Selfie Kahani: “समीर ! जल्दी आओ ना , क्या कर रहे हो वहाँ ? एक सेल्फी यहाँ से लेते हैं देखो ना बैकग्राउंड कितना खूबसूरत है । ” ” क्या यार अनु !अब और कितनी सेल्फियाँ ? तुम घूमती कम हो बस फ़ोटो या सेल्फी । बस कर दो यार । “
” नहीं , इधर आओ तुम , ये सब तो यादें हैं जो हमारे बाद भी रहेंगी । किसी दिन मैं नहीं रहूँगी तो मेरी ये सारी सेल्फियां तुम्हें मुझे भूलने नहीं देगी समझे ।”समीर को खींचकर अपने से सटा धड़ाधड़ तीन चार सेल्फी ले ली अनु ने ।
“क्या करती हो यार , बस कर दो अब लाओ ये फोन मुझे दो , ” अनु को धकियाते हुए समीर ज़रा सा ही आगे बढ़ा था कि एक घुटी हुई सी चीख उसके कानों को भेद गई । उसने पीछे मुड़कर देखा तो …….
“पापा !पापा! सुनो ना , सुनते क्यों नहीं ” ग्यारह वर्षीय शिव के झकझोरने से जैसे समीर की तंद्रा टूटी।
“हाँ ,,हाँ अरे ,शिव ! तुम , बोलो बेटा कुछ कह रहे थे क्या ? ” अपनी आँखों के खारे समंदर को आँखों में ही समेटते हुए समीर बेड से खड़ा हो गया ।
” पापा ! वो दादी माँ ने मम्मी के लिए कोई पूजा रखवाई है उसके लिए आपको बुला रहे हैं बाहर हॉल में । “
” अच्छा चलो ” अनु का फोन जेब में रख शिव के साथ हॉल में आया तो देखा मां ने काफी लंबी चौड़ी पूजा की तैयारी कर रखी है ।
” इन सबसे क्या होगा माँ ! क्या वो ठीक हो जाएगी , क्या मुझे शान्ति मिलेगी क्या-क्या मैं अपने आप को कभी भी माफ कर पाऊँगा । नहीं माँ नहीं अनु का कातिल हूँ मैं , उसकी इस हालत का जिम्मेदार हूँ मैं । “फफक कर रो पड़ा समीर ।
माँ ने आगे बढ़ उसे कसकर गले लगा लिया , ” नहीं मेरे बेटे नहीं , मत सज़ा दे अपने आप को , वो एक हादसा था भूल जा। अपने आप को संभाल , शिव की तरफ भी तो देख बेटे , वो भी तो हिम्मत दिखा रहा है । पूरे मन से हर पूजा अर्चना , दान धर्म में शामिल होता है । तू भी हिम्मत रख और सबसे बड़ी बात अपने प्यार पर विश्वास कर । देखना जल्दी ही अनु हमारे पास यहाँ घर में पहले की तरह चहकती दिखेगी । अच्छे से अच्छा इलाज़ और ईश्वर की आराधना , बस इनपर विश्वास रख । “
“अम्माजी पूजा शुरू करें ।” पंडित की आवाज़ सुन दोनों माँ बेटे अपने अपने आँसूं पौंछ पूजा में बैठ गए । पूजा में बैठे समीर की आँखों के आगे उस दिन का वो मंजर फिर से घूमने लगा जिसने उसकी आंखों को छोड़ा ही नहीं उस दिन से । दो साल हो गए उस हादसे को , जिसने एक हँसते खेलते घर को दुखों से भर दिया ।
अनु और समीर गर्मी की छुट्टियों में मनाली घूमने गए थे , फोटो खींचने की शौकीन अनु हर एक लम्हे , हर एक पल को जी भर जीकर और उन्हें अपने कैमरे में कैद कर रही थी । उसे हमेशा से ही फोटोज का शौक था जिसे उसके नए फोन ने और सेल्फी स्टिक ने दुगना कर दिया । जब मौका मिलता घर में सबके साथ सेल्फियाँ लेती रहती । सास ससुर तो हँसते रहते उसके बचपने पर और उसका नाम ही रख दिया उन्होंने ‘सेल्फी क्वीन ‘ ।
छोटा सा शिव भी उसके साथ तरह तरह के पोज़ देकर सेल्फियाँ लिया करता था , बस समीर ही चिढ़ता रहता था । उसे हमेशा से ही फोटो खिंचवाने का शौक नहीं था । अनु की हरकतें हमेशा से बचकाना लगती , वो एकदम धीर गंभीर था और अनु उसके ठीक उलट , सारे दिन घर में चहकती रहती ।
पिछले दो साल से अनु से रौनक ये घर बेजान सा हो गया था , माँ-पापा हँसना भूल गए थे , छोटा शिव उम्र से बड़ा लगने लगा था और वो ,,, वो तो जैसे ज़िंदा लाश सा । उस दिन अनु उसके एक छोटे से धक्के से गहरी खाई में गिर गई थी , किसी तरह उसे वहाँ से ऊपर लाया गया लेकिन तब तक उसमें कुछ बचा नहीं था । मल्टिपल फ्रैक्चर , दिमाग की नसें फट गई थी और भी इंटरनल इश्यूज हो गए थे , बस तभी से वो हॉस्पिटल में अपनी ज़िंदगी और मौत की एक लंबी लड़ाई लड़ रही थी ।
समीर रोज शिव के साथ हॉस्पिटल जाता और घंटों यूँ ही बैठा रहता और अनु को बस देखता रहता । एक पल में न जाने कितनी बार उससे मन ही मन माफी मांगता । और अपने आप को कोसता कि काश !!!!!! उस दिन वो अनु को ऐसे , बिना देखे , कि वो कहाँ खड़ी है , धक्का नहीं देता …… काश !!!! बस एक बार अनु ठीक हो जाये वो उसको कभी भी किसी भी बात के लिए नहीं टोकेगा , बस अनु एक बार फिर से उसके घर को अपनी निश्छल हँसी से गूंजा दे । आरती करते समय भी यही सब सोच रहा था समीर कि उसके फोन की घंटी बजी , शिव ने उठाया , उधर से आई आवाज़ से नन्हें शिव के चेहरे और आँखों में खुशी की चमक आ गई । फोन रख वो समीर से लिपट गया , “पापा !पापा !मम्मी ठीक हो गई , हॉस्पिटल से फोन आया था कि मम्मी ने अपनी आँखें खोल दी , चलो पापा जल्दी चलो । “
“क्या ???अनु ठीक हो गई , मेरी अनु ठीक हो गई , माँ पापा सुना आपने आपकी सेल्फी क्वीन ठीक हो गई । चलो शिव ! आज अनु के साथ ढेर सारी सेल्फियाँ लेंगे । ” समीर भी बच्चों की तरह अपने मम्मी पापा से लिपट गया ।
माँ ने ईश्वर और डॉक्टरों को ढेर सारा धन्यवाद दिया कि उनके घर की खुशियाँ लौट आईं और साथ ही उनकी लाड़ली सेल्फी क्वीन भी जल्दी ही घर आ जायेगी ।
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