manahoos kaun - Tenali Rama Story In Hindi
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Tenali Rama Story In Hindi : रमैय्या नामक एक आदमी था। उसे कोई भी सुबह-सुबह देखना पसंद नहीं करता था। लोगों का मानना था कि अगर उसका मनहूस चेहरा सुबह दिख जाए तो सारा दिन खाना नसीब नहीं होता। लोग अक्सर उससे बात करने से भी कतराते थे।

महाराज को यह बात पता चली तो उन्होंने रमैय्या को बुलवाया। उसे अपने सोने के कमरे के साथ वाले कमरे में सोने को कहा। अगले दिन महाराज सोकर उठे तो उन्होंने सबसे पहले रमैय्या का चेहरा देखा।

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manahoos kaun – Tenali Rama Story In Hindi

दिन में वे दरबार का जरूरी काम निपटा कर खाना खाने बैठे। रोज की तरह भोजन परोसा गया पर अभी वे पहला कौर मुँह में डालने ही वाले थे, कि सब्जी में मक्खी नजर आई। उन्हें उल्टी-सी आने को हो आई। वे बहुत नाराज हुए और बिना खाना खाए उठ गए। उनकी भूख ही मर गई थी।

अब राजा को भी विश्वास हो गया कि रमैय्या मनहूस ही है। उसे जो भी सुबह देखता है, उसे दिन में खाना नहीं मिलता।

उन्होंने सिपाहियों को आदेश किया कि उसे मौत के घाट उतार दिया जाए। गरीब आदमी राजा का आदेश सुन कर घबरा गया।

अगले दिन जब उसे फाँसी देने ले जा रहे थे तो रास्ते में तेनालीराम से भेंट हुई। उसने रोते हुए अपनी पूरी कहानी सुना दी।

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तेनालीराम ने उसे मदद का दिलासा दिया। वे उसके काम में फुसफुसाए, ‘‘जब फाँसी चढ़ाने से पहले तुम्हारी आखिरी इच्छा पूछी जाए तो कहना मैं एक बार नगरवासियों के सामने जाकर यह कहना चाहता हूँ कि मेरा चेहरा देखने वाले को तो खाना नसीब नहीं होता लेकिन जो सुबह-सुबह महाराज का चेहरा देखता है, उसे तो जान गँवानी पड़ती है।’’

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उसे सलाह दे कर तेनालीराम घर लौट गए। जब फाँसी का समय हुआ तो रमैय्या ने वही किया जो तेनालीराम ने कहा था। वहाँ मौजूद सैनिक यह सुनकर हैरान हो गए। उन्होंने झट से राजा को जा कर सारी बात बताई। महाराज भी सुनकर चक्कर में पड़ गए। उन्होंने घबरा कर सोचा, ‘‘अगर रमैय्या ने नगर में यह बात कह दी तो कोई भी मेरा चेहरा नहीं देखना चाहेगा।’’

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तो उन्होंने उसी समय रमैय्या को बुलाकर विनती की,

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‘‘किसी से कुछ मत कहना कि क्या हुआ था।’’ उन्होंने उसे अनेक उपहार भी दिए।

रमैय्या बहुत खुश हुआ और चैन की साँस ली। उसने तेनालीराम की बहुत प्रशंसा की। वह मदद के लिए धन्यवाद दे कर अपने घर लौट गया। तेनालीराम की सूझ-बूझ ने उसके प्राण बचा लिए थे।

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