moral stories in hindi
moral stories in hindi

नैतिक कहानी : इस हिंदी नैतिक कहानियों ( Moral Stories )के संग्रह के पृष्ठ पर, हम आपको शीर्ष 10 नैतिक कहानियों के सुंदर और सीधे संवेदनशील संदेशों से मिलते हैं। ये कहानियां हमें जीवन के मूल्यों, ईमानदारी, साझागी, और सद्गुणों का महत्वपूर्ण सिख देती हैं। हर कहानी एक अनूठी रूप से आयोजित है और विभिन्न आयु समृद्धि के लोगों को आकर्षित करने का एक सुनहरा तरीका है। हमने इस पृष्ठ को हिंदी भाषा में विकसित किया है ताकि हर व्यक्ति इन सुन्दर कहानियों से अपने जीवन को सजाग और सशक्त महसूस कर सके। इन कहानियों के माध्यम से हम नए दृष्टिकोण प्राप्त करके सकारात्मक बदलाव को स्वीकार करते हैं, और जीवन को अधिक सार्थक बनाने का प्रयास करते हैं।

1. नैतिक कहानी : बंदर और घंटा

    2. नैतिक कहानी : निन्यानवे का चक्कर

    3. नैतिक कहानी : गुमसुम चिड़िया

    4. नैतिक कहानी : अच्छी सीख देने वाली चिड़िया 

    5. नैतिक कहानी : राजा बना नीलदेव

    6.  नैतिक कहानी  : कुएँ की आवाज

    7.  नैतिक कहानी  : बगुले के आँसू

    8.  नैतिक कहानी  : हाथी और चूहे

    9.  नैतिक कहानी  : चार मित्र व शिकारी

    10.  नैतिक कहानी  : कौओं की चिंता

    bandar aur ghanta Moral Stories in Hindi
    bandar aur ghanta Moral Stories in Hindi

    एक दिन चोर ने गाँव के मंदिर का घंटा चुरा लिया। घंटा चुराने के बाद वह जंगल
    की ओर भागा। माँद में आराम कर रहे बाघ ने घंटे की आवाज़ सुनी तो उसे पसंद
    आई।

    जल्द ही उसने चोर व घंटे को खोज निकाला। उसने चोर पर हमला किया व उसे मार गिराया। घंटा जमीन पर गिर पड़ा। बाघ अपने शिकार को खाने में मग्न हो गया।

    कुछ दिन बाद वहाँ से बंदरों का दल गुजरा। उन्हें घंटे की टन-टन अच्छी लगी। सबने उससे खेलने का आनंद लिया। वे सारा दिन की मेहनत के बाद, रात को घंटे से खेल read more…

    ninyaanave ka chakkar Moral Stories in Hindi
    ninyaanave ka chakkar Moral Stories in Hindi

    Moral Story: पुराने जमाने की बात है। असम के किसी ग्रामीण इलाके में एक कुम्हार रहता था। उसकी छोटी कमाई से उसका घर-खर्च आसानी से चल जाता था। उसे अधिक कमाने की चाह नहीं थी। दोनों वक्त वह पेटभर खाता था, रात को पूरी नींद सोता था। उतने से वह संतुष्ट था।

    वह दिनभर ढेरों बर्तन बनाता, अगले दिन उन्हें बाजार में बेच आता। दिन में डेढ़ या दो रुपये का नफा होता था। इतनी कमाई से ही उसका गुजारा बढ़िया से चल जाता था। रोटी-कपड़ा और छत की समस्या पूरी होने के कारण वह वह मस्त रहता था।

    अपने काम से निपटकर रोज शाम को वह अपनी बाँसुरी लेकर बैठ जाता और घंटों बजाता रहता। इसी तरह दिन बीतते जा रहे थे। दिन बीतने के साथ-साथ एक शांत लड़की के साथ उसका विवाह भी हो गया। read more…

    Gumsum Chidiya Moral Stories in Hindi
    Gumsum Chidiya Moral Stories in Hindi

    Moral story in Hindi ‘Gumsum Chidiya’

    एक गरीब किसान जंगल से गुजर रहा था। तभी उसने किसी बच्चे के रोने की आवाज़ सुनी। उसने देखा कि कुछ दूरी पर एक नन्ही-सी बच्ची एक पेड़ के नीचे लेटी हुई थी। वह तो बस रोती जा रही थी। किसान ने उसके माता-पिता को आस-पास बहुत ढूँढा लेकिन : उसे वहाँ दूर-दूर तक कोई नज़र नहीं आया। रात होने वाली थी। वह बच्ची को वहाँ नहीं छोड़ सकता था। इसीलिए उसने सोचा कि जब बच्ची के माता-पिता उसे ढूँढ़ते हुए उसके पास आएँगे तो वह बच्ची उन्हें दे देगा। वह छोटी बच्ची को घर ले आया।

