Baby Genital Care: शिशु की संपूर्ण सुरक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है, उसके प्राइवेट पार्ट की स्वच्छता का। आइए जानें, इसी बारे में-
एक शिशु अपने पालन-पोषण से जुड़ी हर आवश्यकता के लिए अपनी मां पर निर्भर होता है, इसलिए बहुत ज़रूरी हो जाता है उसकी स्वच्छता तक पर विशेष ध्यान देना। आमतौर पर मान लिया जाता है कि शिशु को नहला देने भर से उसकी सारी क्लिनिंग हो गई है। असल में ऐसा नहीं है। शरीर के ये पार्ट विशेष देखभाल और स्वच्छता की मांग करते हैं। साथ ही लड़के-लड़की की शारीरिक संरचना अलग होने के कारण इनकी क्लिनिंग का तरीका भी अलग होता है-
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बेटी के प्राइवेट पार्ट्स की क्लिनिंग
1.नहलाते समय बेटी के गुप्तांगों को अच्छी तरह से धोएं।
2.दिन के समय में हर एक घंटे और रात में कम से कम एक बार चेक करें कि बेटी की नैपी बदलने की जरूरत तो नहीं है। ज़रूरत होने पर नैपी को तुरंत बदलें, क्योंकि गंदी नैपी और गीलेपन से शिशु की त्वचा में जलन पैदा हो सकती है।
- 3.शुरुआती हफ्ते में नैपी वाली जगह को पानी से धोएं या फिर पानी में थोड़ा लिक्विड क्लीनर डालें। आप बेबी वाइप्स का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- 4.साबुन से बने शिशुओं के पदार्थ या बेबी वाइप्स, जिनमें अल्कोहल हो, उनका इस्तेमाल ना करें, क्योंकि यह आपके शिशु के प्राकृतिक बैलेंस को बिगाड़ सकता है।
- 5.कोशिश करें कि अपने शिशु को ज्यादा से ज्यादा बिना नैपी के रहने दें। नई नैपी पहनाने की जल्दी
ना करें। - 6.उसके अंगों को बेबी वाइप्स से ऊपर से नीचे तक व आगे से पीछे तक अच्छी तरह से साफ करें। ऐसा करने से उसके गुप्तांग में बैक्टीरिया नहीं जाएंगे।
- 7.गुप्तांगों को साफ करने के बाद किसी साफ कपड़े से पोंछें।
- 8.इस बात का ध्यान रखें कि शुरुआत के कुछ हफ्तों में शिशु का गुप्त अंग सूजा हुआ होता है, जिसमें रेडनेस होती है। कुछ सफेद या थोड़ा खून निकले तो इसको देखकर घबराएं नहीं, क्योंकि यह होना आम बात है। जब आपकी बेटी आपके पेट में थी, तब आपके हॉर्मोन्स के संपर्क में थी। अगर छह हफ्ते बाद भी यह होता है तो अपने डॉक्टर से बात करें।
बेटे के प्राइवेट पार्ट्स की क्लिनिंग
1.नैपी बदलते समय उसके गुप्तांगों को अच्छी तरह से साफ करें।
2.इसके लिए रुई को साफ पानी में डुबोकर साफ करें।
3.आप बेबी वाइप्स का भी इस्तेमाल कर सकती हैं, क्योंकि यह भी रुई की तरह कोमल होते हैं।
4.शिशु के गुप्तांग की फोरस्किन उसके गुप्त अंग से जुड़ी होती है, इसलिए आप खुद इसे अलग करने की कोशिश ना करें। जब वह दो-तीन साल का होता है तो यह अपने आप अलग हो जाएगी।
5.अगर आपके शिशु की फोरस्किन को आपके धर्म के अनुसार काटना भी पड़े तो आप उसके गुप्तांगों को नहलाते समय भी साफ कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए साबुन के पानी का इस्तेमाल ना करें, बल्कि
साफ सादे पानी का ही इस्तेमाल करें।
6.नहलाने के बाद उस पर आप वैस्लीन लगा सकती हैं। नैपी पहनाते समय उसके प्राइवेट पार्ट को नीचे की तरफ रखें।
7.कुछ दिन आपको उसका गुप्तांग सूजा हुआ और लाल लगेगा और उसमें से कुछ पीले रंग का अपशिष्ट निकलता हुआ भी नजर आ सकता है। इसे देखकर परेशान ना हो, क्योंकि यह सभी चोट के ठीक होने के आम संकेत हैं।
8.अगर इंफेक्शन हो जाए तो उसके गुप्तांग पर रेडनेस खत्म नहीं होती और खून निकलता है और यह सूजा रहता है। गीला होने पर शिशु को दर्द भी होता है। जैसे ही ऐसा कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं।
नैपी कैसे बदलें
बच्चों को अकसर नैपी बदलने की जरूरत होती है लेकिन इसे कितनी बार बदलना है, यह उनकी त्वचा की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। बहुत छोटे बच्चों को जहां 10 से 12 बार नैपी बदलने की जरूरत होती है, वहीं थोड़े बड़े बच्चों को 6 से 8 बार।
1.अगर बच्चे ने नैपी गंदी कर दी है तो नैपी के आस-पास की सभी जगहों को अच्छी तरह व सावधानीपूर्वक साफ करें। खासकर त्वचा के फोल्डस के अंदर से।
2.अगर आप डिस्पोजेबल नैपी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो चिपकाने वाले हिस्से पर कोई क्रीम या पानी ना लगे, इस बात का ध्यान रखें।
3.अगर आप कपड़े की नैपी इस्तेमाल कर रहे हैं तो नैपी लाइनर में डालकर नैपी को बांधें।
4.कुछ समय के लिए अपने शिशु को बिना नैपी के चेंजिंग मैट पर लिटाएं, क्योंकि हर समय नैपी से बच्चों को रैशेज हो सकते हैं।
5.शिशु को नैपी हमेशा चेंजिंग मैट या जमीन पर लिटाकर ही बदलें।
6.नैपी बदलते समय कभी भी बच्चे से दूर ना जाएं और उनसे अपनी नजर कभी ना हटाएं। आप कोई खिलौना देकर उनका ध्यान बंटा सकते हैं।
7.नैपी बदलते समय बच्चे से बात करती रहें। उनके साथ हंसने-मुस्कुराने से वे आपको समझेंगे और शिशु के विकास के लिए भी यह अच्छा होता है। रखें इन बातों का ख्याल द्य शिशु की फोरस्किन उसके गुप्त अंग से जुड़ी होती है, इसलिए आप खुद इसे अलग करने की कोशिश ना करें। जब वह दो-तीन साल का होऌगा तो यह अपने आप अलग हो जाएगी।
- अगर आपके शिशु की फोरस्किन को आपके धर्म के अनुसार काटना भी पड़े तो आप उसके गुप्तांगों को नहलाते समय भी साफ कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए साबुन के पानी का इस्तेमाल ना करें, बल्कि साफ सादे पानी का ही इस्तेमाल करें।
(एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल बत्रा से बातचीत पर आधारित)
