Top Mythological Stories for Kids
Top Mythological Stories for Kids

Top Mythological Stories for Kids: अपने बच्चों को पौराणिक कथाओं से परिचित कराना न केवल उन्हें उनकी संस्कृति, धर्म, भाषा और नैतिक मूल्यों के बारे में सिखाने में मदद करेगा, बल्कि आप इन कहानियों को सुनाते हुए उनके साथ कुछ खूबसूरत यादें भी बना सकते हैं। ये कहानियां बच्चों की कल्पनाशक्ति को विकसित करने के साथ-साथ उनकी भाषा कौशल और नैतिक मूल्यों को भी मजबूत करती हैं। यहां दस हिंदू पौराणिक कहानियों की सूची दी गई है, जो दस अलग-अलग पौराणिक पात्रों के संघर्ष और उनसे मिलने वाली सीख को दर्शाती हैं।

Shri Ram
Shri Ram

रामायण भगवान श्रीराम की कथा है, जिसमें वे अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्षों के लिए वनवास जाते हैं। इस दौरान रावण उनकी पत्नी सीता का हरण कर लेता है। श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और वानर सेना के साथ युद्ध कर रावण को पराजित कर सीता को मुक्त कराते हैं।

शिक्षा:

यह कहानी भाईचारे, प्रेम, मित्रता और सत्य के मार्ग पर चलने की सीख देती है।

वनवास के दौरान सीता ने एक सुनहरे मृग को देखा और उसे प्राप्त करने की इच्छा जताई। जब श्रीराम उसे पकड़ने गए, तब रावण ने सीता का हरण कर लिया।

शिक्षा:

यह कहानी हमें सिखाती है कि लालच और इच्छाएँ अनर्थ का कारण बन सकती हैं।

एकलव्य एक आदिवासी बालक था, जो धनुर्विद्या में सर्वश्रेष्ठ बनना चाहता था। उसने गुरु द्रोणाचार्य से शिक्षा लेने की इच्छा जताई, लेकिन उसे उसकी जाति के कारण शिष्य नहीं बनाया गया। इसके बावजूद, उसने द्रोणाचार्य की एक मूर्ति बनाई और उसकी उपस्थिति में अभ्यास करने लगा। जब द्रोणाचार्य को इसका पता चला, तो उन्होंने एकलव्य से गुरुदक्षिणा के रूप में उसका अंगूठा मांग लिया। एकलव्य ने बिना किसी सवाल के अपना अंगूठा काटकर अर्पित कर दिया, जिससे वह कभी सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर नहीं बन पाया।

शिक्षा:

यह कहानी बच्चों को कड़ी मेहनत, सम्मान और गुरु भक्ति का महत्व सिखाती है।

सूरदास भगवान कृष्ण के महान भक्त थे। उन्होंने श्रीकृष्ण के लिए एक लाख से अधिक भजन लिखे। कहा जाता है कि एक बार उन्होंने राधा की पायल ले ली, लेकिन जब उसे लौटाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा कि वे देख नहीं सकते, इसलिए पहचान कैसे करें? इस पर भगवान कृष्ण ने उन्हें दृष्टि प्रदान की। परंतु सूरदास ने उनसे पुनः अपनी दृष्टि वापस लेने की प्रार्थना की, क्योंकि उन्होंने कृष्ण के दर्शन कर लिए थे और अब उन्हें कुछ और देखने की आवश्यकता नहीं थी।

शिक्षा:

यह कहानी निस्वार्थ प्रेम और सच्ची भक्ति का महत्व सिखाती है।

अभिमन्यु कुरुक्षेत्र युद्ध के महान योद्धाओं में से एक थे। जब उनकी माता सुभद्रा गर्भवती थीं, तब अर्जुन ने उन्हें चक्रव्यूह तोड़ने की विधि सुनाई। लेकिन अभिमन्यु पूरी प्रक्रिया नहीं सुन पाए और चक्रव्यूह से बाहर निकलने का तरीका नहीं सीख सके। युद्ध के दौरान, वे चक्रव्यूह में फंस गए और अंत तक लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।

शिक्षा:

यह कहानी निडरता, परिवार के प्रति निष्ठा और बलिदान का महत्व सिखाती है।

जब असुरराज महिषासुर ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया, तब देवी दुर्गा का प्राकट्य हुआ। उन्होंने देवताओं की सम्मिलित शक्तियों से महिषासुर का वध कर संसार की रक्षा की।

शिक्षा:

यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि महिलाएँ भी शक्ति और पराक्रम की प्रतीक होती हैं।

prahlad
prahlad

प्रह्लाद असुरराज हिरण्यकशिपु का पुत्र था, लेकिन वह भगवान विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकशिपु ने कई बार उसे मारने का प्रयास किया, लेकिन हर बार विष्णु भगवान ने उसे बचाया। अंततः नरसिंह अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने हिरण्यकशिपु का वध कर दिया।

शिक्षा:

यह कहानी श्रद्धा, भक्ति और धैर्य का महत्व सिखाती है।

द्रोणाचार्य ने एक बार अपने शिष्यों की परीक्षा लेने के लिए एक लकड़ी के पक्षी को पेड़ पर रख दिया और सभी से उसकी आँख पर निशाना साधने को कहा। जब उन्होंने पांडवों से पूछा कि वे क्या देख रहे हैं, तो किसी ने पक्षी, किसी ने पेड़ और किसी ने आकाश बताया। लेकिन अर्जुन ने कहा कि वह केवल पक्षी की आँख देख रहा है और सटीक निशाना लगाकर उसे भेद दिया।

शिक्षा:

यह कहानी एकाग्रता और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की सीख देती है।

श्रवण कुमार अपने अंधे माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर तीर्थयात्रा करा रहे थे। रास्ते में राजा दशरथ के तीर से गलती से उनकी मृत्यु हो गई। मरने से पहले उन्होंने अपने माता-पिता के लिए जल लाने की अंतिम इच्छा जताई।

शिक्षा:

यह कहानी माता-पिता की सेवा और निःस्वार्थ प्रेम का संदेश देती है।

Lord Ganesh
Lord Ganesh

एक बार गणेश और कार्तिकेय के बीच पूरी दुनिया की परिक्रमा करने की प्रतियोगिता हुई। कार्तिकेय तेजी से निकल पड़े, लेकिन गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा की और कहा कि वे ही उनकी पूरी दुनिया हैं।

शिक्षा:

यह कहानी माता-पिता के सम्मान और बुद्धिमानी का महत्व दर्शाती है।

राक्षस रक्तबीज में एक विशेष शक्ति थी – हर बार जब उसका एक खून का कतरा ज़मीन पर गिरता, एक नया राक्षस उत्पन्न हो जाता। देवता उसे हराने में असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने देवी काली से मदद की प्रार्थना की। काली ने राक्षस रक्तबीज का सारा खून पी लिया, इससे पहले कि वह ज़मीन पर गिर पाता, और वह हार गया। देवी काली ने हमें यह सिखाया कि साहस और दृढ़ निश्चय से हम सबसे डरावने शत्रु को भी हर सकते हैं।

शिक्षा

अपने डर और कठिनाइयों को पार करने के लिए साहसी और दृढ़ निश्चयी बनें।

कृष्ण ने अपने गाँववासियों को भगवान इंद्र की पूजा बंद करने और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा। इंद्र ने क्रोधित होकर भारी वर्षा की, लेकिन कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सबको बचा लिया।

शिक्षा:
यह कहानी हमें प्रकृति के संरक्षण और उसके सम्मान का संदेश देती है।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...