Navratri Story: वैशाली बेटा उठो आज माँ दुर्गा का आगमन है।पूजा घर की साफ सफाई करना है,मां दुर्गा की स्थापना करना है।अपनी मां की बातें सुनकर वैशाली जो बहुत दिनों से रात भर सो नहीं पा रही थी,क्योंकि कुछ दिनों पहले ही अखबार में जो खबर पड़ी थी उसने उसको अंदर तक हिला के रख दिया था,और उसे एक बेबसी सी महसूस हो रही थी।
ऐसा सिर्फ उसके साथ ही नहीं पूरे देश की लड़कियों को महसूस हो रही थी। वैशाली ने कहा-” किसकी स्थापना करूं मम्मी और क्यों करूं इतनी बड़ी घटना हो गई है इस देश में क्या भगवान बचा पाए?उस वक्त जब उस लड़की के साथ ये हो रहा था, कहां थी आपकी दुर्गा मां?”
वैशाली की बातें सुनकर उसकी मम्मी ने कहा-“मैं तुम्हारी भावनाओं को समझ रही हूं कि तुम बहुत नाराज हो,गुस्से में हो,पर यह बताओ बेटा की क्या भगवान ने इंसान को ऐसा बना कर भेजा था?उसने तो इंसान को अच्छा बनाया।किसकी गलती है बेटा?यह गलती इंसान की अपनी सोच की है तो इसमें तुम भगवान को दोष क्यों दे रही हो?
अपनी मां की बातें सुनकर वैशाली ने कहा-“तुम कहीं कुछ हद तक ठीक कह रही हो मां की भगवान दोषी नहीं है लेकिन जब ऐसी भयानक घटनाएं बच्चियों और लड़कियों के साथ होती है और उनकी जब चीख निकलती है तब वो सब शक्तियां जागृत क्यों नहीं होती है?
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हमें इतना ज्यादा विश्वास है कि भगवान हमारी रक्षा करते हैं तो उस वक्त फिर आना चाहिए ना उन्हें। 84 करोड़ देवी देवता वाले देश में क्या कोई एक भगवान नहीं आ सकता। मां हमें भगवान से पैसे नहीं चाहिए।हमें ये मदद चाहिए कि जब ऐसी स्थिति हो जहां कोई और इंसान नहीं आ पा रहा है बचाने तब तो फिर भगवान की शक्तियां जागृत होनी चाहिए ना मैं इसीलिए बहुत ज्यादा उदास हूं” वैशाली की बातें सुनकर उसकी माँ ने कहा-” मैं समझ सकती हूं बेटा की तुम्हारे आज भावनाओं का समंदर बहुत गहरा है तुम्हें इससे निकालना बहुत मुश्किल हो रहा है लेकिन बेटा ये इंसान की खुद की सोच है।
हमारे समाज में कुछ ऐसे विकृत मानसिकता वाले इंसान हैं जो जानवरों से भी गिरी हरकत करते हैं। मैं भी एक औरत हूं बेटा मुझे भी बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है और इस बात की तो मुझे भी परेशानी है कि हमारे देश की जो कानून व्यवस्था है वह बहुत लचर है , गिरी हुई हरकतों की सजा बहुत ज्यादा कठोर होना चाहिए कि ऐसा करने से पहले इंसान बार -बार सोचे।
आज देश की लड़कियों का यही एक बहुत बड़ा काम है कि सब एक जूट होकर अपने सुरक्षा के अधिकारों के लिए मांग करें।और जहाँ तक भगवान के प्रति आस्था और श्रद्धा की बात है,वो ये नहीं बोलते हैं कि मेरे सामने 12-12 घंटे बैठकर पूजा करो।
बेटा भगवान सिर्फ ये चाहते हैं कि इंसान अपने विचार अच्छे रखें,किसी को भी इस तरीके की दृष्टि से नहीं देखे आपस में अच्छा व्यवहार रखें।यही सबसे बड़ा धर्म है, और जब सभी ऐसी सोच रखेंगे तब धीरे-धीरे ये शक्तियां जागृत होगी।शक्तियां हर इंसान के खुद उसके अंदर हैं।
मां की बात सुनकर वैशाली को बहुत सुकून महसूस हुआ और उसने अपनी मम्मी से कहा कि तुम ठीक कह रही हो मां आज हमें अपने समाज में बहुत ज्यादा बदलाव की जरूरत है जैसे आज भी बच्चों की परवरिश में हम भेदभाव देख रहे हैं लड़के लड़की को पालने का जो तरीका होता है उसमें सुधार की जरूरत है मैंने अपने बहुत से दोस्तों को देखा है की वह अपनी बहनों को उतना सम्मान नहीं देते हैं और,
घर के अन्य सदस्य भी इस बात को बहुत ज्यादा महत्व नहीं देते हैं की लड़कियां भी सम्मान की हकदार है फिर यह आदत ही पड़ जाती है की सारी स्त्री जाति को उस सम्मानीय नजर से नहीं देखते हैं। उनको सिर्फ भोग्या समझने लगते हैं।
हमें इस मुद्दे पर भी बहुत ज्यादा ध्यान देना है। इस मानसिकता के लोग बचपन से ऐसे नहीं होते हैं कौन से कारण से इस तरह की विकृत मानसिकता का जन्म होता है। हां बेटा बिल्कुल वैशाली के विचार जानकर उसकी माँ ने कहा- अब तुम्हें समझ में आया तुमने उन शक्तियों को पहचाना। मुझे तुम्हारी समझदारी पर गर्व है।तुम एक बात और इस मुद्दे पर रखो कि आज के नवयुवक अपनी मर्यादा को समझें,कहां कैसे कपड़े पहनना है लड़का- लड़की दोनों पर लागू होना चाहिए।
हां मां हमारे समाज के पतन का ये भी बहुत बड़ा कारक है। इस पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है।हाँ बेटा वैशाली जब व्यवहार और मानसिकता में सुधार आएगा तो समाज में भी सुधार शुरू हो जाएगा और दुर्गा देवी एवं समस्त देवी देवता अपनी शक्तियां खुद ही वह इंसान को दे देंगे।
