकता है।

भावनाओं को समझें

बच्‍चे हमेशा से गुस्‍सैल या झगड़ालू नहीं होते। उनके मन में कोई बात या घटना घर कर जाती है जिसकी वजह से वह ऐसा व्‍यवहार करने लगते हैं। इसलिए बच्‍चा ऐसा व्‍यवहार क्‍यों कर रहा है और वह क्‍या चाहता है, इसे जानने का प्रयास करें। बच्‍चा यदि आपसे कोई बात या भावनाएं शेयर करना चाहता है उसे ध्‍यान से सुनें।

ट्रिगर पॉइंट्स जानें

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बच्‍चा हर समय एंगर इशू में नहीं होता। गुस्‍सा या मारपीट करने का कोई कारण होता है तभी बच्‍चा ऐसा व्‍यवहार करता है। जैसे कई बच्‍चे होमवर्क के समय, सोने के समय और खेल का वक्‍त समाप्‍त होने पर चिल्‍लाते या गुस्‍सा करते हैं। बच्‍चों को उनकी पसंद का काम करने से रोके जाने पर उनमें हिंसक व्‍यवहार देखा जा सकता है। इसलिए बच्‍चे के ट्रिेगर पॉइंट्स के बारे में जरूर जानें।