पेरेंट्स की इन आदतों के चलते बच्चे खो दते हैं आत्मविश्वास
पेरेंट्स की इन आदतों की वजह से बच्चा स्ट्रेस में आ जाता है।बच्चे के मन में आत्मग्लानि होने लगती है।
Parenting Advice: बच्चे और माता पिता के बीच का रिश्ता काफी नाजुक होता है। बच्चा चाहे जिस भी उम्र का हो, वो हर वक़्त अपने माता पिता का प्यार भरा व्यवहार ही पसंद करता है। लेकिन अगर आप यही सोच कर अपने बच्चे के ऊपर ढेर सारा प्यार लुटाते हैं तो समझ लीजिये जल्द ही बच्चा बिगड़ने वाला है। ठीक इसके उलट अगर आप अचानक से गुस्सा करना शुरू कर देते हैं, तो बच्चा ये समझ ही नहीं पाता है, की आप उसके साथ किस तरह से पेश आना चाहते हैं। पेरेंट्स की इन आदतों की वजह से बच्चा स्ट्रेस में आ जाता है।बच्चे के मन में आत्मग्लानि होने लगती है।
आइये जानते हैं माता पिता की इन आदतों के बारे में कुछ ख़ास बातें।
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आपकी पेरेंटिंग

पुराने समय में पेरेंटिंग के नाम पर माता पिता से बच्चे दर कर रहते थे। माता पिता का व्यवहार थोड़ा सख्ती भरा होता था। जिसकी वजह से बेशक कई बच्चे बड़े होने पर अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके हैं। लेकिन उनके मन में बचपन की वो कड़वी यादें जो उनके माता पिता ने उन्हें दी है पूरी तरह से जज्ब हो चुकी हैं। उन्हें लगने लगता है की शायद पेरेंटिंग का यही तरीका ठीक है। इसलिए पीढ़ी दर पीढ़ी यही तरीका चलता रहता है। अपनी इस आदात को बदलें और बच्चे के साथ परिस्तिथि के हिसाब से ढल कर उसी तरह का व्यव्हार करें।
स्ट्रेस

ऑफिस,घर का काम या परिवार की अन्य जिम्मेदारियों के चलते माता पिता को स्ट्रेस होने लगता है। ये स्ट्रेस धीरे धीरे चिड़चिड़ेपन और गुस्से का रूप ले लेता है। कई बार यही चीज हम अपने बच्चों के ऊपर भी निकाल देते हैं। बेशक ऐसा व्यवहार हम अपने बच्चों के साथ जानबूझ कर नहीं करते हैं। लेकिन जाने अनजाने बच्चे हमारे इस आदत की वजह से परेशान रहने लगते हैं। माता पिता को चाहिए की अपना ये व्यवहार बदल लें और बच्चे के साथ ठीक तरह से पेश आएं।
नकारात्मक सोच रखना

अक्सर माता पिता अपने बढ़ते हुए बच्चे को ले कर ना जाने कितनी ही तरह की बातें सोचते हैं। कुछ सकारात्मक हो भी रहा होता है तब भी हम इस सोच में होते हैं की कहीं हमारा बच्चा गलत संगत में तो नहीं। इस तरह की नकारात्मक सोच रखने से कहीं बेहतर है की आप अपने बच्चे के साथ खुल कर बात करें। अगर वो गलत कदम नहीं उठा रहे हैं तो खुश रहें। अगर कहीं उनसे कोई गलती हो रही है तो उन्हें समझाएं। उन्हें बार बार टोकने की जगह समझा कर प्यार से उन्हें ठीक रास्ते पर चलने के लिए कहें। उन्हें आश्वासन दें की हर स्तिथि में आप उनके साथ हैं।
दोस्ताना व्यवहार

अपने बच्चों के साथ प्यार भरा दोस्ताना व्यवहार करें। उनकी बात पर चिल्लाने या गुस्सा होने की जगह अच्छे से पेश आएं। जो चीज प्यार से समझायी जा सकती है उस पर सख्ती क्यों बरतना। बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार करें जिस से वो आपको हर बात बताने के लिए उत्सुक रहें।
