seva mein sukh hai
seva mein sukh hai

एक भक्त रोज गंगा स्नान करके भगवान पर जल चढ़ाता था। एक दिन रास्ते में एक प्यासा मनुष्य रात भर के बुखार का मारा पड़ा था। पानी लाते देखकर उसने भक्त से पानी पिलाने की याचना की। भक्त डपटकर बोला, ‘मूखर्! यह जल भगवान को चढ़ाना है, तुम्हारे जैसे अनेक बीमार पड़े होंगे। उन्हें कौन पानी पिलाता घूमे?”

रात को भक्त ने सपने में देखा भगवान बीमार हो गये हैं। भक्त ने बीमारी का कारण पूछा। भगवान बोले, ‘तूने पीड़ित मनुष्य की सहायता नहीं की, प्यासे मनुष्य की आवश्यकता पूरी न कर मेरे स्नान में जो जल काम आया, वह मेरे लिए पापरूप सिद्ध हुआ और उससे मैं बीमार पड़ गया।’

दूसरे दिन से वह मनुष्य सच्चे हृदय से दीन-दुखियों की सेवा करने लगा। इसी को उसने ईश्वर भक्ति का सच्चा स्वरूप समझना आरंभ कर दिया।

ये कहानी ‘इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंIndradhanushi Prerak Prasang (इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग)