बच्चों के लिए करें ये 7 चीजें, उनके जीवन पर पड़ेगा अच्छा प्रभाव: Basic Manners
Basic Manners

Basic Manners: किसी भी बच्चे के लिए पैरेंट्स उसके रोल मॉडल होते हैं। बच्चा भले ही स्कूल में काफी कुछ सीखता है, लेकिन घर हमेशा से ही उसका पहला स्कूल होता है। ऐसे में उसके माता-पिता उसे जो कहते हैं, उसके सामने जो कुछ भी करते हैं, उसका एक बड़ा प्रभाव बच्चे पर पड़ता है। ऐसी कई चीजें होती हैं, जो बच्चे अनजाने में ही अपने पैरेंट्स से ही सीख जाते हैं।

कभी-कभी हमें इस बात का ध्यान नहीं रहता है कि हम बच्चे के सामने किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, लेकिन उससे बच्चे के मानसिक पटल पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमेशा यह कहा जाता है कि आपको बच्चे के सामने कुछ भी कहने से पहले एक बार अवश्य सोचना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको बच्चे के सामने अवश्य करना चाहिए-

१) दिखाएं अपना प्यार

BASIC MANNERS

बच्चे हमेशा ही अपनी फैमिली को एक हैप्पी फैमिली के रूप में देखना चाहते हैं। इसलिए बच्चों के सामने सिर्फ उनसे ही प्यार ना जताएं, बल्कि अपने बच्चों के सामने अपने जीवनसाथी के प्रति स्नेह दिखाना हमेशा एक अच्छा विचार है। जब आप बच्चों के सामने अपने पार्टनर का सम्मान करते हैं यया फिर उन्हें एक सरप्राइज बुके, उपहार या हग करते  हैं तो इससे बच्चों में एक हेल्दी रिलेशन की फीलिंग आती है। यह कहीं ना कहीं उन्हें भी खुशी का अहसास करवाता है।

२) मांगे मदद

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बच्चों के सामने घर के काम में उनकी मदद भी अवश्य मांगनी चाहिए। जरूरी नहीं है कि आप बच्चों को बड़े-बड़े टास्क ही दें, बल्कि आप उनसे छोटी-छोटी मदद मांग सकते हैं। जैसे कि वे रूम की क्लीनिंग में आपकी सहायता करें। ऐसा करने से बच्चों को काफी अच्छा लगता है। उन्हें लगता है कि वे भी अपने पैरेंट्स के काम आ सकते हैं। साथ ही साथ, इससे बच्चे के मन में एक जिम्मेदारी की भावना आती है और वे बचपन से ही अधिक रिस्पान्सिबल बनते हैं।

3) करें प्रोत्साहित

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अक्सर यह देखने में आता है कि बच्चे के कम मार्क्स लाने पर पैरेंट्स अक्सर उन्हें टोकते हैं, लेकिन अच्छे नंबर लाने पर खुलकर तारीफ नहीं करते हैं। जबकि वास्तव में आपको अपने बच्चे को प्रोत्साहित करने या फिर उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करने का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहिए। दरअसल, जब आप उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर भी उन्हें बधाई देते हैं तो इससे उन्हें बहुत अधिक खुशी मिलती है और वे पहले से भी अधिक बेहतर तरीके से परफॉर्म करने के लिए मोटिवेट होते हैं।

४) सुनें उनकी बात

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यह समस्या अधिकतर पैरेंट्स के साथ देखी जाती है। वह अपनी राय या फैसले तो बच्चों को बता देते हैं, लेकिन उनके मन की बात ठीक ढंग से नहीं सुनते हैं। यूं भी बच्चे जल्दी से अपनी बात किसी के सामने नहीं रखते हैं। ऐसे में अगर पैरेंट्स उनकी बात ही नहीं सुनते हैं तो इससे वे अपनी बात कहने में झिझकने लगते हैं। इससे पैरेंट्स व बच्चों के बीच बातचीत का वह पुल नहीं बन पाता है, जो कि वास्तव में बनना बेहद ही आवश्यक है।

५) एक रूटीन को करें फॉलो

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अधिक अनुशासित बने तो इसके लिए आपको उसके साथ सख्त होने की जरूरत नहीं है। बस आप कोशिश करें कि आप दोनों ही बच्चे के सामने एक रूटीन को फॉलो करें। कोशिश करें कि आप हर काम को एक नियत समय पर ही करें। साथ ही, छुट्टी के दिन अपना पूरा समय परिवार को दें। इस तरह आप बिना बोले ही बच्चे को पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को सही तरह से बैलेंस करने के गुण सिखा रहे हैं। साथ ही साथ, आपको देखकर वह खुद ब खुद एक अनुशासित जीवन जीना शुरू कर देगा।

६) मांगे माफी

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अक्सर पैरेंट्स बच्चे से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं समझते हैं। जबकि बच्चे में अच्छे गुणों का संचार आपके द्वारा ही होता है। जब आप कोई गलती करते हैं तो ऐसे में आपको बच्चों के सामने अपने पार्टनर, किसी अन्य व्यक्ति यहां तक कि बच्चों से भी माफी मांगने में गुरेज नहीं करना चाहिए। यह आपके बच्चे को अधिक विन्रम रहने की शिक्षा देता है। एक जिम्मेदार इंसान बनने के लिए माफी मांगने का हुनर सीखना बहुत जरूरी है। आपका बच्चा एक अच्छे व्यवहार वाले व्यक्ति के रूप में बड़ा होगा जब वह यह नोटिस करेगा कि उसके माता-पिता आवश्यकता पड़ने पर “आई एम सॉरी“ कहने से नहीं डरते।

७) मिलकर सुलझाएं समस्या

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हम सभी के जीवन में कई तरह की समस्या आती हैं। जब आपका बच्चा बड़ा होगा तो उसे भी अपने जीवन में कई तरह की नकारात्मक स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में बच्चा उन समस्याओं को किस तरह सुलझाता है, इसके गुण आप अभी से बच्चे को दे सकते हैं। मसलन, जब आपको अपने परिवार को संभालते समय पैसे, हेल्थ, नौकरी या फिर परिवार के प्रति जिम्मेदारियों जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो उस दौरान पति-पत्नी दोनों को मिलकर समस्या को सुलझाना चाहिए। इससे बच्चे में प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स आते हैं और वह यह समझ पाता है कि एक परिवार को बेहतर तरीके से संभालने के लिए सभी सदस्यों का मिलकर सहयोग करना बेहद ही आवश्यक है।

मैं मिताली जैन, स्वतंत्र लेखिका हूं और मुझे 16 वर्षों से लेखन में सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया में 9 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। मैं हेल्थ,फिटनेस, ब्यूटी स्किन केयर, किचन, लाइफस्टाइल आदि विषयों पर लिखती हूं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित...