Hindi Short Story: “शकुंतला बता रही थी कि इस बार संक्रांत पर उसकी बहू पूरे परिवार को बुला रही है।।
हमारी बहू के मायकेवालों ने तो पहली संक्रांत पर ही पूरे कुनबे का नेग पहुंचा दिया था।
वैसे जिज्जी आपकी बहू कब मना रही है। 2 साल हो गए ना शादी को…!!”
कमलेश जी की देवरानी पास बैठी उनकी बहू की तरफ देखते हुए बोली।।
“अरे! मैं तो बताना ही भूल गई बिमला। 2 दिन पहले ही मेरी समधन का फोन आया था इसी सिलसिले में। पूछ रही थी क्या-क्या भिजवाना है।।”
” देर आए दुरुस्त आए।।” विमला खिसियाना सा मुंह बनाते हुए बोली।
उसके जाने के बाद कमलेश जी की बहू जो उनकी बातें सुन रही थी, बोली
“मम्मी जी, आपको तो पता है ना!! अभी हमारे घर की माली हालत….!!”
” मुझे सब पता है बहू। तू परेशान मत हो।। तू इस बार संक्रात पर पूरे कुनबे को बुलाएगी और उसका इंतजाम मैं करूंगी। अब तू इस घर की बहू है तो तेरा व तेरे मायके वालों का मान सम्मान हमारी जिम्मेदारी।”
अपनी सास की बात सुन बहू की आंखें श्रद्धा से झुक गई।
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