बच्चा सुनेगा आपकी बात ख़ुशी ख़ुशी, बस करें इन 3 शब्दों का इस्तेमाल
बात बात पर बच्चे को ना कह देना हमारी आदत हो जाती हैं, और बच्चे को हमारी बात ना सुनने की, इसके लिए सबसे अच्छा हल यही हैं की आप बच्चे की जगह खुद को रख कर देखें
Parenting Advice: हर माता पिता की अक्सर यही शिकायत रहती हैं की उनका बच्चा उनकी बात नहीं सुनता हैं, इसी तरह बच्चों की शिकायत ये रहती हैं की माता पिता उसकी हर बात के लिए ना में ही जवाब देते हैं। आखिर इस बात का हल निकालें तो क्या? अगर आप भी इसी असमंजस में हैं तो चलिए आज जानते हैं बच्चों को ना कहने की जगह आप उनके साथ ऐसे किन शब्दों का इस्तेमाल करें जिसे वो प्यार से सुनें और झट से खुश हो कर मान भी लें। बात बात पर बच्चे को ना कह देना हमारी आदत हो जाती हैं, और बच्चे को हमारी बात ना सुनने की, इसके लिए सबसे अच्छा हल यही हैं की आप बच्चे की जगह खुद को रख कर देखें, शायद तब आप समझ पाएंगे हर बात में ना सुनना कितना ख़राब लगता हैं।
आपको ज्यादा कुछ नहीं करना हैं बस अपने ना को बदल दीजिये इन तीन जादुई शब्दों में जिसे बच्चे आसानी से मान लें। आइये जानते हैं क्या हैं वो 3 शब्द।
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आओ बातें करें
बच्चे को किसी भी बात के लिए ना कहने की जगह उन्हें अपनी मौजूदगी का एहसास कराएं। बच्चा किसी भी काम या खेल में व्यस्त हो और आप उसका ध्यान हटाना चाहते हों तो उसे जा कर कहें आओ कुछ बातें करते हैं, आप अपने दोस्तों के बारे में कुछ बताओ हम भी आपको अपने स्कूल और दोस्तों के बारे में कुछ बताते हैं। इस तरह बच्चा काफी खुश हों जाएगा और अपने मन की बातें आपसे साझा कर पायेगा, और आपको ना कहने की जरुरत भी नहीं पड़ेगी।
चलो कुछ खेलें
बच्चों को खेलना बहुत पसंद होता हैं, लेकिन काम की व्यस्तता के चलते माता पिता बच्चे के साथ उसका मनचाहा खेल नहीं खेल पाते हैं, तब बच्चा अपने आप में व्यस्त हों जाता हैं। बच्चा जब मोबाइल टीवी आदि की मांग करे तो आप कितने भी व्यस्त हों थोड़ा सा समय निकाल कर अपने बच्चे के साथ उसके पसंद का कोई भी खेल जरूर खेलें लेकिन मोबाइल या टीवी पर नहीं बल्कि कोई एक्टिविटी वाला खेले खेलें, बच्चे के चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी देखने को मिलेगी और आपको भी बच्चे के साथ कुछ समय मिलने पर अच्छा महसूस होगा।
समय का एहसास कराएं
जब बच्चे को खेलते हुए काफी वक़्त हों जाए और आप उसे होमवर्क करना चाहे या पढाई के लिए बैठना चाहें तो इसी समय खेल बंद कर के पढ़ने बैठो, ऐसा कहने की जगह बच्चे को एहसास कराएं की उसे अब थोड़ी देर में खेल पूरा कर लेना है ताकि वो समय पर अपनी पढाई कर पाए और अगले दिनस्कूल जाने के लिए बाकी तैयारियां कर पाए। इस तरह रोज़ रोज़ समझाने पर बच्चे को आदत हों जाएगी और आपके कहने पर वो कुछ देर में अपना खेल समेट कर अपनी पढाई पर ख़ुशी ख़ुशी ध्यान देने लगेगा।
बच्चे का मन बहुत कोमल होता है। कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने या गुस्सा दिखने की जगह एक बार प्यार और समझदारी से काम लें, बच्चा प्यार की भाषा बहुत जल्दी और अच्छे से समझने लगता है और उसके मन में अपने माता पिता के लिए लगाव बढ़ता है।