फेंगशुई में जिस तरह से विंड चाइम्स, तीन टांगों वाले मेढ़क, लाफिंग बुद्धा, क्रिस्टल बॉल, चीनी सिक्कों आदि का महत्व होता है उसी तरह से सौभाग्य प्राप्ति के लिए कछुए की अंगूठी का भी विशेष महत्व होता है। दरअसल, फेंगशुई में कछुए को गुडलक और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कछुए की अंगूठी पहनने से व्यक्ति को कई तरह के फायदे मिलते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को इसको पहनने की सही विधि और दिन पता नहीं होता है। गलत ढंग से अँगूठी पहनने से सौभाग्य की जगह दुर्भाग्य को बुलावा मिलने लगता है। आइए, आज हम आपको बताएंगे कछुए की अंगूठी पहनते वक़्त क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए-
- कहते है कि समुद्र मंथन के समय माँ लक्ष्मी के साथ कछुआ भी प्रकट हुआ था, जिसकी वजह से कछुआ लक्ष्मी माता का भी प्रिय माना जाता है। इसलिए शुक्रवार के दिन ही कछुए की अंगूठी को खरीदें और घर लाकर माँ लक्ष्मी की तस्वीर के आगे कुछ देर रख दें। फिर इसे दूध और पानी के मिश्रण से शुद्ध करके उसे अगरबत्ती दिखाकर पहन लें। आप चाहें तो इस दौरान लक्ष्मी माता के बीज मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
- ध्यान रहे कि कछुए की अंगूठी केवल चांदी की धातु से ही बनी हुई हो, तभी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- अंगूठी पहनते समय यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि कछुए के सिर वाला हिस्सा अंदर की तरफ होना चाहिए। कछुए का मुँह बाहर की ओर होगा तो पैसा आने की बजाए हाथ से चला जाएगा।
- ऐसा नहीं है कि इस अंगूठी को पहनने से धन की बरसात होगी। इसे उचित ढंग से धारण करने से आपके भाग्य का जो धन है, उसकी रुकावटें दूर होती है।
- इस अंगूठी को सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी अंगुली में पहनें। बाएं हाथ में इस रिंग को पहनने से किसी भी तरह का लाभ प्राप्त नहीं होगा।
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