गरिबी में गुजर बसर कर रहे लोगों को देखकर शुरू से श्वेता का मन उनकी मदद करना चाहता था। बस, उन्हेोंने मन बना लिया और इसी दिशा में ऐक्टिव हो गई।
उद्देश्य
श्वेता रावत के ‘द हंस फाउंडेशन’ का उद्देश्य विविधतापूर्ण प्रोजेक्ट का पोर्टफोलियो संभालने के साथ गरीबी में गुजर-बसर कर रहे सभी समुदायों तक मदद पहुंचाना सुनिश्चित करना है।
उपलब्धियां
मेहनत के दम पर श्वेता ने विभिन्न प्रयासों के जरिए कुल 6-5 लाख से अधिक लोगों को टीएचएफ के आर्थिक सहयोग वाले कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाया है।
चुनौतियां
ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ लोग मुश्किल से मिलते हैं। ऐसे में फंड का सही उपयोग, सतर्कता और नियमित निगरानी रखना और इनसे जुड़े संबंधी सख्त निर्देशों का अनुपालन भी बहुत महत्वपूर्ण है।
संसाधन और सबल पक्ष
श्वेता का मानना है कि उनकी क्षमताएं एक इंसान के रूप में हैं। वह हर चीज़ के सभी पहलुओं पर ध्यान देती हैं। सबसे बड़ी बात कि सामाजिक और
पर्यावरणीय चुनौतियों को देखते हुए उन्हें उपलब्ध सभी संसाधनों का सदुपयोग करना होगा। महिला नेतृत्व का अर्थ संगठन में ऐसे बदलावों की वकालतकरना और उनमें निवेश करना है जिनसे सभी जरूरतमंद लोगों को विकास का आधार मिले।
सफलता के मूल मंत्र
- चुनौतियों का सकारात्मक पक्ष देखें।
- कठिन परिश्रम और लगन से कार्य करें।
- अपने प्रति जिम्मेदार रहें।
- अंतर्मन की बात सुनें।
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