    उसने कई दिन, कई सप्ताह, कई महीनों तक इंतजार किया। लेकिन कोई नहीं आया। तब उसने बच्ची को अपनी बेटी की तरह बड़ा करने का निश्चय किया। बच्ची को वह प्यार से ‘कुहू’ कहकर बुलाता था। read more...

    achi seekh dene vaalee chidiya Moral Stories in Hindi
    achi seekh dene vaalee chidiya Moral Stories in Hindi

    Story in Hindi with Moral “Acchi Sikh dene wali Chidiya”

    पात्र-परिचय हवा दीदी निक्का, निक्की और मोहल्ले के अन्य बच्चे एक छोटी सी नेक चिड़िया सूचीमुख बंदरों की टोली और उनका मुखिया गज्जू दादा

    पहला दृश्य

    (स्थान–गली या मोहल्ले के पास वाला खेल का मैदान, जिसमें एक तरफ बच्चे खड़े-खड़े बातें कर रहे हैं। तभी हवा तेजी से बहती हुई आती है और बच्चों को मजे से बातें करते और खेलते देख, ठिठक जाती है। फिर हवा दीदी बच्चों के पास आकर बड़े उत्साह से बताने लगती है।)

    हवा दीदी : उफ, वह चिड़िया, बेचारी चिड़िया। बंदरों ने बेचारी को मार ही डाला।

    निक्का : पर क्यों हवा दीदी, क्यों?

    निक्की : भला ऐसा किया क्या था चिड़िया ने? read more..

    raja bana neeladev Moral Stories in Hindi
    raja bana neeladev Moral Stories in Hindi

    Moral Story in Hindi Raja bana Neeldev

    Moral Story in Hind : पात्र-परिचय हवा दीदी निक्का, निक्की और मोहल्ले के अन्य बच्चे सियार चंडरव, गाँव के कुत्ते, शेर, चीता, हाथी तथा जंगल के अन्य जानवर

    पहला दृश्य

    (स्थान–गली या मोहल्ले के पास वाला खेल का मैदान, जिसमें एक तरफ बच्चे खड़े-खड़े बातें कर रहे हैं। तभी हवा तेजी से बहती हुई आती है और बच्चों को मजे से बातें करते और खेलते देख, ठिठक जाती है। फिर हवा दीदी बच्चों के पास आकर बड़े उत्साह से बताने लगती है।)

    हवा दीदी : (हँसती हुई) अरे, वाह भई, वाह, मजा आ गया नीलदेव का नाटक देखकर। भई, नीलदेव भी तो क्या नीलदेव था? उसने जंगल के सारे जानवरों को ऐसा चकमा दिया कि कुछ न पूछो।

    निक्का : नीलदेव…? मगर कौन नीलदेव हवा दीदी? read more…

    kuen kee aavaaj Moral Stories in Hindi
    kuen kee aavaaj Moral Stories in Hindi

    Moral Stories in Hindi kuen ki Aavaj

    पात्र-परिचय हवा दीदी निक्का, निक्की और मोहल्ले के अन्य बच्चे शेर, खरगोश तथा जंगल के अन्य जानवर

    पहला दृश्य

    (स्थान–गली या मोहल्ले के पास वाला खेल का मैदान, जिसमें एक तरफ बच्चे खड़े-खड़े बातें कर रहे हैं। तभी हवा तेजी से बहती हुई आती है और बच्चों को मजे से बातें करते और खेलते देख, ठिठक जाती है। फिर हवा दीदी बच्चों के पास आकर बड़े उत्साह से बताने लगती है।)

    हवा दीदी : वाह रे वाह, खरगोश। भई, खरगोश का भी जवाब नहीं। मान गए इस छोटे से प्राणी की बुद्धि और चतुराई को।

    निक्का : खरगोश…मगर खरगोश ने क्या किया है हवा दीदी?read more…

    bagule ke aansoo Moral Stories in Hindi
    bagule ke aansoo Moral Stories in Hindi

    Hindi Moral Stories Bagule ke Aansoo

    Hindi Moral Stories : पात्र-परिचय हवा दीदी निक्का, निक्की और मोहल्ले के अन्य बच्चे तालाब की मछलियाँ और केकड़ा धोखेबाज बगुला।

    पहला दृश्य

    (स्थान-गली या मोहल्ले के पास वाला खेल का मैदान, जिसमें एक तरफ बच्चे खड़े-खड़े बातें कर रहे हैं। तभी हवा तेजी से बहती हुई आती है और बच्चों को मजे से बातें करते और खेलते देख, ठिठक जाती है। फिर हवा दीदी बच्चों के पास आकर बड़े उत्साह से बताने लगती है….)

    हवा दीदी : अरे भई, बगुला भगत की बात सुनी थी। पर बगुले भगत का नाटक देखा तो बस, मजा ही आ गया। अभी-अभी जंगल में इसे देखकर ही आ रही हूँ।

    निक्का : नाटक…? बगुले भगत का? क्या कह रही हो हवा दीदी?

    निक्की : हवा दीदी, बताओ ना, बगुले भगत के नाटक में क्या हुआ? और कौन-कौन थे इस नाटक में? read more…

    haathee aur choohe  Moral Stories in Hindi
    haathee aur choohe  Moral Stories in Hindi

    झील के किनारे एक बड़ा और खूबसूरत नगर था। वहाँ बहुत अच्छे घर व मंदिर थे। लोग खुशी-खुशी रहते।। एक दिन नगर पर पड़ोसी राज्य ने हमला कर दिया और उसे पूरी तरह से तबाह कर दिया। पूरे नगर में सिर्फ चूहे रह गए।

    जंगल मेंए चूहों के नगर से बहुत दूर हाथी रहते थे। वहाँ कई सालों से वर्षा न होने के कारण नदियाँ और तालाब सूख गए थे। हाथियों के पास पीने का पानी नहीं था। एक दिन पानी की तलाश में हाथियों का झुंड चूहों के नगर में आ पहुँचा। जब वे उस नगर से गुजर रहे थे तो उनके पाँवों के नीचे दब कर कई चूहे मारे गए।.

    चूहों के राजा ने इतने चूहों के मरने का समाचार सुना तो वह उदास हो गया। उसने झट से सभी चूहों की सभा बुलाई। एक बूढ़े व सयाने चूहे ने सुझाव दिया कि उन्हें हाथियों के सरदार से विनती करनी चाहिए कि वे चूहों के नगर से न गुजरें। read more…

    chaar mitr va shikaaree Moral Stories in Hindi
    chaar mitr va shikaaree Moral Stories in Hindi

    बहुत समय पहले की बात है। जंगल में चार मित्र रहते थे। उन चारों का स्वभाव काफी अलग थाए किंतु वे पक्के दोस्त थे और किसी एक की मुश्किल में सभी मिलकर मदद करते थे। वे चार मित्र थे- चूहा, कौआ, हिरण व कछुआ।

    एक दिन चूहाए कौआ व हिरण पेड़ के नीचे गप्पें मार रहे थे। अचानक चीखने की आवाज सुनाई दी। यह तो उनके मित्र कछुए की आवाज थी। वह शिकारी के जाल में फँस गया था। हिरण ने कहा- ‘अरे! अब हम क्या करेंगेघ्ष्
    चूहे ने कहा- ष्चिंता मत करोए मेरे पास एक योजना है।ष् सारे दोस्तों ने मिल कर सब तय कर लिया।

    हिरण शिकारी के रास्ते की ओर भागा और उसके देखते ही देखते यूँ गिर गया मानो मर चुका हो। इसी दौरान कौआ वहाँ पहुँचा और हिरण का माँस नोंचने का दिखावा करने लगा। शिकारी जाल उठा कर घर की तरफ चलाए तो उसकी नजर जमीन पर पड़े उस हिरण और कौवे पर पड़ी। read more..

    kauon kee chinta moral stories in hindi
    kauon kee chinta moral stories in hindi

    बहुत समय पहले की बात हैए छोटे से गाँव के बाहरए बरगद का विशाल पेड़ था। पेड़ पर नर व मादा कौआए अपने बच्चों के साथ रहते थे। कुछ दिन बाद वहाँ एक साँप खोखल में घर बना कर रहने लगा।

    जब कौए भोजन की तलाश में निकल जाते, तो साँप उनके घोंसले में से अंडों से निकले छोटे-छोटे बच्चे खा लेता। ऐसा दो बार हुआ। कौओं को बहुत दुख हुआ। मादा कौए ने कहा- हमें यह जगह छोड़ देनी चाहिए क्योंकि जब तक यह साँप यहाँ रहेगा, हमारे बच्चों को जीवित नहीं रहने देगा।

    नर कौए को भी बहुत बुरा लग रहा था, पर उसे साँप से लड़ने का कोई उपाय नहीं दिख रहा था। आखिर में उन्होंने अपने बुद्धिमान मित्र गीदड़ की सलाह लेने की सोची। read more…